नई दिल्ली: नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के आरोपी दिल्ली सरकार के निलंबित अफसर प्रेमोदय खाखा और उसकी पत्नी की न्यायिक हिरासत कोर्ट ने बुधवार को बढ़ा दी. एडिशनल सेशन जज ऋचा परिहार ने खाखा और उसकी पत्नी को छह सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. एक दिन की न्यायिक हिरासत खत्म होने के बाद तीस हजारी कोर्ट में आरोपी पति-पत्नी की पेशी हुई. बंद कोर्ट रूम में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने खाखा और उसकी पत्नी सीमा रानी दोनों की रिमांड नहीं मांगी.
आरोपियों के वकील यूएस गौतम ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अदालत ने खाखा की नसबंदी से संबंधित रिपोर्ट मेडिकल बोर्ड से मांगी है. उन्होंने कहा कि प्रेमोदय खाखा ने साल 2005 में नसबंदी करवाई थी. इसलिए खाखा किसी किसी महिला को गर्भवती नहीं कर सकता. इसलिए खाखा के खिलाफ पीड़िता द्वारा प्रेग्नेंसी को लेकर लगाए गए आरोप आधारहीन हैं. साथ ही कहा कि खाखा के खिलाफ आरोप झूठे हैं. उन्होंने अपनी नसबंदी करवा ली थी और इसके अलावा उसकी मर्दानगी समेत अन्य अहम जांच पुलिस ने गिरफ्तार करने के 24 घंटे के अंदर ही करवा ली थी. अब कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड से उसकी नसबंदी की रिपोर्ट मांगी है.
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गौरतलब है कि सोमवार को नाबालिग के यौन शोषण के आरोप में दिल्ली सरकार के अधिकारी प्रेमोदय खाखा (51) और उसकी पत्नी सीमा रानी (50) को गिरफ्तार किया था. डीसीपी नॉर्थ जिला सागर सिंह कलसी ने कहा कि खाखा की पत्नी ने पीड़िता को धमकाया था और उसने गर्भपात कराने के लिए कहा था. प्रेमोदय खाखा महिला और बाल विकास विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात थे. दिल्ली सरकार ने फिलहाल उन्हें सस्पेंड कर दिया है. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में रेप, छेड़छाड़, आपराधिक साजिश, चोट पहुंचाने, बिना इच्छा गर्भपात कराने और पॉक्सो एक्ट समेत कई अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है.
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