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Delhi: 'आतिशी सरकार की बिजली कंपनियों के साथ मिलीभगत', BJP का बड़ा हमला, जानें पूरा मामला

दिल्ली में आम आदमी पार्टी और बीजेपी आमने-सामने हैं. वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली सरकार ने बिजली कंपनी से मिलीभगत कर भ्रष्टाचार किया

बिजली कंपनी के साथ भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी आतिशी सरकार
बिजली कंपनी के साथ भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी आतिशी सरकार (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 7, 2024, 6:13 PM IST

नई दिल्ली: आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच सियासी बयानबाजी जारी है. अब दिल्ली भाजपा की ओर से आतिशी सरकार पर बिजली वितरण कंपनियों (डिस्काम) से मिलीभगत कर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है. दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि बीएसईएस एवं बीपीसीएल साल दर साल लाइसेंस नियमों की अवेहना कर रही हैं, बिजली बेचने खरीदने दोनों में घाटा दिखा रही हैं तो फिर लाइसेंस सरेंडर क्यों नहीं करती.

वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि बीएसईएस की दोनों कंपनियां घाटे में हैं जिससे स्पष्ट है कि इनमें भ्रष्टाचार हुआ है. इस भ्रष्टाचार में दिल्ली सरकार भी शामिल है. उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में बिजली अपूर्ति में लगी पावर डिस्कॉम बीएसईएस एवं बीपीसीएल में भारी धांधली चल रही है. इनके खातों की सीएजी अथवा न्यायिक जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पावर डिस्कॉम में 51% की साझीदार निजी कम्पनियों के साथ ही 49% की साझीदार दिल्ली सरकार है. दोनों ने मिलकर पावर डिस्कॉम को दिवालियापन की कगार पर ला खड़ा किया है.

सचदेवा ने कहा कि दिल्ली में तीन पावर डिस्कॉम हैं, एनडीपीएल, बीएसईएस एवं बीपीसीएल. इन तीनों में एक निजी कम्पनी एवं दिल्ली सरकार सांझीदार हैं. पर, इनमें से एक एनडीपीएल लाभ में चलती है और शेष दो भारी घाटा दिखाती हैं. एनडीपीएल ने हाल ही में दिल्ली सरकार को वार्षिक लाभ डिविडेंड भी सौंपा है. यह अजीब विडंबना है कि तीनों पावर डिस्कॉम एक समान दर पर बिजली बेचती हैं, एक समान सत्रोतों से बिजली खरीदती हैं तो फिर भी एक हमेशा लाभ और शेष दो हमेशा घाटे में कैसे चलती है?.

सचदेवा ने आगे कहा कि बीएसईएस एवं बीपीसीएल जो हर साल घाटे में चलती हैं उनका खेल बहुत निराला है, उनका व्यपारिक ओप्रेशन चलाने वाली निजी कम्पनी अपने उन चारों बिजली सप्लाई करने वाले स्त्रोत जो भुगतान ना करने पर अपूर्ति बंद कर सकते हैं को पूरा भुगतान करते हैं. पर, दिल्ली सरकार की दो कम्पनियों से जो बिजली खरीदती हैं, उनका भुगतान ना समय पर करती हैं ना पूरा करती हैं.

दिल्ली के उपभोक्ताओं पर पड़ेगा बोझ: भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि बीएसईएस एवं बीपीसीएल यह दोनों जिस आर्थिक बदहाल स्थिति में हैं, इसकी जांच आवश्यक है. बांसुरी स्वराज बोलीं, ''आखिर यह कैसे मुमकिन है, की बिना दिल्ली सरकार से मिलीभगत के दो डिस्कॉम घाटे दिखाएं और सरकार साल दर साल घाटे बढ़ने दें. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार यदि रेगुलेटरी असैट एवं बिजली कम्पनियों का सैट आफ स्वीकार करती है तो यह कानूनी रूप से, नैतिक रूप से और व्यपारिक रूप से गलत होगा और इसकी अंततः मार बिजली उपभोक्ताओं पर ही पड़ेगी."

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  2. Delhi: दिल्ली में अब तेजी से हो सकेगी बिजली की हाई-टेंशन लाइनों की शिफ्टिंग

नई दिल्ली: आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच सियासी बयानबाजी जारी है. अब दिल्ली भाजपा की ओर से आतिशी सरकार पर बिजली वितरण कंपनियों (डिस्काम) से मिलीभगत कर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है. दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि बीएसईएस एवं बीपीसीएल साल दर साल लाइसेंस नियमों की अवेहना कर रही हैं, बिजली बेचने खरीदने दोनों में घाटा दिखा रही हैं तो फिर लाइसेंस सरेंडर क्यों नहीं करती.

वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि बीएसईएस की दोनों कंपनियां घाटे में हैं जिससे स्पष्ट है कि इनमें भ्रष्टाचार हुआ है. इस भ्रष्टाचार में दिल्ली सरकार भी शामिल है. उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में बिजली अपूर्ति में लगी पावर डिस्कॉम बीएसईएस एवं बीपीसीएल में भारी धांधली चल रही है. इनके खातों की सीएजी अथवा न्यायिक जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पावर डिस्कॉम में 51% की साझीदार निजी कम्पनियों के साथ ही 49% की साझीदार दिल्ली सरकार है. दोनों ने मिलकर पावर डिस्कॉम को दिवालियापन की कगार पर ला खड़ा किया है.

सचदेवा ने कहा कि दिल्ली में तीन पावर डिस्कॉम हैं, एनडीपीएल, बीएसईएस एवं बीपीसीएल. इन तीनों में एक निजी कम्पनी एवं दिल्ली सरकार सांझीदार हैं. पर, इनमें से एक एनडीपीएल लाभ में चलती है और शेष दो भारी घाटा दिखाती हैं. एनडीपीएल ने हाल ही में दिल्ली सरकार को वार्षिक लाभ डिविडेंड भी सौंपा है. यह अजीब विडंबना है कि तीनों पावर डिस्कॉम एक समान दर पर बिजली बेचती हैं, एक समान सत्रोतों से बिजली खरीदती हैं तो फिर भी एक हमेशा लाभ और शेष दो हमेशा घाटे में कैसे चलती है?.

सचदेवा ने आगे कहा कि बीएसईएस एवं बीपीसीएल जो हर साल घाटे में चलती हैं उनका खेल बहुत निराला है, उनका व्यपारिक ओप्रेशन चलाने वाली निजी कम्पनी अपने उन चारों बिजली सप्लाई करने वाले स्त्रोत जो भुगतान ना करने पर अपूर्ति बंद कर सकते हैं को पूरा भुगतान करते हैं. पर, दिल्ली सरकार की दो कम्पनियों से जो बिजली खरीदती हैं, उनका भुगतान ना समय पर करती हैं ना पूरा करती हैं.

दिल्ली के उपभोक्ताओं पर पड़ेगा बोझ: भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि बीएसईएस एवं बीपीसीएल यह दोनों जिस आर्थिक बदहाल स्थिति में हैं, इसकी जांच आवश्यक है. बांसुरी स्वराज बोलीं, ''आखिर यह कैसे मुमकिन है, की बिना दिल्ली सरकार से मिलीभगत के दो डिस्कॉम घाटे दिखाएं और सरकार साल दर साल घाटे बढ़ने दें. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार यदि रेगुलेटरी असैट एवं बिजली कम्पनियों का सैट आफ स्वीकार करती है तो यह कानूनी रूप से, नैतिक रूप से और व्यपारिक रूप से गलत होगा और इसकी अंततः मार बिजली उपभोक्ताओं पर ही पड़ेगी."

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