नई दिल्ली: ओलंपिक कांस्य पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त ने महिला पहलवान विनेश फोगाट का समर्थन करते हुए कहा है कि वो उनका दिन नहीं था. 23 वर्षीय पहलवान टोक्यो ओलंपिक में भारत की पदक उम्मीद में से एक थीं, लेकिन वह पदक हासिल करने से चूक गई थीं, जिसके बाद उनकी चारों तरफ से आलोचना हो रही थी.
इसके बाद भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने भी उन्हें भारतीय टीम के साथ ट्रेनिंग नहीं करने और ट्रनिंग के दिशा-निर्देश नहीं मानने पर निलंबित किया था. निलंबन से दुखी विनेश ने कॉलम में लिख मानसिक स्वास्थ्य से जूझने के संघर्ष के बारे में बताया और कहा कि वह पूरी तरह से टूट चुकी हैं.
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इंडियन एक्सप्रेस के हवाले से उन्होंने कहा, हम खुशी मना रहे थे कि साइमन बाइल्स ने कहा है कि वह टोक्यो ओलंपिक में खेलने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं हैं. आप बस इसे भारत में करके देखने की कोशिश करें. कुश्ती से हटना तो भूल जाइए, बस यह कहकर देखिए कि आप तैयार नहीं हैं. मुझे नहीं पता मैं मैट पर कब वापसी करूंगी. शायद मैं नहीं कर पाऊं. अभी मेरा शरीर नहीं टूटा, बल्कि मैं टूट गई हूं.
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योगेश्वर ने विनेश के समर्थन में कहा, मुझे लगता है कि हमें विनेश की उपलब्धियों का सम्मान करने की जरूरत है, वह अच्छी पहलवान हैं, लेकिन वो उनका दिन नहीं था. जीतना और हारना खेल का एक भाग है. जब हम जीत हासिल करते हैं तो गलती छुप जाती है. जबकि हारने पर अच्छी चीजों को कोई याद नहीं रखता. सभी को यह याद रखना चाहिए कि कोई एथलीट हारना नहीं चाहता.
विनेश के निलंबन के बारे में पूछे जाने पर पूर्व अंतरराष्ट्रीय पहलवान ने कहा कि महासंघ कभी किसी पहलवान की हानि नहीं करता. योगेश्वर ने कहा, ऐसा पहले भी हुआ है और मुझे नहीं लगता यब कोई बड़ा मामला है. उनके कुछ सवाल का जवाब मांगा गया है, जो मुझे लगता है कि वह देंगी.