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EWS के तहत बची 3000 सीटों पर फिर शुरू हो सकती है आवेदन प्रक्रिया

ईडब्ल्यूएस में दाखिले के संबंध में पहला सर्कुलर 28 दिसंबर 2018 को जारी किया गया था. दूसरा सर्कुलर 11 जनवरी 2019 को जारी किया गया. जिसके बाद अभिभावकों ने बड़ी संख्या में आवेदन किया था.

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Published : Jun 16, 2019, 5:18 PM IST

Updated : Jun 16, 2019, 5:30 PM IST

शिक्षा

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में शिक्षा निदेशालय एक बार फिर आवेदन प्रक्रिया शुरू कर रहा है. इससे पहले दो बार ड्रॉ निकाला जा चुका है. ड्रॉ के बाद बड़ी संख्या में अभिभावक आवंटित स्कूलों में रिपोर्ट करने नहीं पहुंचे. गड़बड़ी के चलते कई आवेदनों को स्कूलों ने रद्द कर दिया था.

EWS के तहत बची 3000 सीटों पर फिर शुरू हो सकती है आवेदन प्रक्रिया

नहीं भर रहीं सीटें
लगभग 1700 निजी, अनऐडिड और मान्यता प्राप्त स्कूलों में नर्सरी, केजी और पहली कक्षा के अंतर्गत ईडब्ल्यूएस कोटे के लिए 25 फीसदी सीटें आरक्षित होती हैं.

ईडब्ल्यूएस में दाखिले के संबंध में पहला सर्कुलर 28 दिसंबर 2018 को जारी किया गया था. दूसरा सर्कुलर 11 जनवरी 2019 को जारी किया गया. जिसके बाद अभिभावकों ने बड़ी संख्या में आवेदन किया था.

27 फरवरी को पहला ड्रॉ आयोजित किया गया जो 42,000 सीटों के लिए था. इनमें से करीब 31,000 सीटों पर ही दाखिले हो सके.

अन्य आवेदकों में से कुछ ने स्कूलों में रिपोर्ट नहीं किया तो कई आवेदन दस्तावेजों की कमी की वजह से रद्द कर दिए गए थे. अब 11 जून 2019 को बची हुई 8,200 सीटों के लिए दोबारा ड्रा निकाला गया. लेकिन इस बार भी सभी सीटों पर दाखिला नहीं हो पाया.

शिक्षा निदेशालय के सामने चुनौती
बड़ी संख्या में आवेदकों की अनुपस्थिति का नतीजा यह हुआ कि अभी भी ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के अंतर्गत तीन हज़ार सीटें खाली पड़ी हैं.

शिक्षा निदेशालय के पास बहुत बड़ी चुनौती है इन तीन हजार सीटों को इसी सत्र के लिए भर पाना. आवेदन प्राप्त हुए थे इसलिए उन्हीं आवेदकों का ड्रा भी निकाला जा सकता है.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में शिक्षा निदेशालय एक बार फिर आवेदन प्रक्रिया शुरू कर रहा है. इससे पहले दो बार ड्रॉ निकाला जा चुका है. ड्रॉ के बाद बड़ी संख्या में अभिभावक आवंटित स्कूलों में रिपोर्ट करने नहीं पहुंचे. गड़बड़ी के चलते कई आवेदनों को स्कूलों ने रद्द कर दिया था.

EWS के तहत बची 3000 सीटों पर फिर शुरू हो सकती है आवेदन प्रक्रिया

नहीं भर रहीं सीटें
लगभग 1700 निजी, अनऐडिड और मान्यता प्राप्त स्कूलों में नर्सरी, केजी और पहली कक्षा के अंतर्गत ईडब्ल्यूएस कोटे के लिए 25 फीसदी सीटें आरक्षित होती हैं.

ईडब्ल्यूएस में दाखिले के संबंध में पहला सर्कुलर 28 दिसंबर 2018 को जारी किया गया था. दूसरा सर्कुलर 11 जनवरी 2019 को जारी किया गया. जिसके बाद अभिभावकों ने बड़ी संख्या में आवेदन किया था.

27 फरवरी को पहला ड्रॉ आयोजित किया गया जो 42,000 सीटों के लिए था. इनमें से करीब 31,000 सीटों पर ही दाखिले हो सके.

अन्य आवेदकों में से कुछ ने स्कूलों में रिपोर्ट नहीं किया तो कई आवेदन दस्तावेजों की कमी की वजह से रद्द कर दिए गए थे. अब 11 जून 2019 को बची हुई 8,200 सीटों के लिए दोबारा ड्रा निकाला गया. लेकिन इस बार भी सभी सीटों पर दाखिला नहीं हो पाया.

शिक्षा निदेशालय के सामने चुनौती
बड़ी संख्या में आवेदकों की अनुपस्थिति का नतीजा यह हुआ कि अभी भी ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के अंतर्गत तीन हज़ार सीटें खाली पड़ी हैं.

शिक्षा निदेशालय के पास बहुत बड़ी चुनौती है इन तीन हजार सीटों को इसी सत्र के लिए भर पाना. आवेदन प्राप्त हुए थे इसलिए उन्हीं आवेदकों का ड्रा भी निकाला जा सकता है.

Intro:नई दिल्ली।

दिल्ली शिक्षा निदेशालय द्वारा ईडब्ल्यूएस के तहत बची 3000 सीटों पर पुनः आवेदन प्रक्रिया शुरू की जा सकती है. बता दें कि इससे पहले भी दो बार ड्रॉ निकाला जा चुका है जिसमें से बड़ी संख्या में अभिभावक आवंटित स्कूलों में रिपोर्ट करने नहीं पहुचे. वहीं कई आवेदन दस्तावेजों में गड़बड़ी के चलते स्कूलों द्वारा रद्द कर दिए गए हैं. ऐसे में अभी भी 3000 सीटें खाली पड़ी हैं जिन्हें भरने के लिए शिक्षा निदेशालय जल्दी ही आवेदन प्रक्रिया शुरू करने का विचार कर रहा है.




Body:दिल्ली शिक्षा निदेशालय के नियमानुसार दिल्ली के लगभग 1,700 निजी, अनऐडिड और मान्यता प्राप्त स्कूलों में नर्सरी, केजी और पहली कक्षा के अंतर्गत ईडब्ल्यूएस कोटे के लिए 25 फ़ीसदी सीटें आरक्षित होती हैं. वहीं इन सीटों पर दिल्ली शिक्षा निदेशालय द्वारा आवेदन प्रक्रिया 28 दिसंबर 2018 से ही जारी कर दी गई थी. बता दें कि ईडब्ल्यूएस में दाखिले के संबंध में पहला सर्कुलर 28 दिसंबर 2018 को जारी किया गया था और दूसरा सर्कुलर 11 जनवरी 2019 को जारी किया गया जिसके बाद अभिभावकों ने बड़ी संख्या में आवेदन किया था. वहीं 27 फरवरी को पहला ड्रॉ आयोजित किया गया जो 42,000 सीटों के लिए था. इनमें से करीब 31,000 सीटों पर ही दाखिले हो सके. अन्य आवेदकों में से कुछ ने स्कूलों में रिपोर्ट नहीं किया तो कई आवेदन दस्तावेजों की कमी की वजह से रद्द कर दिए गए थे, जिसके बाद 11 जून 2019 को बची हुई 8,200 सीटों के लिए दुबारा ड्रा निकाला गया. लेकिन इस बार भी सभी सीटों पर दाखिला नहीं हो पाया. बता दें कि ड्रॉ में नाम ना आने से निराश हुए अभिभावकों ने अपने छात्रों का दाखिला कहीं और निजी स्कूलों में करवा लिया जिसकी वजह से वह नाम आने के बाबत आवंटित स्कूल में रिपोर्ट नहीं कर सके. बता दें कि शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार लगभग 7,500 अभिभावकों ने आवंटित स्कूल में रिपोर्ट नहीं किया. वहीं दो हजार से ज्यादा आवेदकों के हाथ निराशा लगी क्योंकि दस्तावेज सही ना होने के कारण वह सभी दाखिले रद्द कर दिए गए.

बड़ी संख्या में आवेदकों की अनुपस्थिति का नतीजा यह हुआ कि अभी भी ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के अंतर्गत तीन हज़ार सीटें खाली पड़ी हैं. शिक्षा निदेशालय के पास बहुत बड़ी चुनौती है इन तीन हजार सीटों को इसी सत्र के लिए भर पाना. वहीं इस चुनौती से पार पाने के लिए शिक्षा निदेशालय तीन हज़ार सीटों पर दोबारा आवेदन प्रक्रिया शुरू करने का विचार कर रहा है. साथ ही शिक्षा निदेशालय का कहना है कि ईडब्ल्यूएस के लिए बड़ी संख्या में आवेदन प्राप्त हुए थे इसलिए उन्हीं आवेदकों का ड्रा भी निकाला जा सकता है.


Conclusion:बता दें कि इस पर अभी आधिकारिक रूप से कोई घोषणा नहीं की गई है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ईडब्ल्यूएस की बची हुई तीन हजार सीटों के लिए अधिसूचना शिक्षा निदेशालय द्वारा जल्दी ही जारी की जा सकती है.
Last Updated : Jun 16, 2019, 5:30 PM IST
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