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Bamboo Architecture: बिहार उत्सव में चमचमाते बांस प्रोडक्ट्स के आगे फीकी पड़ रही कांच और स्टील की चमक

दिल्ली हाट में इन दिनों बिहार उत्सव चल रहा है, जो 31 मार्च तक चलेगा. यहां पर एक स्टाल ऐसा है, जहां बांस से बने उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं. बांस के कांचियों से बने समानों की खूब बिक्री हो रही है. मेले में आने जाने वाले लोग इन सामान की तरफ खूब आकर्षित हो रहे हैं.

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Published : Mar 29, 2023, 5:11 PM IST

बिहार उत्सव में चमचमाते बांस प्रोडक्ट्स
बिहार उत्सव में चमचमाते बांस प्रोडक्ट्स
सत्यम सुरंदरम

नई दिल्ली: दिल्ली हाट में चल रहे बिहार उत्सव में एक से बढ़कर एक उत्पाद प्रदर्शित किए जा रहे हैं. यहां पर बड़ी संख्या में बिहार के उत्पाद के स्टाल लगाए गए हैं. एक स्टाल ऐसा भी है जहां बांस से बने उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं, जो लोगों को काफी आकर्षित कर रही है. मनिपुरी बैंबू आर्किटेक्चर की आशा अनुरागिनी और उनके बेटे सत्यम सुरंदरम हैंडीक्राफ्ट, बैंबू बोतल और फर्नीचर समेत 50 से अधिक उत्पाद बना रहे हैं.

आशा बताती हैं कि उनके उत्पाद प्रधानमंत्री कार्यालय में भी मंगवाए गए हैं. बिहार के पूर्णिया जिले की रहने वाली आशा ने बताया कि उन्होंने यह काम 26 वर्षीय बेटे सत्यम के साथ मिलकर शुरू किया और आज उनके उत्पाद के आर्डर देशभर से आते हैं. आशा संगीत व क्राप्ट की अध्यापिका भी रह चुकी है. उन्होंने बिहार की 22 महिलाओं और छह दिव्यांगों को रोजगार दे रखा है. 31 मई 2022 को जब उन्होंने अपने बेटे के साथ मिलकर यह काम शुरू किया था, तब वह सिर्फ एक उत्पाद बांस की बोतल ही बनाती थी. लेकिन उन्हें बेचना बड़ी चुनौती थी.

बांस से बने उत्पाद प्रदर्शित
बांस से बने उत्पाद प्रदर्शित

सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचाया प्रोडक्ट्स: आशा ने सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक अपने उत्पाद को पहुंचाया. धीरे-धीरे उन्होंने बांस से नए उत्पाद बनाने शुरू किए और फिर उनकी मांग भी बढ़ने लगी. मांग को पूरा करने के लिए उन्होंने अपने साथ कुछ अन्य महिलाओं को जोड़ा. बाद में उन्होंने ऐसे लोगों को भी काम पर रखा जो लोग को अन्य काम करने में सक्षम नहीं थे. उनके बेटे सत्यम सुंदरम शुरू से ही प्रकृति प्रेमी रहे हैं. वह एमबीए की पढ़ाई पूरी कर एक कंपनी में मार्केटिंग की जाब कर रहे थे.

बिहार उत्सव में बांस से बने उत्पाद प्रदर्शित
बिहार उत्सव में बांस से बने उत्पाद प्रदर्शित

ये भी पढ़ें: PV Sindhu Rankings : पीवी सिंधु टॉप 10 से बाहर, साइना 31वें स्थान पर

10 लाख से शुरू की बांस प्रोडक्ट्स का व्यवसाय: एमबीए करने के बाद जब सत्यम प्लास्टिक के वैकल्पिक उत्पाद पर रिसर्च कर रहा था, उसी दौरान उन्हें पता चला कि बांस से कई तरह के उत्पाद बनाए जा सकते हैं. इसी सोच के साथ उन्होंने दस बांस खरीदकर उसके बोतल बनाए. इसे रफ्तार देने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत 10 लाख रुपये का लोन भी लिया. एक दौर ऐसा भी आया जब उन्होंने सोचा कि इस काम को बंद कर देना चाहिए. लेकिन मां की हौसला अफजाई के चलते काम बंद नहीं किया. आज दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात समेत भारत के तमाम राज्यों में उनके बांस के बने उत्पाद सप्लाई किए जाते हैं.

ये भी पढ़ें: UPI Payment New Rule: UPI पेमेंट करना पड़ेगा महंगा? NPCI ने बताई इस खबर की सच्चाई

सत्यम सुरंदरम

नई दिल्ली: दिल्ली हाट में चल रहे बिहार उत्सव में एक से बढ़कर एक उत्पाद प्रदर्शित किए जा रहे हैं. यहां पर बड़ी संख्या में बिहार के उत्पाद के स्टाल लगाए गए हैं. एक स्टाल ऐसा भी है जहां बांस से बने उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं, जो लोगों को काफी आकर्षित कर रही है. मनिपुरी बैंबू आर्किटेक्चर की आशा अनुरागिनी और उनके बेटे सत्यम सुरंदरम हैंडीक्राफ्ट, बैंबू बोतल और फर्नीचर समेत 50 से अधिक उत्पाद बना रहे हैं.

आशा बताती हैं कि उनके उत्पाद प्रधानमंत्री कार्यालय में भी मंगवाए गए हैं. बिहार के पूर्णिया जिले की रहने वाली आशा ने बताया कि उन्होंने यह काम 26 वर्षीय बेटे सत्यम के साथ मिलकर शुरू किया और आज उनके उत्पाद के आर्डर देशभर से आते हैं. आशा संगीत व क्राप्ट की अध्यापिका भी रह चुकी है. उन्होंने बिहार की 22 महिलाओं और छह दिव्यांगों को रोजगार दे रखा है. 31 मई 2022 को जब उन्होंने अपने बेटे के साथ मिलकर यह काम शुरू किया था, तब वह सिर्फ एक उत्पाद बांस की बोतल ही बनाती थी. लेकिन उन्हें बेचना बड़ी चुनौती थी.

बांस से बने उत्पाद प्रदर्शित
बांस से बने उत्पाद प्रदर्शित

सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचाया प्रोडक्ट्स: आशा ने सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक अपने उत्पाद को पहुंचाया. धीरे-धीरे उन्होंने बांस से नए उत्पाद बनाने शुरू किए और फिर उनकी मांग भी बढ़ने लगी. मांग को पूरा करने के लिए उन्होंने अपने साथ कुछ अन्य महिलाओं को जोड़ा. बाद में उन्होंने ऐसे लोगों को भी काम पर रखा जो लोग को अन्य काम करने में सक्षम नहीं थे. उनके बेटे सत्यम सुंदरम शुरू से ही प्रकृति प्रेमी रहे हैं. वह एमबीए की पढ़ाई पूरी कर एक कंपनी में मार्केटिंग की जाब कर रहे थे.

बिहार उत्सव में बांस से बने उत्पाद प्रदर्शित
बिहार उत्सव में बांस से बने उत्पाद प्रदर्शित

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10 लाख से शुरू की बांस प्रोडक्ट्स का व्यवसाय: एमबीए करने के बाद जब सत्यम प्लास्टिक के वैकल्पिक उत्पाद पर रिसर्च कर रहा था, उसी दौरान उन्हें पता चला कि बांस से कई तरह के उत्पाद बनाए जा सकते हैं. इसी सोच के साथ उन्होंने दस बांस खरीदकर उसके बोतल बनाए. इसे रफ्तार देने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत 10 लाख रुपये का लोन भी लिया. एक दौर ऐसा भी आया जब उन्होंने सोचा कि इस काम को बंद कर देना चाहिए. लेकिन मां की हौसला अफजाई के चलते काम बंद नहीं किया. आज दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात समेत भारत के तमाम राज्यों में उनके बांस के बने उत्पाद सप्लाई किए जाते हैं.

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