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जब नडाल को फुटबॉल और टेनिस में से एक को चुनना पड़ा - फ्रेंच ओपन

जब अपने चाचा टोनी नडाल के कहने पर राफेल नडाल ने बाएं हाथ से टेनिस खेलने का निर्णय लिया और भी उनके जीवन से जुड़ी हुई कई सारी बातें.

Nadal
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Published : Oct 30, 2019, 5:54 PM IST

नई दिल्ली: 'द किंग ऑफ क्ले' के नाम से मशहूर राफेल नडाल को सर्वकालिक महान टेनिस खिलाड़ियों में गिना जाता है. इस स्पेनिश दिग्गज ने सभी ग्रैंड स्लैम खिताब जीते हैं और दुनियाभर में उसके प्रशंसक हैं. हालांकि, बेहद कम ही लोग ये जानते हैं कि नडाल एक बेहतरीन फुटबॉल खिलाड़ी भी थे और एक समय ऐसा आया था जब उन्हें इन दोनों खेलों में से किसी एक को चुनने के मुश्किल फैसले से भी गुजरना पड़ा था.

सबसे अधिक ग्रैंड स्लैम जीतने के मामले में नडाल केवल स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर (20) से पीछे हैं. 19 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता नडाल ने सभी ग्रैंड स्लैम खिताब जीते हैं और इसमें सबसे अधिक फ्रेंच ओपन (12) हैं. उन्होंने इस साल भी दो ग्रैंड स्लैम जीते और उनके मौजूदा फॉर्म को देखते हुए ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वो जल्द ही स्विस दिग्गज की बराबरी कर लेंगे या उनसे आगे भी निकल जाएंगे.

विंबलडन ट्रॉफी के साथ
विंबलडन ट्रॉफी के साथ

हालांकि, नडाल के लिए चैंपियन बनने का सफर रोमांचक से भरा रहा. 3 जून 1986 को स्पेन के मालोर्का में बिजनेसमैन सिबेस्टियन नडाल के घर जन्मे राफेल को खेल के लिए जुनून विरासत में मिला. नडाल के पिताजी भले ही एक सफल व्यापारी हों, लेकिन उनके दोनों चाचा अपने-अपने खेल के दिग्गज हैं.

टोनी नडाल एक सफल टेनिस कोच हैं जबकि मिगुएल एंजल नडाल एफसी बार्सिलोना और स्पेन की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के लिए कई मैच खेल चुके हैं. टोनी ने नडाल को तीन वर्ष की उम्र में ही टेनिस से रुबरू कराया. हालांकि, बचपन से राफेल की रुचि टेनिस और फुटबॉल दोनों खेलों में थी.

यूएस ओपन के साथ नडाल
यूएस ओपन के साथ नडाल

12 वर्ष की उम्र में नडाल ने अपने उम्र वर्ग के स्पेनिश और यूरोपीयन टेनिस खिताब जीते. इस समय वो फुटबॉल को भी काफी समय दे रहे थे और इससे उनके पिता चिंतित हो गए. पिता को डर था कि खेल के कारण बेटे की पढ़ाई पर बुरा प्रभाव न पड़े और फिर उन्होंने नडाल से सबसे बड़ा फैसला लेने के लिए कहा.

पिता ने नडाल से कहा कि वो टेनिस या फुटबॉल में से किसी एक को चुने. नडाल ने टेनिस को चुना और वहीं से उनके दमदार करियर की शुरुआत हो गई. एक रोचक तथ्य ये भी है कि नडाल प्राकृतिक रूप से दाएं हाथ का उपयोग करते हैं, लेकिन टोनी के कहने पर उन्होंने बाएं हाथ से टेनिस खेलने का निर्णय लिया.

फ्रेंच ओपन में नडाल
फ्रेंच ओपन में नडाल

नडाल को अपने पिता के रक्षात्मक रवैये का सामना एक बार फिर करना पड़ा. स्पेनिश टेनिस फेडरेशन ने बेहद कम उम्र में नडाल की प्रतिभा को भांप लिया और 14 वर्ष की उम्र में उन्हें बार्सिलोना आकर ट्रेनिंग जारी रखने का आमंत्रण दिया. पिता को एक बार फिर लगा कि इससे उनके बेटे की पढ़ाई पर बुरा प्रभाव पड़ेगा और नडाल को अपने घर पर ही रहकर ट्रेनिंग करनी पड़ी, लेकिन इससे उनकी ट्रेनिंग पर कुछ खास प्रभाव नहीं पड़ा क्योंकि पिता एक सफल व्यापारी थे और वो खेल से जुड़े अपने बेटे का सारा खर्चा उठाने में कामयाब रहे.

इस बीच उन्होंने एक मैच में दिग्गज खिलाड़ी पैट कैश को मात देकर ये साबित कर दिया कि क्यों फेडरेशन उन्हें बार्सिलेना बुलाने के लिए तत्पर थी. 15 वर्ष का होते ही वो प्रोफेशनल खिलाड़ी भी बन गए और चार साल बाद वर्ष 2005 में उनके जीवन में गर्व का पल तब आया जब उन्होंने महज 19 वर्ष की उम्र में अपने करियर का पहला ग्रैंड स्लैम खिताब फ्रेंच ओपन जीता. वो मैट्स विल्नडर के बाद पहले ऐसे खिलाड़ी बने जिन्होंने पहले प्रयास में ही इस खिताब को अपने नाम किया.

ऑस्ट्रेलिया ओपन 2009 के विजेता
ऑस्ट्रेलिया ओपन 2009 के विजेता

इसके बाद, कोई भी खिलाड़ी नडाल को क्ले कोर्ट का बादशाह बनने से नहीं रोक पाया और अब तक वो कुल 12 फ्रेंच ओपन खिताब जीत चुके हैं. उन्होंने करियर में एक ऑस्ट्रेलियन ओपन, दो विंबलडन और चार अमेरिकी ओपन खिताब भी जीते हैं जो उन्हें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों की श्रेणी में बहुत ऊपर खड़ा करता है.

हालांकि, फुटबॉल के लिए उनका प्यार अभी भी कम नहीं हुआ है. वो स्पेनिश क्लब रियल मेड्रिड और आरसीडी मालोर्का को समर्थन देते हैं.

नई दिल्ली: 'द किंग ऑफ क्ले' के नाम से मशहूर राफेल नडाल को सर्वकालिक महान टेनिस खिलाड़ियों में गिना जाता है. इस स्पेनिश दिग्गज ने सभी ग्रैंड स्लैम खिताब जीते हैं और दुनियाभर में उसके प्रशंसक हैं. हालांकि, बेहद कम ही लोग ये जानते हैं कि नडाल एक बेहतरीन फुटबॉल खिलाड़ी भी थे और एक समय ऐसा आया था जब उन्हें इन दोनों खेलों में से किसी एक को चुनने के मुश्किल फैसले से भी गुजरना पड़ा था.

सबसे अधिक ग्रैंड स्लैम जीतने के मामले में नडाल केवल स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर (20) से पीछे हैं. 19 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता नडाल ने सभी ग्रैंड स्लैम खिताब जीते हैं और इसमें सबसे अधिक फ्रेंच ओपन (12) हैं. उन्होंने इस साल भी दो ग्रैंड स्लैम जीते और उनके मौजूदा फॉर्म को देखते हुए ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वो जल्द ही स्विस दिग्गज की बराबरी कर लेंगे या उनसे आगे भी निकल जाएंगे.

विंबलडन ट्रॉफी के साथ
विंबलडन ट्रॉफी के साथ

हालांकि, नडाल के लिए चैंपियन बनने का सफर रोमांचक से भरा रहा. 3 जून 1986 को स्पेन के मालोर्का में बिजनेसमैन सिबेस्टियन नडाल के घर जन्मे राफेल को खेल के लिए जुनून विरासत में मिला. नडाल के पिताजी भले ही एक सफल व्यापारी हों, लेकिन उनके दोनों चाचा अपने-अपने खेल के दिग्गज हैं.

टोनी नडाल एक सफल टेनिस कोच हैं जबकि मिगुएल एंजल नडाल एफसी बार्सिलोना और स्पेन की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के लिए कई मैच खेल चुके हैं. टोनी ने नडाल को तीन वर्ष की उम्र में ही टेनिस से रुबरू कराया. हालांकि, बचपन से राफेल की रुचि टेनिस और फुटबॉल दोनों खेलों में थी.

यूएस ओपन के साथ नडाल
यूएस ओपन के साथ नडाल

12 वर्ष की उम्र में नडाल ने अपने उम्र वर्ग के स्पेनिश और यूरोपीयन टेनिस खिताब जीते. इस समय वो फुटबॉल को भी काफी समय दे रहे थे और इससे उनके पिता चिंतित हो गए. पिता को डर था कि खेल के कारण बेटे की पढ़ाई पर बुरा प्रभाव न पड़े और फिर उन्होंने नडाल से सबसे बड़ा फैसला लेने के लिए कहा.

पिता ने नडाल से कहा कि वो टेनिस या फुटबॉल में से किसी एक को चुने. नडाल ने टेनिस को चुना और वहीं से उनके दमदार करियर की शुरुआत हो गई. एक रोचक तथ्य ये भी है कि नडाल प्राकृतिक रूप से दाएं हाथ का उपयोग करते हैं, लेकिन टोनी के कहने पर उन्होंने बाएं हाथ से टेनिस खेलने का निर्णय लिया.

फ्रेंच ओपन में नडाल
फ्रेंच ओपन में नडाल

नडाल को अपने पिता के रक्षात्मक रवैये का सामना एक बार फिर करना पड़ा. स्पेनिश टेनिस फेडरेशन ने बेहद कम उम्र में नडाल की प्रतिभा को भांप लिया और 14 वर्ष की उम्र में उन्हें बार्सिलोना आकर ट्रेनिंग जारी रखने का आमंत्रण दिया. पिता को एक बार फिर लगा कि इससे उनके बेटे की पढ़ाई पर बुरा प्रभाव पड़ेगा और नडाल को अपने घर पर ही रहकर ट्रेनिंग करनी पड़ी, लेकिन इससे उनकी ट्रेनिंग पर कुछ खास प्रभाव नहीं पड़ा क्योंकि पिता एक सफल व्यापारी थे और वो खेल से जुड़े अपने बेटे का सारा खर्चा उठाने में कामयाब रहे.

इस बीच उन्होंने एक मैच में दिग्गज खिलाड़ी पैट कैश को मात देकर ये साबित कर दिया कि क्यों फेडरेशन उन्हें बार्सिलेना बुलाने के लिए तत्पर थी. 15 वर्ष का होते ही वो प्रोफेशनल खिलाड़ी भी बन गए और चार साल बाद वर्ष 2005 में उनके जीवन में गर्व का पल तब आया जब उन्होंने महज 19 वर्ष की उम्र में अपने करियर का पहला ग्रैंड स्लैम खिताब फ्रेंच ओपन जीता. वो मैट्स विल्नडर के बाद पहले ऐसे खिलाड़ी बने जिन्होंने पहले प्रयास में ही इस खिताब को अपने नाम किया.

ऑस्ट्रेलिया ओपन 2009 के विजेता
ऑस्ट्रेलिया ओपन 2009 के विजेता

इसके बाद, कोई भी खिलाड़ी नडाल को क्ले कोर्ट का बादशाह बनने से नहीं रोक पाया और अब तक वो कुल 12 फ्रेंच ओपन खिताब जीत चुके हैं. उन्होंने करियर में एक ऑस्ट्रेलियन ओपन, दो विंबलडन और चार अमेरिकी ओपन खिताब भी जीते हैं जो उन्हें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों की श्रेणी में बहुत ऊपर खड़ा करता है.

हालांकि, फुटबॉल के लिए उनका प्यार अभी भी कम नहीं हुआ है. वो स्पेनिश क्लब रियल मेड्रिड और आरसीडी मालोर्का को समर्थन देते हैं.

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जब नडाल को फुटबॉल और टेनिस में से एक को चुनना पड़ा



 



जब अपने चाचा टोनी नडाल के कहने पर राफेल नडाल ने बाएं हाथ से टेनिस खेलने का निर्णय लिया और भी उनके जीवन से जुड़ी हुई कई सारी बातें.  





नई दिल्ली: 'द किंग ऑफ क्ले' के नाम से मशहूर राफेल नडाल को सर्वकालिक महान टेनिस खिलाड़ियों में गिना जाता है. इस स्पेनिश दिग्गज ने सभी ग्रैंड स्लैम खिताब जीते हैं और दुनियाभर में उसके प्रशंसक हैं. हालांकि, बेहद कम ही लोग ये जानते हैं कि नडाल एक बेहतरीन फुटबॉल खिलाड़ी भी थे और एक समय ऐसा आया था जब उन्हें इन दोनों खेलों में से किसी एक को चुनने के मुश्किल फैसले से भी गुजरना पड़ा था.



सबसे अधिक ग्रैंड स्लैम जीतने के मामले में नडाल केवल स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर (20) से पीछे हैं. 19 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता नडाल ने सभी ग्रैंड स्लैम खिताब जीते हैं और इसमें सबसे अधिक फ्रेंच ओपन (12) हैं. उन्होंने इस साल भी दो ग्रैंड स्लैम जीते और उनके मौजूदा फॉर्म को देखते हुए ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वो जल्द ही स्विस दिग्गज की बराबरी कर लेंगे या उनसे आगे भी निकल जाएंगे.



हालांकि, नडाल के लिए चैंपियन बनने का सफर रोमांचक से भरा रहा. 3 जून 1986 को स्पेन के मालोर्का में बिजनेसमैन सिबेस्टियन नडाल के घर जन्मे राफेल को खेल के लिए जुनून विरासत में मिला. नडाल के पिताजी भले ही एक सफल व्यापारी हों, लेकिन उनके दोनों चाचा अपने-अपने खेल के दिग्गज हैं.



टोनी नडाल एक सफल टेनिस कोच हैं जबकि मिगुएल एंजल नडाल एफसी बार्सिलोना और स्पेन की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के लिए कई मैच खेल चुके हैं. टोनी ने नडाल को तीन वर्ष की उम्र में ही टेनिस से रुबरू कराया. हालांकि, बचपन से राफेल की रुचि टेनिस और फुटबॉल दोनों खेलों में थी.



12 वर्ष की उम्र में नडाल ने अपने उम्र वर्ग के स्पेनिश और यूरोपीयन टेनिस खिताब जीते. इस समय वो फुटबॉल को भी काफी समय दे रहे थे और इससे उनके पिता चिंतित हो गए. पिता को डर था कि खेल के कारण बेटे की पढ़ाई पर बुरा प्रभाव न पड़े और फिर उन्होंने नडाल से सबसे बड़ा फैसला लेने के लिए कहा.



पिता ने नडाल से कहा कि वो टेनिस या फुटबॉल में से किसी एक को चुने. नडाल ने टेनिस को चुना और वहीं से उनके दमदार करियर की शुरुआत हो गई. एक रोचक तथ्य ये भी है कि नडाल प्राकृतिक रूप से दाएं हाथ का उपयोग करते हैं, लेकिन टोनी के कहने पर उन्होंने बाएं हाथ से टेनिस खेलने का निर्णय लिया.



नडाल को अपने पिता के रक्षात्मक रवैये का सामना एक बार फिर करना पड़ा. स्पेनिश टेनिस फेडरेशन ने बेहद कम उम्र में नडाल की प्रतिभा को भांप लिया और 14 वर्ष की उम्र में उन्हें बार्सिलोना आकर ट्रेनिंग जारी रखने का आमंत्रण दिया. पिता को एक बार फिर लगा कि इससे उनके बेटे की पढ़ाई पर बुरा प्रभाव पड़ेगा और नडाल को अपने घर पर ही रहकर ट्रेनिंग करनी पड़ी, लेकिन इससे उनकी ट्रेनिंग पर कुछ खास प्रभाव नहीं पड़ा क्योंकि पिता एक सफल व्यापारी थे और वो खेल से जुड़े अपने बेटे का सारा खर्चा उठाने में कामयाब रहे.



इस बीच उन्होंने एक मैच में दिग्गज खिलाड़ी पैट कैश को मात देकर ये साबित कर दिया कि क्यों फेडरेशन उन्हें बार्सिलेना बुलाने के लिए तत्पर थी. 15 वर्ष का होते ही वो प्रोफेशनल खिलाड़ी भी बन गए और चार साल बाद वर्ष 2005 में उनके जीवन में गर्व का पल तब आया जब उन्होंने महज 19 वर्ष की उम्र में अपने करियर का पहला ग्रैंड स्लैम खिताब फ्रेंच ओपन जीता. वो मैट्स विल्नडर के बाद पहले ऐसे खिलाड़ी बने जिन्होंने पहले प्रयास में ही इस खिताब को अपने नाम किया.



इसके बाद, कोई भी खिलाड़ी नडाल को क्ले कोर्ट का बादशाह बनने से नहीं रोक पाया और अब तक वो कुल 12 फ्रेंच ओपन खिताब जीत चुके हैं. उन्होंने करियर में एक ऑस्ट्रेलियन ओपन, दो विंबलडन और चार अमेरिकी ओपन खिताब भी जीते हैं जो उन्हें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों की श्रेणी में बहुत ऊपर खड़ा करता है.



हालांकि, फुटबॉल के लिए उनका प्यार अभी भी कम नहीं हुआ है. वो स्पेनिश क्लब रियल मेड्रिड और आरसीडी मालोर्का को समर्थन देते हैं.


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