हैदराबाद : पूर्व सीबीआई विशेष न्यायाधीश अवैध खनन में 'केश फॉर बेल' केस में गवाह के तौर पर शामिल हुए. उन्होंने दावा किया कि उन्हें 2012 में कर्नाटक के पूर्व मंत्री गल्ली जनार्दन रेड्डी ने जमानत देने के बदले 40 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव दिया.
बता दें कि पूर्व न्यायधीश, नागा मूर्ती सरमा 2012 में सीबीआई के विशेष मामलों के न्यायधीश थे और 2012 में वो खनन से जढे़ एक केस की सुनवाई कर रहे थे जिसमें रेड्डी शमिल थे.
सरमा ने सोमवार को एंटी करप्शन ब्यूरो कोर्ट के सामने एक बार फिर कहा कि उन्हें एक अन्य न्यायिक अधिकारी के माध्यम से रेड्डी जमानत देने के लिए रिश्वत की पेशकश की गई थी.
गौरतलब है कि शहर के एंटी करप्शन ब्यूरो कोर्ट में चल रहा है. फिलहाल मामले की अगली सुनवाई 12 सितंबर को होगी.
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रेड्डी, जो 2012 में हैदराबाद की जेल में था. इस मामले पर उसने कोर्ट से जमानत का अपील की थी. हालांकि, सरमा ने पहले दावा किया था कि न्यायिक अधिकारी दिए गए प्रस्ताव को उन्होंने अस्वीकार कर दिया था.
कथित तौर पर सरमा को यह ऑफर उस वक्त दिया गया थी जब उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारी को फोन किया था. हालांकि इस मामले पर रेड्डी को एक अन्य जज ने जमानत देदी थी.
इस मामले पर फिलहाल दो जजों को सस्पेंड कर दिया गया है.