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'फेडरर को टक्कर देने के बाद भी कोई मेरा समर्थन नहीं कर रहा'

भारतीय खिलाड़ी सुमित नागल ने कहा कि उन्हें आर्थिक समर्थन की जरूरत है लेकिन लोग उनका समर्थन नहीं कर रहे हैं. यूएस ओपन के दौरान सुमित ने टेनिस के दिग्गज खिलाड़ी रोजर फेडरर को कड़ी टक्कर दी थी.

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Published : Sep 30, 2019, 6:31 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 3:14 PM IST

नई दिल्ली : अपने दमदार खेल से यूएस ओपन में दिग्गज रोजर फेडरर को टक्कर देने वाले भारतीय खिलाड़ी सुमित नागल ने कहा कि अब उन्हें आर्थिक तौर पर समर्थन की जरूरत है लेकिन लोग उनसे दूर भाग रहे हैं.

नागल ने यूएस ओपन के बाद चैलेंजर सर्किट के दो टूर्नामेंटों के फाइनल में जगह बनाई. रविवार को ब्यूनस आयर्स चैलेंजर को जीतने वाले 22 साल के इस खिलाड़ी ने एटीपी रैंकिंग में 26 स्थानों का सुधार किया और 135वें पायदान पर पहुंचे.

सुमित नागल और रोजर फेडरर
सुमित नागल और रोजर फेडरर
वे रैंकिंग में प्रजनेश गुणेश्वरन (84) के बाद दूसरे सर्वश्रेष्ठ भारतीय खिलाड़ी हैं. पैसों की कमी के कारण अर्जेंटीना में खेले गए चैलेंजर टूर्नमेंट में उनके साथ ना तो कोच थे और ना ही फिजियो.

नागल ने कहा, 'मैं यहां अकेले था. मेरी मदद के लिए कोई भी यहां मौजूद नहीं था. एक तरफ ये अच्छा है कि मैं बेहतर टेनिस खेल रहा हूं लेकिन ये आसान नहीं है और मैं बहुत निराश हूं.'झज्जर के इस खिलाड़ी ने कहा कि रैंकिंग में शीर्ष 100 के करीब पहुंचने के बाद भी उन्हें समर्थन नहीं मिल रहा है.

उन्होंने कहा, 'मेरे पास अब भी उतना ही बजट है जितना 2018 में था लेकिन उस समय मेरी रैंकिंग 350 थी. अभी मुझे सबसे ज्यादा समर्थन की जरूरत है. लोग मुझे से मुंह मोड़ रहे हैं.नागल ने कहा, 'यूएस ओपन में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी मैं अकेले हूं. 22 साल की उम्र में मैंने मुख्य ड्रॉ में जगह बनाई और फेडरर को एक सेट में हराया लेकिन इसका कुछ असर नहीं हुआ.

ये काफी निराशाजनक है कि टेनिस में निवेश करने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है.'22 साल के नागल ने कुछ समय के लिए सरकार की टारगेट ओलिंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) में जगह बनाई. इस योजना में खिलाड़ियों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है. उन्हें हालांकि बाद में इससे बाहर कर दिया गया.

महेश भूपति
महेश भूपति

ये भी पढ़े- जापान ओपन के युगल मुकाबले में हारे जोकोविच

टॉप्स योजना में ओलिंपिक में पदक की संभावना वाले खिलाड़ियों को 50,000 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है. अब केवल युगल विशेषज्ञ रोहन बोपन्ना और दिविज शरण को ही टॉप्स के माध्यम से समर्थन मिल रहा है.

नागल की प्रतिभा की पहचान करने वाले कई बार के ग्रैंड स्लैम विजेता महेश भूपति कहा कि अगर नागल के स्तर के खिलाड़ी को समर्थन नहीं मिलता है तो ये पूरी प्रणाली की विफलता है.उन्होंने कहा, 'सुमित एक विशेष प्रतिभा हैं और पिछले छह महीने में उनका प्रदर्शन ये दर्शाता है. जब आप उनके जैसी प्रतिभा को देखते हैं जिन्हें आने वाले ओलिंपिक या उसके बाद के ओलिंपिक के लिए समर्थन नहीं मिलता है तो मैं इसे पूरी प्रणाली की बड़ी विफलता मानता हूं.'

नई दिल्ली : अपने दमदार खेल से यूएस ओपन में दिग्गज रोजर फेडरर को टक्कर देने वाले भारतीय खिलाड़ी सुमित नागल ने कहा कि अब उन्हें आर्थिक तौर पर समर्थन की जरूरत है लेकिन लोग उनसे दूर भाग रहे हैं.

नागल ने यूएस ओपन के बाद चैलेंजर सर्किट के दो टूर्नामेंटों के फाइनल में जगह बनाई. रविवार को ब्यूनस आयर्स चैलेंजर को जीतने वाले 22 साल के इस खिलाड़ी ने एटीपी रैंकिंग में 26 स्थानों का सुधार किया और 135वें पायदान पर पहुंचे.

सुमित नागल और रोजर फेडरर
सुमित नागल और रोजर फेडरर
वे रैंकिंग में प्रजनेश गुणेश्वरन (84) के बाद दूसरे सर्वश्रेष्ठ भारतीय खिलाड़ी हैं. पैसों की कमी के कारण अर्जेंटीना में खेले गए चैलेंजर टूर्नमेंट में उनके साथ ना तो कोच थे और ना ही फिजियो.

नागल ने कहा, 'मैं यहां अकेले था. मेरी मदद के लिए कोई भी यहां मौजूद नहीं था. एक तरफ ये अच्छा है कि मैं बेहतर टेनिस खेल रहा हूं लेकिन ये आसान नहीं है और मैं बहुत निराश हूं.'झज्जर के इस खिलाड़ी ने कहा कि रैंकिंग में शीर्ष 100 के करीब पहुंचने के बाद भी उन्हें समर्थन नहीं मिल रहा है.

उन्होंने कहा, 'मेरे पास अब भी उतना ही बजट है जितना 2018 में था लेकिन उस समय मेरी रैंकिंग 350 थी. अभी मुझे सबसे ज्यादा समर्थन की जरूरत है. लोग मुझे से मुंह मोड़ रहे हैं.नागल ने कहा, 'यूएस ओपन में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी मैं अकेले हूं. 22 साल की उम्र में मैंने मुख्य ड्रॉ में जगह बनाई और फेडरर को एक सेट में हराया लेकिन इसका कुछ असर नहीं हुआ.

ये काफी निराशाजनक है कि टेनिस में निवेश करने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है.'22 साल के नागल ने कुछ समय के लिए सरकार की टारगेट ओलिंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) में जगह बनाई. इस योजना में खिलाड़ियों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है. उन्हें हालांकि बाद में इससे बाहर कर दिया गया.

महेश भूपति
महेश भूपति

ये भी पढ़े- जापान ओपन के युगल मुकाबले में हारे जोकोविच

टॉप्स योजना में ओलिंपिक में पदक की संभावना वाले खिलाड़ियों को 50,000 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है. अब केवल युगल विशेषज्ञ रोहन बोपन्ना और दिविज शरण को ही टॉप्स के माध्यम से समर्थन मिल रहा है.

नागल की प्रतिभा की पहचान करने वाले कई बार के ग्रैंड स्लैम विजेता महेश भूपति कहा कि अगर नागल के स्तर के खिलाड़ी को समर्थन नहीं मिलता है तो ये पूरी प्रणाली की विफलता है.उन्होंने कहा, 'सुमित एक विशेष प्रतिभा हैं और पिछले छह महीने में उनका प्रदर्शन ये दर्शाता है. जब आप उनके जैसी प्रतिभा को देखते हैं जिन्हें आने वाले ओलिंपिक या उसके बाद के ओलिंपिक के लिए समर्थन नहीं मिलता है तो मैं इसे पूरी प्रणाली की बड़ी विफलता मानता हूं.'

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'फेडरर को टक्कर देने के बाद भी कोई मेरा समर्थन नहीं कर रहा'



 





भारतीय खिलाड़ी सुमित नागल ने कहा कि उन्हें आर्थिक समर्थन की जरूरत है लेकिन लोग उनका समर्थन नहीं कर रहे हैं. यूएस ओपन के दौरान सुमित ने टेनिस के दिग्गज खिलाड़ी रोजर फेडरर को कड़ी टक्कर दी थी.



नई दिल्ली : अपने दमदार खेल से यूएस ओपन में दिग्गज रोजर फेडरर को टक्कर देने वाले भारतीय खिलाड़ी सुमित नागल ने कहा कि अब उन्हें आर्थिक तौर पर समर्थन की जरूरत है लेकिन लोग उनसे दूर भाग रहे हैं.

नागल ने यूएस ओपन के बाद चैलेंजर सर्किट के दो टूर्नमेंटों के फाइनल में जगह बनाई. रविवार को ब्यूनस आयर्स चैलेंजर को जीतने वाले 22 साल के इस खिलाड़ी ने एटीपी रैंकिंग में 26 स्थानों का सुधार किया और 135वें पायदान पर पहुंचे.

वे रैंकिंग में प्रजनेश गुणेश्वरन (84) के बाद दूसरे सर्वश्रेष्ठ भारतीय खिलाड़ी हैं. पैसों की कमी के कारण अर्जेंटीना में खेले गए चैलेंजर टूर्नमेंट में उनके साथ ना तो कोच थे और ना ही फिजियो.

नागल ने कहा, 'मैं यहां अकेले था. मेरी मदद के लिए कोई भी यहां मौजूद नहीं था. एक तरफ ये अच्छा है कि मैं बेहतर टेनिस खेल रहा हूं लेकिन ये आसान नहीं है और मैं बहुत निराश हूं.'

झज्जर के इस खिलाड़ी ने कहा कि रैंकिंग में शीर्ष 100 के करीब पहुंचने के बाद भी उन्हें समर्थन नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा, 'मेरे पास अब भी उतना ही बजट है जितना 2018 में था लेकिन उस समय मेरी रैंकिंग 350 थी. अभी मुझे सबसे ज्यादा समर्थन की जरूरत है. लोग मुझे से मुंह मोड़ रहे हैं.

नागल ने कहा, 'यूएस ओपन में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी मैं अकेले हूं. 22 साल की उम्र में मैंने मुख्य ड्रॉ में जगह बनाई और फेडरर को एक सेट में हराया लेकिन इसका कुछ असर नहीं हुआ. ये काफी निराशाजनक है कि टेनिस में निवेश करने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है.'

22 साल के नागल ने कुछ समय के लिए सरकार की टारगेट ओलिंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) में जगह बनाई. इस योजना में खिलाड़ियों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है. उन्हें हालांकि बाद में इससे बाहर कर दिया गया.

टॉप्स योजना में ओलिंपिक में पदक की संभावना वाले खिलाड़ियों को 50,000 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है. अब केवल युगल विशेषज्ञ रोहन बोपन्ना और दिविज शरण को ही टॉप्स के माध्यम से समर्थन मिल रहा है.

नागल की प्रतिभा की पहचान करने वाले कई बार के ग्रैंड स्लैम विजेता महेश भूपति कहा कि अगर नागल के स्तर के खिलाड़ी को समर्थन नहीं मिलता है तो ये पूरी प्रणाली की विफलता है.

उन्होंने कहा, 'सुमित एक विशेष प्रतिभा हैं और पिछले छह महीने में उनका प्रदर्शन ये दर्शाता है. जब आप उनके जैसी प्रतिभा को देखते हैं जिन्हें आने वाले ओलिंपिक या उसके बाद के ओलिंपिक के लिए समर्थन नहीं मिलता है तो मैं इसे पूरी प्रणाली की बड़ी विफलता मानता हूं.'




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Last Updated : Oct 2, 2019, 3:14 PM IST
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