नई दिल्ली: चांदनी चौक एक ऐतिहासिक क्षेत्र है. मुगल शासक शाहजहां ने इसका निर्माण करवाया था. इस इलाके में छोटी झील बनवाई और उसमें फव्वारे लगवाए. चांदनी रात में फव्वारे खूबसूरत नजारों बदल जाते थे और इसकी शानदार चमक के कारण इस इलाके का नाम चांदनी चौक पड़ गया.
इस इलाके में लाल किला और जामा मस्जिद भी मुगल शासन के दौरान बनवाई गई थी. वर्तमान में यह इलाका देश का सबसे बड़ा थोक बाजारों में गिना जाता है और दिल्ली का सबसे पुराना और चर्चित बाजार है.
क्या है राजनीतिक समीकरण
बता दें कि चांदनी चौक विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता 113787 हैं.जिसमें 62723 पुरुष और 51055 महिला मतदाता है. चांदनी चौक विधानसभा सीट पर लंबे समय तक कांग्रेस का परचम लहराता रहा है. 1951 में पहली बार इस विधानसभा सीट पर चुनाव कराए गए.जिसमें कांग्रेस के नेता युद्धवीर सिंह ने जीत हासिल की और इसके बाद 1998 से लेकर 2013 तक प्रहलाद सिंह साहनी कांग्रेसी विधायक रहे. 2013 में आम आदमी पार्टी से अलका लांबा ने चुनाव लड़ा और विधायक बनी, लेकिन मौजूदा हालत में अभी यहां पर कोई भी विधायक नहीं है.
क्या कहते हैं लोग
चांदनी चौक विधानसभा क्षेत्र में आज भी कई समस्याएं हैं. लोगों का कहना है कि पिछले पांच साल में अलका लांबा ने भले ही बड़े-बड़े दावे किए, लेकिन जमीनी हकीकत पर सच्चाई नहीं है. उनका मानना है कि आज इलाको में साफ सफाई, बिजली के तार, पार्किंग, सामुदायिक भवन, ट्रांसपोर्ट की समस्या सबसे ज्यादा है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि विधायक सिर्फ अपने नाम के लिए ही है. वह कभी भी इलाकों में नहीं पहुंचती हैं. कई बार जब उनसे मिलने की कोशिश की जाती है तो वह अपने दफ्तर तक में नहीं मिलती हैं.
फिलहाल हम चांदनी चौक के नवाबगंज, मजनू का टीला, सिविल लाइन,सहित तमाम इलाकों में घूमे जहां पर लोगों ने अपनी समस्याओं को खुलकर बताया. लोगों का कहना है कि पिछले 5 साल में कोई काम नहीं हुए हैं. इसलिए हमारी यही प्राथमिकता होगी कि जो काम करेगा हम उसे ही इस बार वोट देंगे.