नई दिल्ली: अधिवक्ता मसरूर सिद्दीकी ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अमानतुल्लाह खान पर बड़ा आरोप लगाया है. अमानतुल्लाह खान पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद विधायक कोटे से मेंबर होने के नाते वो अब दिल्ली वक्फ बोर्ड के ना तो मेंबर है और ना ही चेयरमैन है. लेकिन वो फिर भी कथित तौर पर खुद को ना सिर्फ चेयरमैन मान रहे है, बल्कि मनमाने तरीके से काम कर रहे है.
'नियमों को ताक में रख अमानतुल्लाह खान चेयरमैन बन गए'
ईटीवी भारत से बात करते हुए मसरूर सिद्दिकी ने कहा कि वक्फ एक्ट-1995 के तहत बोर्ड में अलग-अलग कैटेगरी से मेंबर चुन कर आते है. उसी में एक मेंबर विधायक कोटे से होता है. पिछली बार अमानतुल्लाह खान विधायक कोटे से मेंबर बन कर आये थे और दिल्ली में 5 मुस्लिम विधायक थे. अब क्योंकि विधानसभा चुनाव हो गए है. इसलिए अब 5 मुस्लिम विधायकों के वोट से फिर से वक्फ बोर्ड मेंबर का इलेक्शन होना चाहिए था, लेकिन ऐसा अभी तक नहीं हुआ.
'रेवेन्यू मंत्री और कमिश्नर से करूंगा शिकायत'
उन्होंने कहा कि अमानतुल्लाह खान खुद ही वक्फ बोर्ड के चेयरमैन बन कर काम करने लगे है. जबकि मेंबर के लिए चुनाव प्रक्रिया होनी चाहिए थी या फिर सरकार की ओर से कोई नोटिफिकेशन जारी होना चाहिए था. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और वो कथित तौर पर खुद चेयरमैन बनकर काम कर रहे है. उन्होंने कहा कि वो रेवेन्यू मंत्री और कमिश्नर से इस सिलसिले में शिकायत करेंगे.