नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली के लोगों के स्वास्थ लाभ और बच्चों के मनोरंजन के लिए हर इलाके में पार्क बनाए गए हैं और लगातार इसकी रख-रखाव भी की जाती है. ये पार्क ही है जो इस भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों को अपने सकून का पल बिताने के लिए ठिकाना देता है. एक तरह से पार्क दिल्लीवासियों की अहम जरूरतों में शामिल हो चुका है. ऐसे में लागतार इन पार्कों को मेंटेन किये जाने की जरूरत होती है. लेकिन दिल्ली के कुछ पार्क रख-रखाव के आभाव में और प्रशासनिक उदासीनता की वजह से जर्जर हालात में पहुंच चुके हैं, जहां लोग चाह कर भी समय नहीं बीता पाते हैं.
ऐसा ही एक पार्क दिल्ली देहात के बक्करवाला में स्थित है, जिसे डीडीए पार्क भी कहते हैं. 20 एकड़ में फैले इस पार्क को लोगों की सुविधा के लिए तो बनाया गया, लेकिन उसके बाद कभी इसके मेंटेनेंस की तरफ ध्यान नहीं दिया गया, जिस कारण दिन-ब-दिन ये पार्क अपनी सुंदरता खोते हुए जर्जर हो गया है. स्थानीय नागरिकों ने बताया कि ये पार्क सड़क से नीचे है, जिस वजह से बारिश के समय अक्सर इसमें पानी भर जाता है. लोगों के बैठने की कोई व्यवस्था नहीं है, जो शेड लगाए गए थे, वो टूट चुकी है और चारदीवारी भी ढह गई है. (Condition of Bakkarwala DDA park is bad)
इतना ही नहीं, पार्क में हरियाली के नाम पर कुछ भी नहीं है. यहां तक कि वॉक रैंप भी टूटे पड़े हैं. स्थानीय लोगों का आरोप है कि सालों से बदहाल इस पार्क के जीर्णोद्धार की मांग उठाई गई है, लेकिन डीडीए की तरफ से इसे लेकर कोई पहल नहीं की गई है. ये पार्क आवारा पशु और असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है. जहां वो जुआ खेलते और शराब पीते अक्सर नजर आ जाते हैं. इस कारण गांव के सभ्य लोग इस पार्क में जाने से भी कतराते हैं.
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स्थानीय लोगों की मांग है कि सरकार इस पार्क की बदहाली को संज्ञान में लेते हुए डीडीए को इसके जीर्णोद्धार के निर्देश दें. सबसे पहले इसमें मिट्टी भर कर इसे ऊंचा करने की जरूरत है और फिर यहां पेड-पौधे लगाए जाएं. इसके साथ ही मूलभूत सुविधाओं की भी व्यवस्था की जाए, जिससे ये पार्क फिर से पहले की तरह सुंदर और हरा-भरा हो सके और लोग यहां आकर स्वास्थ लाभ के साथ कुछ सुकून के पल बिता सके.