ETV Bharat / state

लॉकडाउन और किसान आंदोलन का ऑटो चालकों पर पड़ा असर

ऑटो रिक्शा चालकों ने बताया कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद काम पहले जैसा नहीं रहा. वहीं दूसरी ओर कृषि बिल के विरोध में किसान आंदोलन शुरू होने से भी उनके काम पर काफी असर पड़ा है.

ऑटो चालकों की समस्याएं
ऑटो चालकों की समस्याएं
author img

By

Published : Mar 4, 2021, 4:42 PM IST

नई दिल्ली: किसान आंदोलन की वजह से बॉर्डर सील होने के कारण ऑटो रिक्शा चालक सवारियों के इंतजार में बैठे रहते हैं, लेकिन उन्हें सवारियां नहीं मिलतीं. कुछ ऐसी ही स्थिति मुंडका मेट्रो स्टेशन के नीचे सवारियों का इंतजार कर रहे ऑटो रिक्शा चालकों की है.

ऑटो चालकों की समस्याएं

बॉर्डर सील होने के बाद रोजगार पर प्रभाव
इस बारे में हमारी टीम से बातचीत करते हुए ऑटो रिक्शा चालकों ने बताया कि कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन खत्म होने के बाद काम पहले जैसा नहीं रहा. वहीं दूसरी ओर कृषि बिल के विरोध में किसान आंदोलन शुरू होने से भी उनके काम पर काफी असर पड़ा है. उनका कहना है कि जब से बॉर्डर सील हुए हैं तब से बाहर से आने वाले लोगों का आना बंद हो गया है जबकि उनकी अधिकतर कमाई उन्हीं लोगों के आने से होती थी.

ये भी पढ़ें- नांगलोईः रोजगार की तलाश में बुरा हुआ मजदूरों का हाल

ये भी पढ़ें- डाबड़ीः पानी की मोटर चुराने के आरोप में एक गिरफ्तार


ऑटो रिक्शा का किराया निकालना मुश्किल
ऑटो चालकों ने बताया कि कई-कई बार तो वह सुबह से दोपहर तक खाली बैठे रहते हैं और ऐसे में उनके लिए ऑटो रिक्शा का किराया निकालना भी काफी मुश्किल हो जाता है तो वह अपने परिवार का पालन-पोषण कैसे करेंगे. इनका कहना है कि यदि आज भी बॉर्डर खोल दिए जाते हैं तो उनका काम पहले जैसा ही चलने लगेगा और उनकी परेशानियां खत्म हो जाएंगी.

नई दिल्ली: किसान आंदोलन की वजह से बॉर्डर सील होने के कारण ऑटो रिक्शा चालक सवारियों के इंतजार में बैठे रहते हैं, लेकिन उन्हें सवारियां नहीं मिलतीं. कुछ ऐसी ही स्थिति मुंडका मेट्रो स्टेशन के नीचे सवारियों का इंतजार कर रहे ऑटो रिक्शा चालकों की है.

ऑटो चालकों की समस्याएं

बॉर्डर सील होने के बाद रोजगार पर प्रभाव
इस बारे में हमारी टीम से बातचीत करते हुए ऑटो रिक्शा चालकों ने बताया कि कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन खत्म होने के बाद काम पहले जैसा नहीं रहा. वहीं दूसरी ओर कृषि बिल के विरोध में किसान आंदोलन शुरू होने से भी उनके काम पर काफी असर पड़ा है. उनका कहना है कि जब से बॉर्डर सील हुए हैं तब से बाहर से आने वाले लोगों का आना बंद हो गया है जबकि उनकी अधिकतर कमाई उन्हीं लोगों के आने से होती थी.

ये भी पढ़ें- नांगलोईः रोजगार की तलाश में बुरा हुआ मजदूरों का हाल

ये भी पढ़ें- डाबड़ीः पानी की मोटर चुराने के आरोप में एक गिरफ्तार


ऑटो रिक्शा का किराया निकालना मुश्किल
ऑटो चालकों ने बताया कि कई-कई बार तो वह सुबह से दोपहर तक खाली बैठे रहते हैं और ऐसे में उनके लिए ऑटो रिक्शा का किराया निकालना भी काफी मुश्किल हो जाता है तो वह अपने परिवार का पालन-पोषण कैसे करेंगे. इनका कहना है कि यदि आज भी बॉर्डर खोल दिए जाते हैं तो उनका काम पहले जैसा ही चलने लगेगा और उनकी परेशानियां खत्म हो जाएंगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.