नई दिल्ली : भारत की उभरती हुईं महिला फ्रीस्टाइल पहलवान अंशु मलिक चोट से पूरी तरह उबरने के बाद अब अगले महीन टोक्यो ओलंपिक कोटा हासिल करना चाहती हैं. 19 साल की अंशु पीठ में तकलीफ के कारण चार से सात मार्च तक रोम में आयोजित हुई विश्व रैंकिंग सीरीज में महिलाओं की 57 किग्रा वर्ग के कांस्य पदक मुकाबले से हट गई थीं.
हालांकि अब उन्होंने चोट से पूरी तरह से वापसी कर ली है और उन्होंने पिछले सप्ताह लखनऊ में आयोजित राष्ट्रीय चयन ट्रॉयल्स में अपना मुकाबला भी जीता था. अंशु अगर कजाखिस्तान में नौ से 18 अप्रैल तक होने वाले कंटिनेंटल टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करती हैं तो वह टोक्यो ओलंपिक का कोटा पा सकती हैं.
अंशु के पिता धर्मवीर मलिक ने कहा, "लखनऊ में ट्रायल्स के बाद वह घर आ गई थी. अब वह पूरी तरह से फिट है. हमें उम्मीद है कि वह हमारी उम्मीदों पर खड़ी उतरेंगी और ओलंपिक कोटा हासिल करेंगी."
2019 ओलंपिक क्वालीफिकेशन में विनेश फोगट ने महिलाओं की 53 किग्रा में ओलंपिक कोटा स्थान हासिल किया था. अन्य शीर्ष महिला पहलवान 2019 सत्र में सफल नहीं रहीं. कोविड महामारी के कारण 2020 सीजन के बाधित होने के बाद क्वालीफिकेशन प्रणाली फिर से शुरू हुई है. एशियाई ओलंपिक क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट एशियाई देशों के लिए पहला है.
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टोक्यो ओलंपिक के लिए भारतीय पुरुष वर्ग में अब तक बजरंग पुनिया (65 किग्रा), रवि दहिया (57 किग्रा) और दीपक पुनिया (86 किग्रा) ने ही टोक्यो ओलंपिक का पाया है.