नई दिल्ली: बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक कोरोना महामारी के बीच एक वायरस-मुक्त टूर्नामेंट आयोजित करने का प्रयास कर रहा है. प्रतियोगियों और उनकी टीमों को एक बायो-बबल में रखा गया है. जहां हर दिन टेस्ट किए जाते हैं और पॉजिटिव आने के बाद उन्हें आइसोलेशन में डाल दिया जाता है.
लेकिन आइसोलेशन में स्थितियां कथित तौर पर विकट हैं. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वेलेरिया वासनेत्सोवा, एक रूसी एथलीट का दावा है कि उन्हें लगातार पांच दिनों तक एक ही तरह का भोजन दिन में तीन बार परोसा गया था, जिससे उन्हें ज्यादा दिक्कत हो गई थी.
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डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मन टीम के प्रमुख डिर्क शिममेलपफेनिग ने भी अपने एथलीटों के लिए 'अस्वीकार्य' स्थितियों की आलोचना करते हुए कहा कि आइसोलेशन रूम बहुत छोटे हैं और ऊपर से साथ सुथरा भी नहीं हैं. वहीं भोजन खराब है और पीसीआर टेस्ट भी नहीं किए जा रहे हैं.
वर्तमान में चीन में कोविड आइसोलेशन में एथलीटों लेकर 387 अन्य लोग हैं. हालांकि इसमें उनकी टीम और प्रेस के सदस्य भी शामिल हैं. अकेले प्रतियोगियों की सही संख्या स्पष्ट नहीं है, लेकिन दर्जनों लोग इसमें शामिल हैं.
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डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, फिनलैंड की आइस हॉकी टीम के प्रमुख जुक्का जालोनेन ने रविवार को कहा कि चीन उनके एक स्टार खिलाड़ी के साथ मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है.