नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) को लेकर देश में अभी भी विरोध देखने को मिल रहा है. एक ऐसा ही विरोध प्रदर्शन दिल्ली की जामा मस्जिद में देखने को मिला. कड़ी सर्दी के इस मौसम में जामा मस्जिद की सीढ़ियों पर 8 दिन से जन्नत फारूकी कानून का ना सिर्फ विरोध कर रही हैं बल्कि लोगों को इस कानून के नुकसानों के बारे में जागरूक कर रही हैं.
लोगों को जागरूक होने का संदेश
जन्नत फारूकी रोजाना दिन शुरू होते ही दिन ढलने तक जामा मस्जिद की सीढ़ियों पर बैठी रहती है और वे लोगों को इस कानून के दुष्प्रभावों के बारे में जागरुक होने का संदेश दे रही है.
शाही इमाम ने जन्नत की थपथपाई पीठ
जन्नत के इस साहस को देखते हुए बीते दिनों जामा मस्जिद के शाही इमाम सय्यद अहमद बुखारी ने भी इस लड़की की पीठ थपथपाई थी लेकिन पुलिस और जामा मस्जिद प्रबंधन कमेटी की ओर से जन्नत को इस प्रदर्शन को खत्म करने का दबाव दिया जा रहा है.
कब से शुरू हुआ ये विरोध
आप को बता दें कि जन्नत फारूकी का तालुक पुरानी दिल्ली से ही है. उन्होंने जेएनयू मे नकाबपोष गुंडो के जरिए की गई हिंसा के बाद से यहां धरना देने शुरू किया है, हालांकि ऐसा नहीं है कि एकमात्र वो ही विरोध प्रदर्शन कर रही है. जामा मस्जिद पर रोजाना शाम को महिलाओं की तरफ से सीढ़ियों पर बैठ कर विरोध जताया जाता हैं, वहीं और दूसरी जगहों पर भी इस कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है.