नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया में नए सत्र की शुरुआत हो गई है. जामिया की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर ने शिक्षा के स्तर को और बेहतर बनाने के लिए छात्रों की राय जानी. उन्होंने स्नातक और परास्नातक छात्रों के ग्रुप से विचार-विमर्श किया. उन्होंने इस बात पर भी खासा जोर दिया कि छात्रों की हाजिरी कम से कम 75 फीसदी तो होनी ही चाहिए.
शैक्षणिक सत्र के आखिर में कॉलेज प्रशासन के सामने छात्रों की कम हाज़िरी सबसे बड़ी चुनौती होती है. अमूमन किसी न किसी कारण से छात्र नियमित रूप से कॉलेज नहीं आते, जिसके चलते उनकी हाजिरी प्रभावित होती है.
ऐसे में परीक्षा के समय विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने उनकी कम हाजिरी को देखते हुए परीक्षा में बैठने देना बहुत बड़ी चुनौती हो जाती है.
छात्रों से मांगी राय
इस तरह की समस्या से निपटने के लिए नए सत्र की शुरुआत में ही जामिया की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर ने छात्रों से बातचीत की और छात्रों को नियमित कॉलेज आने के लिए भी कहा.
इस बातचीत के दौरान उन्होंने छात्रों से जामिया की उन्नति को लेकर अपनी योजनाओं को साझा किया. साथ ही शिक्षण पद्धति को और बेहतर कैसे बनाया जाए इसके लिए छात्रों की राय भी मांगी.
कई कोर्सेस की सीटें बढ़ाने पर विचार
प्रोफेसर अख्तर ने छात्रों को अपनी योजनाएं साझा करते हुए बताया कि वह कई कोर्सेस की सीटों की तादाद बढ़ाने का विचार कर रही हैं. साथ ही कई रचनात्मक पाठ्यक्रम भी शुरू करने के लिए सोच रही हैं. इसके अलावा डेंटल फैकल्टी में भी वह एमडीएस, बी.पी. ईडी. और एम.पी.ईडी जैसे पाठ्यक्रम शुरू करने का भी इरादा रखा.
'दिन-प्रतिदिन कामयाबी के नए आयाम छुए'
वहीं विश्वविद्यालय की गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर डालते हुए उन्होंने कहा कि वह चाहती हैं कि इस विश्वविद्यालय से शिक्षा लेने वाले छात्रों को बेहतर रोजगार के अवसर मिलें जिससे वह आगे बढ़ सकें. उन्होंने छात्रों से कहा कि वह हर संभव प्रयास करेंगी कि जामिया दिन-प्रतिदिन कामयाबी के नए आयाम छुए.
फिर चाहे वह पढ़ने-पढ़ाने के तरीकों में सुधार हो या शोध के क्षेत्र में नई तकनीकों को अपनाना हो. उन्होंने कहा कि जामिया के छात्रों को कुछ ऐसे पाठ्यक्रम भी पढ़ाए जाते हैं जो अन्य विश्वविद्यालयों में नहीं पढ़ाए जाते.
'75 फीसदी हो हाजिरी'
छात्रों से अपनी बातचीत के दौरान उन्होंने आश्वासन दिया कि वह छात्रों को उनकी पढ़ाई से संबंधित हर सुविधा मुहैया कराने की भरपूर कोशिश करेंगी. लेकिन इसमें छात्रों को भी उनका साथ देना होगा. उन्होंने कहा कि छात्रों को नियमित रूप से कॉलेज आना होगा. जिससे उनकी हाजिरी कम से कम 75 फ़ीसदी हो.
'रैगिंग करने पर बख्शा नहीं जाएगा'
बातचीत के दौरान प्रोफेसर नजमा अख्तर ने सीनियर छात्रों से कहा कि वह कॉलेज में एक खुशनुमा माहौल बनाकर रखें. नए छात्रों का खुले दिल से स्वागत करें. साथ ही चेतावनी भी दी कि जामिया के परिसर में रैगिंग पर सख्त मनाही है. अगर ऐसे में कोई भी सीनियर छात्र अपनी मनमानी कर रैगिंग करता है तो उसे किसी भी तरह से बख्शा नहीं जाएगा.