कोलकाता : दीपक ने टखने और आंख में लगी चोट के कारण रविवार को 86 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल से पीछे हट गए और उन्हें रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा. 19 वर्षीय दीपक ने हाल ही में जूनियर विश्व चैम्पियनशिप का खिताब अपने नाम किया था.
मैंने अच्छा काम किया
आईएएनएस से दीपक ने कहा, "मैं वास्तव में बहुत निराश हूं. मैं कल वापस आ रहा हूं. मुझे खुशी है कि मैंने ओलम्पिक का टिकट हासिल कर लिया है, लेकिन मैं स्वर्ण के लिए लड़ाई लड़ना चाहता था." दीपक ने कहा, "मैंने इसके लिए बहुत अच्छी तैयारी की थी. मुकाबला बहुत कड़ा था, लेकिन मुझे अपनी क्षमता पर भरोसा था और मैंने अच्छा काम किया."
उन्होंने कहा कि उनका एकमात्र लक्ष्य ओलम्पिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतना है.
ओलम्पिक एक सपना है
दीपक ने कहा, "मेरे लिए ओलम्पिक ही सबकुछ है. यह एक सपना है. मैं ओलम्पिक से पहले बाहर जाकर ट्रेनिंग करना चाहता हूं. मेरा लक्ष्य ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतना है. टोक्यो में हर मुकाबला कठिन होगा, लेकिन मुझे अपनी क्षमता पर भरोसा है और मैं स्वर्ण जीतने के लिए अपना सबकुछ दूंगा. ये मेरा सपना है और यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है."
चार बेहतरीन पहलवानों को हराकर फाइनल में बनाई जगह
उन्होंने टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए चार बेहतरीन पहलवानों को मात देकर फाइनल में जगह बनाई. दीपक ने कहा, "इस प्रतियोगिता से मेरा आत्मविश्वास काफी बढ़ा है. मैंने विश्व चैंपियनशिप के लिए वास्तव में कड़ी मेहनत की थी. मैंने इस प्रतियोगिता से बहुत कुछ सीखा है। हर टूर्नामेंट से आपको सीखने को मिलता है."
कुश्ती में ये होता रहता है
दीपक प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंचने वाले सबसे युवा भारतीय पहलवान बने और टोक्यो ओलम्पिक का कोटा भी हासिल किया अपनी चोट पर दीपक ने कहा, "कुश्ती में ये होता रहता है. मुझे पहले दौर में ये चोट लगी थी. मेरा पांव और मेरी आंख सूज गई है."