न्यूयॉर्क: युवा महिला टेनिस खिलाड़ी अमेरिका की कोको गॉफ ने कहा है कि वह विंबलडन-2019 के एक साल पहले डिप्रेशन से जूझ रही थी और इसी कारण ब्रेक लेना चाहती थीं.
गॉफ ने कहा कि उनकी प्रतिभा के कारण उन पर उम्मीदों का दबाव काफी बढ़ गया था.
उन्होंने कहा, "मेरी पूरी जिंदगी में मैं सब कुछ करने वाली सबसे युवा रही हूं जिसके कारण मेरे साथ हाइप जुड़ गई लेकिन मैं यह चाहती नहीं थी. इससे मेरे ऊपर दबाव आ गया कि मुझे जल्दी से अच्छा करना है."
उन्होंने कहा, "विंबलडन के पहले से 2017-18 के दौरान मैं इस बात को समझ नहीं पा रही कि आखिर मैं चाहती क्या हूं. मैंने हमेशा परिणाम हासिल किए हैं इसलिए यह मुद्दा तो हो नहीं सकता. मुझे लगा कि मैं जो करना सबसे ज्यादा पसंद करती हूं तो मैं उसका लुत्फ नहीं उठा पा रही हूं. मैंने महसूस किया कि मुझे अपने लिए खेलने की जरूरत है दूसरों के लिए नहीं. एक साल के लिए मैं काफी डिप्रेशन में थी. वो मेरे जीवन का अभी तक का सबसे मुश्किल दौर था."
उन्होंने कहा कि वह एक साल का ब्रेक लेने का बारे में सोच रही थीं लेकिन अंत में अच्छा न कर पाना उनके लिए फायदेमंद रहा.
उन्होंने कहा, "मैं खो चुकी थी. मैं असमंजस में थी और ज्यादा सोच रही थी. मैंने कई पल बैठकर सोचते हुए और रोते हुए बिताए हैं. मैं उस स्थिति से मजबूत बनकर और अपने आप को बेहतर तरीके से जानते हुए निकली."
बता दें कि 15 साल की कोको ने विंबलडन 2019 के अंतिम-16 तो अमेरिकी ओपन के तीसरे दौर में पहुंचकर सबको चौकाया था. साथ ही वे डब्ल्यूटीए टूर के तहत ऑस्ट्रिया ओपन जीतने वाली सबसे यंग टेनिस प्लेयर भी बनी.
ऑस्ट्रिया ओपन के फाइनल में येलेना ओस्टापेंको को हराकर अमेरिका की टेनिस खिलाड़ी कोको गॉफ ने अपना पहला डब्ल्यूटीए खिताब जीता था.