नई दिल्ली: करोलबाग के अर्पित होटल में पिछले साल आग लगने से 17 लोगों की मौत होटल कर्मचारियों को फायर सिक्योरिटी की जानकारी नहीं होने की वजह से हुई. दिल्ली अग्निशमन विभाग ने दिल्ली हाईकोर्ट में सौंपे अपने हलफनामे में कहा है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष पेश हलफनामे में कहा गया है कि होटल में अग्नि सुरक्षा के प्रबंध पर्याप्त थे, लेकिन होटल कर्मचारियों को इन प्रबंधों की जानकारी नहीं थी.
होटल में मौजूद था अग्नि सुरक्षा प्रबंध
अग्निशमन विभाग ने अपने हलफनामे में कहा है कि होटल अर्पित में ऊपर की तरफ दो सीढ़ियों से बाहर जाने का रास्ता था और होटल में अग्नि सुरक्षा प्रबंध भी मौजूद था. दरअसल तुषार सहदेव और रमन कालरा ने दिल्ली हाईकोर्ट को पत्र लिखा था. पत्र में लिखा गया था कि अर्पित होटल सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं कर रहा है. पत्र में कहा गया था कि होटल में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के उलट होटल अर्पित में केवल एक ही प्रवेश और निकास के लिए गेट है.
दिल्ली के मास्टर प्लान के उल्लंघन का आरोप
पत्र में कहा गया था कि अर्पित होटल काफी संकरे रोड पर स्थित है और ये दिल्ली के मास्टर प्लान का उल्लंघन है. पत्र में कहा गया था कि आखिर उत्तरी दिल्ली नगर निगम और दिल्ली पुलिस ने होटल अर्पित को लाइसेंस कैसे दिया. 12 फरवरी 2019 को अर्पित होटल में आग लगी थी. जिसमें 17 लोगों की मौत हो चुकी है.