नई दिल्ली: विश्व कराटे संघ (डब्ल्यूकेएफ) ने तत्काल प्रभाव से अस्थायी तौर पर भारतीय कराटे संघ (केएआई) की मान्यता रद कर दी है. डब्ल्यूकेएफ ने बीते साल हुए चुनावों में अपने नियमों के उल्लंघन के कारण भारतीय संघ के खिलाफ यह कदम उठाया है.
डब्ल्यूकेएफ ने केएआई के अध्यक्ष हरिप्रसाद पटनायक को एक पत्र लिखकर इस बात की जानकारी दी.
पत्र में लिखा है, "यह पत्र इस बात की सूचना देने के लिए है कि समिति द्वारा केएआई की मान्यता को लेकर जो जांच की गई थी, उसे देखने के बाद डब्ल्यूकेएफ की कार्यकारी समिति ने फैसला लिया है कि वह केएआई, जिसका अध्यक्ष आपको चुना गया था, की मान्यता तत्काल प्रभाव से अस्थायी रूप से रद कर रही है."
डब्ल्यूकेएफ ने कहा है कि कि पिछले साल जनवरी में चुनाव होने के बाद केएआई में 15 सदस्य थे जिसमें अध्यक्ष भी शामिल थे. हालांकि अब सिर्फ आठ सदस्य बचे हैं और संघ का कोई अध्यक्ष भी नहीं हैं.
विश्व संस्था ने साफ किया है कि वह भारतीय संघ के अंदरूनी कलह से खुश नहीं हैं जिसके कारण पिछले साल जनवरी में नियमों का उल्लंघन करके चुनाव कराए गए.
उन्होंने कहा, "केएआई के मौजूदा प्रबंधन ने अपनी अखंडता और विश्वसनीयता को खो दिया है. मौजूदा प्रबंधन लगवाग्रस्त है. प्रबंधन का एक हिस्सा जिसकी अगुआई लिखा तारा कर रहे हैं वो कह रहे हैं कि आधिकारी गौरकानूनी तरीके से चुने गए हैं. एक हिस्सा नियंत्रण लेना चाह रहा है और एक हिस्सा चाहता है कि भरत शर्मा को दोबारा उपाध्यक्ष बनाया जाएगा."
पत्र के मुताबिक, "इसलिए, ऐसा संभव नहीं लगता है कि केएआई अपने अंदर के मुद्दों को निकट भविष्य में सुलझा पाएगी. समिति को लगता है कि यह अंदरूनी टकराव आगे और बढ़ेगा."
डब्ल्यूकेएफ ने हालांकि केएआई को मान्यता रद्द करने के खिलाफ 21 दिनों के अंदर अपील करने का विकल्प दिया है. केएआई की मान्यता रद करने के फैसले को मंजूरी के लिए डब्ल्यूकेएफ अपनी अगली बैठक में कांग्रेस के समक्ष रखेगा.
उल्लेखनीय है कि भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) ने केएआई की मान्यता जनवरी 2020 में ही रद्द कर दी थी.