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जब गोल्डन ब्वॉय बन गए थे 'प्रधान जी', सुनिए उनके चाचा ने क्या किस्सा सुनाया...

टोक्‍यो ओलंपिक 2020 में गोल्‍ड जीतकर इतिहास रचने वाले नीरज चोपड़ा का वजन 12 साल की उम्र में 80 किलो से अधिक था. इस वजह से वह जब भी कुर्ता पहनकर बाहर निकलते थे तो गांव के लड़के सरपंच कहकर उनका मजाक उड़ाते थे.

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चाचा ने सुनाया ये मजेदार किस्सा
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Published : Aug 10, 2021, 7:52 PM IST

पानीपत: हरियाणा के स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा (Javelin Thrower Neeraj Chopra) ने टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा है. नीरज ने भारत को ओलंपिक में एथलेटिक्स में पहला गोल्ड मेडल दिलवाया है.

वहीं सोमवार को देश वापस लौटने पर जहां उनका जोरदार स्वागत हुआ. दिल्ली के अशोका होटल में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने उन्हें सम्मानित भी किया. नीरज के गोल्ड मेडल जीतने के बाद जहां सोशल मीडिया पर उनके फॉलोअर्स की संख्या भी तेजी से बढ़ गई है तो वहीं अब उन्हें नेशनल क्रश भी बोला जा रहा है.

यह भी पढ़ें: Twitter पर वैश्विक स्तर पर तीसरे सबसे चर्चित एथलीट रहे नीरज

इसके अलावा उनकी जिंदगी से जुड़े कई किस्से भी उनके परिजनों द्वारा सुनाए जा रहे हैं. जैसे कि वजन कम करने के लिए नीरज ने स्टेडियम जाना शुरू किया था और फिर देखते ही देखते वे स्टार जैवलिन थ्रोअर बन गए. वहीं नीरज से जुड़ा एक और दिलचस्प किस्सा है, जो खुद नीरज के चाचा सुरेंद्र ने बताया.

चाचा ने सुनाया ये मजेदार किस्सा

उन्होंने बताया कि नीरज को गांव में सरपंच बुलाते हैं. नीरज के चाचा सुरेंद्र ने बताया कि ये किस्सा तब का है जब नीरज 15 साल का था. नीरज बचपन में ज्यादा मोटा हुआ करता था. उसका वजन करीब 80 किलो से ऊपर था तो घर वालों ने उसके लिए एक कुर्ता पजामा सिलवा दिया.

यह भी पढ़ें: नीरज चोपड़ा कोचिंग विवाद: नाइक ने AFI प्रमुख सुमरिवाला के बयान का खंडन किया

उन्होंने बताया कि जब वह कुर्ता पजामा पहनकर गांव में निकला तो ग्रामीणों ने उसे सरपंच साहब कहना शुरू कर दिया और उस दिन के बाद नीरज को गांव में सरपंच बुलाया जाने लगा.

नीरज को जब लोग सरपंच बुलाते थे तो वह बहुत चिढ़ता था. उस दिन के बाद से नीरज ने कुर्ता पजामा पहनना छोड़ दिया. नीरज आज भी जब गांव आता है तो उसके दोस्त उसे सरपंच साहब ही कहकर बुलाते हैं पर आज नीरज सरपंच शब्द का बुरा नहीं मानता.

पानीपत: हरियाणा के स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा (Javelin Thrower Neeraj Chopra) ने टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा है. नीरज ने भारत को ओलंपिक में एथलेटिक्स में पहला गोल्ड मेडल दिलवाया है.

वहीं सोमवार को देश वापस लौटने पर जहां उनका जोरदार स्वागत हुआ. दिल्ली के अशोका होटल में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने उन्हें सम्मानित भी किया. नीरज के गोल्ड मेडल जीतने के बाद जहां सोशल मीडिया पर उनके फॉलोअर्स की संख्या भी तेजी से बढ़ गई है तो वहीं अब उन्हें नेशनल क्रश भी बोला जा रहा है.

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इसके अलावा उनकी जिंदगी से जुड़े कई किस्से भी उनके परिजनों द्वारा सुनाए जा रहे हैं. जैसे कि वजन कम करने के लिए नीरज ने स्टेडियम जाना शुरू किया था और फिर देखते ही देखते वे स्टार जैवलिन थ्रोअर बन गए. वहीं नीरज से जुड़ा एक और दिलचस्प किस्सा है, जो खुद नीरज के चाचा सुरेंद्र ने बताया.

चाचा ने सुनाया ये मजेदार किस्सा

उन्होंने बताया कि नीरज को गांव में सरपंच बुलाते हैं. नीरज के चाचा सुरेंद्र ने बताया कि ये किस्सा तब का है जब नीरज 15 साल का था. नीरज बचपन में ज्यादा मोटा हुआ करता था. उसका वजन करीब 80 किलो से ऊपर था तो घर वालों ने उसके लिए एक कुर्ता पजामा सिलवा दिया.

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उन्होंने बताया कि जब वह कुर्ता पजामा पहनकर गांव में निकला तो ग्रामीणों ने उसे सरपंच साहब कहना शुरू कर दिया और उस दिन के बाद नीरज को गांव में सरपंच बुलाया जाने लगा.

नीरज को जब लोग सरपंच बुलाते थे तो वह बहुत चिढ़ता था. उस दिन के बाद से नीरज ने कुर्ता पजामा पहनना छोड़ दिया. नीरज आज भी जब गांव आता है तो उसके दोस्त उसे सरपंच साहब ही कहकर बुलाते हैं पर आज नीरज सरपंच शब्द का बुरा नहीं मानता.

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