पुलवामा हमले को लेकर जो नेता सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहे हैं उनमें आप के बागी विधायक कपिल मिश्रा, आप नेता अलका लांबा और बीजेपी दिल्ली प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा प्रमुख हैं. इनके बयान और जुबानी जंग इस समय मीडिया में खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं.
अलका लांबा का पीएम पर तंज
ताजा मामला और भी ज्यादा दिलचस्प इसलिए हो जाता है क्योंकि आप नेता अलका लांबा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद-बिन-सलमान के स्वागत को लेकर सोशल मीडिया में पीएम की आलोचना की है.
ट्वीट कर बोला पीएम पर हमला
अलका लांबा ने पीएम पर तंज कसते हुए कहा कि, वो (मोहम्मद बिन सलमान) सीधा पाकिस्तान से आ रहा है इसलिए मोदी जी द्वारा ऐसा स्वागत करना बनता है. उन्होंने आगे लिखा कि, पीएम चाहते तो जैसा व्यवहार जस्टिन ट्रूडो (कनाडा के प्रधानमंत्री) के साथ किया वैसा भी कर सकते थे, पर अफसोस ऐसा हो न सका.
जस्टिन ट्रूडो हुए थे नजरअंदाज
दरअसल जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत का दौरा किया था तो सरकार ने प्रोटोकॉल के तहत उनका स्वागत नहीं किया था. कोई भी कैबिनेट मंत्री उनके स्वागत को नहीं पहुंचा था. उनके साथ ऐसा व्यवहार इसलिए किया गया था क्योंकि उन्हें खालिस्तानी आंदोलन का समर्थक माना जाता है.
आपको पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं. दरअसल सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान भारत के दौरे पर आए हैं. यहां दोनों देशों के बीच कुछ अहम समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे. जब क्राउन प्रिंस एयरपोर्ट पहुंचे तो पीएम ने व्यक्तिगत तौर पर उनका स्वागत किया.
पाकिस्तान के दौरे पर भी थे प्रिंस
दिलचस्प है कि दो दिन पहले ही सऊदी के प्रिंस पाकिस्तान के दौरे पर थे. वहां भी उनका बेहद गर्मजोशी से स्वागत किया गया. यहां तक कि पाकिस्तान के पीएम इमरान खान उन्हें खुद ड्राइव कर अधिकारिक आवास तक लाए. वहां दोनों देशों के बीच तकरीबन 20 अरब डॉलर के समझौतों पर हस्ताक्षर हुआ.
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव
हालांकि सऊदी के क्राउन प्रिंस दोनों देशों का दौरा ऐसे वक्त में कर रहे हैं जब पुलवामा हमलों को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है. ऐसा इसलिए क्योंकि पुलवामा हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद नाम के संगठन ने ली है. इसका सरगना अजहर मसूद पाकिस्तान से इसका संचालन करता है.
सियासी ड्रामा मचना तय है
ये दौरा थोड़ा इसलिए भी विवादास्पद है क्योंकि सऊदी अरब को पाकिस्तान का करीबी माना जाता है. सऊदी अरब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान का समर्थन भी करता है. फिलहाल अलका लांबा ने प्रधानमंत्री मोदी पर जो हमला बोला है उसके बाद सियासी ड्रामा मचना तय है.