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फर्जी डॉक्यूमेंट्स बनाकर किराएदार ने रची फ्लैट हड़पने की साजिश, सच्चाई सामने आने के बाद गिरफ्तार

साउथ डिस्ट्रिक्ट के ग्रेटर कैलाश थाने की पुलिस टीम ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फ्लैट को ही हड़पने को कोशिश कर रहे एक किराएदार को गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान अमित कुमार के रूप में हुई है. (Conspirator arrested for grabbing flat in Greater Kailash)

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Published : Nov 27, 2022, 8:23 PM IST

Updated : Nov 29, 2022, 1:42 PM IST

नई दिल्लीः साउथ डिस्ट्रिक्ट के ग्रेटर कैलाश थाने की पुलिस टीम ने एक ऐसे आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उस फ्लैट को ही हड़पने की कोशिश कर रहा था, जिसमें वह किराए पर रह रहा था. गिरफ्तार आरोपी की पहचान अमित कुमार के रूप में हुई है. वह यूपी के मुजफ्फरनगर का रहने वाला है. (Conspirator arrested for grabbing flat in Greater Kailash)

डीसीपी चंदन चौधरी के अनुसार, ग्रेटर कैलाश थाने की पुलिस को दी गई शिकायत में शिकायतकर्ता ने बताया कि ग्रेटर कैलाश एन्क्लेव स्थित उनके फ्लैट में किराए पर रह रहा एक किराएदार अमित कुमार साजिश रचकर उनके प्रोपर्टी को हड़पने की कोशिश में था. शिकायत के आधार पर पांच सितंबर को मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई. इसके लिए एसीपी सीआर पार्क की देखरेख में एसएचओ अजित कुमार के नेतृत्व में इंस्पेक्टर अनिल कुमार, एएसआई नीरज और अन्य की टीम का गठन किया गया.

फर्जी डॉक्युमेंट्स बनाकर फ्लैट हड़पने की कोशिश

जांच के दौरान पुलिस ने शिकायतकर्ता से संबंधित दस्तावेजों को प्राप्त कर उसका विश्लेषण किया. इसके बाद पुलिस ने प्रॉपर्टी से अन्य दस्तावेजों और आरोपियों के बैंक अकाउंट के स्टेटमेंट्स की भी जांच की, जिसमें उन्हें पता चला कि हेमंत बारीक ने खुद को झारखंड पुलिस का एक्स सीनियर ऑफिसर बताते हुए 2014 में उनका फ्लैट फैमिली के साथ रहने के लिए किराए पर लिया था और 2016 तक उसमें वह रहा.

इस दौरान उसकी मुलाकात अमित कुमार से हुई और दोनों ने मिलकर फ्लैट को हड़पने की योजना बनाई. उसने अमित को ग्रेटर कैलाश एन्क्लेव स्थित उस फ्लैट में शिफ्ट करवाया और खुद गायब हो गया. जब फ्लैट के मालिक को यह एहसास हुआ कि हेमंत बारीक उस फ्लैट में नहीं रह रहा है तो उसने अमित से पूछताछ की. वह खुद को हेमंत का केयरटेकर होने की बात बताई थी.

कुछ समय के बाद हेमंत बारीक ने मकान मालिक को किराया देना बंद कर दिया. इसके बाद मकान मालिक ने अमित से किराया मांगा तो उसने एक के बाद एक बहाना बनाते हुए छह-सात महीने निकाल दिए. इसके बाद उसने शिकायतकर्ता से कहा कि उसने हेमंत को एडवांस में काफी पैसे दे चुका है, क्योंकि उसने खुद को फ्लैट का ओनर बताया था. इस पर मकान मालिक उस पर फ्लैट खाली करने का दबाव बनाने लगा, लेकिन अमित ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर स्टे ऑर्डर प्राप्त कर लिया. इसके बाद पुलिस ने सभी दस्तावेजों और बैंक अकाउंट्स के स्टेटमेंट्स की गहन जांच की, जिसमें उन्हें पता चला कि आरोपियों ने साजिश के तहत फर्जी दस्तावेज बनाकर फ्लैट को हड़पने की कोशिश कर रहा है.

ये भी पढ़ेंः वकालत करते-करते करने लगे ठगी का काम, 193 लोगों को लगाया करोड़ों का चूना

पुलिस ने आरोपी को साकेत कोर्ट परिसर से गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में उसने बताया कि हेमंत ने फ्लैट को हड़पने की साजिश रची और इसके लिए उसने 70 लाख रुपये उसे दिए थे. जिसे उसने धीरे-धीरे अपने एकाउन्ट में जमा किया और फिर 70 लाख रुपए हेमंत के एकाउन्ट में ट्रांसफर कर दिया, जिससे वो खरीदारी के सबूत के रूप में दिखा सकें. जबकि वो अच्छी तरह से वाकिफ था कि हेमंत वहां पर किराए पर रह रहा था. इसके लिए उसने फर्जी दस्तावेज भी बनवाए थे, जिससे वो उस पर अपना मालिकाना हक साबित कर सके.

नई दिल्लीः साउथ डिस्ट्रिक्ट के ग्रेटर कैलाश थाने की पुलिस टीम ने एक ऐसे आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उस फ्लैट को ही हड़पने की कोशिश कर रहा था, जिसमें वह किराए पर रह रहा था. गिरफ्तार आरोपी की पहचान अमित कुमार के रूप में हुई है. वह यूपी के मुजफ्फरनगर का रहने वाला है. (Conspirator arrested for grabbing flat in Greater Kailash)

डीसीपी चंदन चौधरी के अनुसार, ग्रेटर कैलाश थाने की पुलिस को दी गई शिकायत में शिकायतकर्ता ने बताया कि ग्रेटर कैलाश एन्क्लेव स्थित उनके फ्लैट में किराए पर रह रहा एक किराएदार अमित कुमार साजिश रचकर उनके प्रोपर्टी को हड़पने की कोशिश में था. शिकायत के आधार पर पांच सितंबर को मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई. इसके लिए एसीपी सीआर पार्क की देखरेख में एसएचओ अजित कुमार के नेतृत्व में इंस्पेक्टर अनिल कुमार, एएसआई नीरज और अन्य की टीम का गठन किया गया.

फर्जी डॉक्युमेंट्स बनाकर फ्लैट हड़पने की कोशिश

जांच के दौरान पुलिस ने शिकायतकर्ता से संबंधित दस्तावेजों को प्राप्त कर उसका विश्लेषण किया. इसके बाद पुलिस ने प्रॉपर्टी से अन्य दस्तावेजों और आरोपियों के बैंक अकाउंट के स्टेटमेंट्स की भी जांच की, जिसमें उन्हें पता चला कि हेमंत बारीक ने खुद को झारखंड पुलिस का एक्स सीनियर ऑफिसर बताते हुए 2014 में उनका फ्लैट फैमिली के साथ रहने के लिए किराए पर लिया था और 2016 तक उसमें वह रहा.

इस दौरान उसकी मुलाकात अमित कुमार से हुई और दोनों ने मिलकर फ्लैट को हड़पने की योजना बनाई. उसने अमित को ग्रेटर कैलाश एन्क्लेव स्थित उस फ्लैट में शिफ्ट करवाया और खुद गायब हो गया. जब फ्लैट के मालिक को यह एहसास हुआ कि हेमंत बारीक उस फ्लैट में नहीं रह रहा है तो उसने अमित से पूछताछ की. वह खुद को हेमंत का केयरटेकर होने की बात बताई थी.

कुछ समय के बाद हेमंत बारीक ने मकान मालिक को किराया देना बंद कर दिया. इसके बाद मकान मालिक ने अमित से किराया मांगा तो उसने एक के बाद एक बहाना बनाते हुए छह-सात महीने निकाल दिए. इसके बाद उसने शिकायतकर्ता से कहा कि उसने हेमंत को एडवांस में काफी पैसे दे चुका है, क्योंकि उसने खुद को फ्लैट का ओनर बताया था. इस पर मकान मालिक उस पर फ्लैट खाली करने का दबाव बनाने लगा, लेकिन अमित ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर स्टे ऑर्डर प्राप्त कर लिया. इसके बाद पुलिस ने सभी दस्तावेजों और बैंक अकाउंट्स के स्टेटमेंट्स की गहन जांच की, जिसमें उन्हें पता चला कि आरोपियों ने साजिश के तहत फर्जी दस्तावेज बनाकर फ्लैट को हड़पने की कोशिश कर रहा है.

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पुलिस ने आरोपी को साकेत कोर्ट परिसर से गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में उसने बताया कि हेमंत ने फ्लैट को हड़पने की साजिश रची और इसके लिए उसने 70 लाख रुपये उसे दिए थे. जिसे उसने धीरे-धीरे अपने एकाउन्ट में जमा किया और फिर 70 लाख रुपए हेमंत के एकाउन्ट में ट्रांसफर कर दिया, जिससे वो खरीदारी के सबूत के रूप में दिखा सकें. जबकि वो अच्छी तरह से वाकिफ था कि हेमंत वहां पर किराए पर रह रहा था. इसके लिए उसने फर्जी दस्तावेज भी बनवाए थे, जिससे वो उस पर अपना मालिकाना हक साबित कर सके.

Last Updated : Nov 29, 2022, 1:42 PM IST

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