हैदराबाद: टोक्यो ओलंपिक का 9वां दिन भारत के लिए कुछ खास नहीं रहा. बॉक्सिंग और बैडमिंटन में निराशा मिली है. स्टार शटलर पीवी सिंधु फाइनल की रेस से बाहर हो गई हैं. उन्हें सेमीफाइनल में चीनी ताइपे की ताइ जू यिंग से शिकस्त मिली.
हालांकि, सिंधु के पास मेडल जीतने का एक और मौका है. वह रविवार को कांस्य पदक के लिए मैच खेलेंगी. वहीं, बॉक्सिंग में पूजा रानी क्वार्टर फाइनल का मुकाबला हारकर बाहर हो गई हैं.
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तीरंदाजी में भी मेडल जीतने का सपना टूट गया है. तीरंदाज अतनु दास प्री-क्वार्टर फाइनल का मैच हारकर बाहर हो गए. हालांकि, डिस्कस थ्रो से भारत के लिए अच्छी खबर है. कमलप्रीत कौर ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए फाइनल में प्रवेश कर लिया है.
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बता दें, 25 साल की कमलप्रीत कौर का जन्म पंजाब के पटियाला में हुआ था. पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब जिले के बादल गांव की रहने वाली इस खिलाड़ी ने ओलंपिक में पूरे देश का नाम रोशन किया है. बचपन में पढ़ाई-लिखाई में औसत रहने वाली कमलप्रीत का ध्यान खेल की तरफ था. उनकी दिलचस्पी पढ़ाई में कम देख शारीरिक शिक्षा कोच ने एथलेटिक्स की तरफ ध्यान देने की सलाह दी. साल 2012 में उन्होंने एथलेटिक्स में भाग लिया और पहली स्टेट मीट में उन्होंने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन करते हुए चौथा स्थान हासिल किया था.
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कमलप्रीत ने पटियाला में आयोजित 24वें फेडरेशन कप सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जबरदस्त खेल दिखाया था. पहली बार में ही उन्होंने 65.06 मीटर चक्का फेंककर टोक्यो 2020 के लिए क्वालीफिकेशन हासिल कर लिया. यह उनका पहला और एक मात्र प्रयास था. इस खिलाड़ी ने नेशनल रिकॉर्ड अपने नाम करते हुए 63.50 मीटर के ओलंपिक योग्यता अंक को काफी पीछे छोड़ दिया. साल 2012 में कृष्णा पूनिया 64.76 मीटर का रिकॉर्ड बनाया था, जिसे कमलप्रीत ने तोड़ते हुए अपने नाम कर लिया.
क्या कहा कमलप्रीत की मां ने
डिस्कस थ्रो के फाइनल में पहुंचने पर कमलप्रीत की मां ने कहा, हमें बहुत खुशी है, हमारी बेटी फाइनल तक पहुंची है. आज हम अपने हाथों के साथ लड्डू बना रहे हैं, कमलप्रीत ने बहुत मेहनत की है. आज उसकी मेहनत का फल मिला है. हम वाहेगुरु के आगे अरदास करते हैं कि जल्द से जल्द कमलप्रीत गोल्ड मेडल जीतकर घर वापस आए.
बता दें, शनिवार को चक्का फेंक के इसी स्पर्धा में अनुभवी सीमा पूनिया (Seema Punia) फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रहीं. कमलप्रीत ने इससे पहले भारत में विभिन्न प्रतियोगिताओं में 65.06 मीटर और 66.59 मीटर के थ्रो के साथ राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था, जिसके बाद सीमा ने पिछले दिनों एएफआई से कमलप्रीत की हाइपरएंड्रोजेनिज्म जांच की मांग की थी. महासंघ ने हालांकि उनके आरोपों को खारिज कर दिया था.