नई दिल्लीः पुरानी दिल्ली के कलां महल उर्दू मीडियम स्कूल को हिंदी मीडियम में मर्ज करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. एक तरफ जहां इस फैसले से छात्राओं और अभिभावकों में चिंता है, वहीं दूसरी और सामाजिक कार्यकर्ता भी इस मामले में अपनी ओर से लगातार आवाज उठा रहे हैं.
इस संबंध मे एडवोकेट मसरूर सिद्दीकी ने शिक्षा विभाग पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि एक तरफ शिक्षा विभाग के निर्देशक लिखते हैं कि अभी स्कूल को मर्ज करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है. वहीं दूसरी ओर जोन 27 की DD ने 1 अक्टूबर को स्कूल हैड और SMC सदस्यों के साथ मीटिंग रख ली है. इसका मतलब साफ है कि शिक्षा विभाग अंदर-अंदर स्कूल को मर्ज करने की कार्रवाई कर रहा है.
शिक्षा मंत्री और एलजी को लिखा पत्र
मसरूर सिद्दीकी ने कहा कि कलां महल उर्दू मीडियम स्कूल है, जिसे हिंदी मीडियम में मर्ज करने की कोशिश की जा रही है. इस पर हमने दिल्ली के शिक्षा मंत्री और एलजी को पत्र लिखा है. इस बाबत स्थानीय विधयाक प्रहलाद सिंह को भी अवगत कराया. उन्होंने बताया कि 22 सितंबर को शिक्षा मंत्री के ओएसडी ने एक पत्र के माध्यम से बताया कि उन्होंने हमारी शिकायत शिक्षा विभाग को भेज दी है.
'नहीं लिया गया है अंतिम फैसला'
एक शिकायत जो एलजी के यहां की गई थी, उसपर शिक्षा विभाग से एक पत्र आया, जिसमें कहा गया कि इस संबंध में स्कूल को मर्ज करने का कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है. इसके बावजूद जोन 27 की DD की तरफ से 1 अक्टूबर को कलां महल स्कूल में एक मीटिंग रखी गई है, जिसमें मरजिंग को लेकर आने वाले इश्यूज पर चर्चा की जाएगी.
मसरूर सिद्दीकी ने कहा कि एक तरफ शिक्षा विभाग के निर्देशक कह रहे हैं कि मरजिंग का कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन दूसरी ओर जोन 27 की DD की तरफ से मीटिंग बुलाई जा रही है, जिसका मतलब है अंदर-अंदर कुछ कार्रवाई हो रही है.