नई दिल्ली: आगामी कुछ दिनों में टोक्यो ओलंपिक 2020 की शुरुआत हो जाएगी. ऐसे में पिछले ओलंपिक खेलों से जुड़े कुछ रोचक तथ्य हम आपको बताएंगे. इस श्रृंखला में 1912 और 1920 में हुए ओलंपिक से जुड़े कुछ अहम बिंदू और रोचक पहलू इस प्रकार हैं.
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1912, स्टॉकहोम ओलंपिक
- इन खेलों में करीब 2,400 खिलाड़ियों ने 28 देशों का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें 48 महिला एथलीट शामिल थीं. जिन्होंने 14 खेलों की 102 स्पर्धाओं में शिरकत की.
- ये अंतिम खेल थे, जिसमें प्रथम स्थान पर रहने वाले विजेता को पूरी तरह से सोने के बने पदक प्रदान किए गए थे.
- पहली बार प्रतिस्पर्धी सभी पांचों महाद्वीप से हिस्सा लेने पहुंचे, जो ओलंपिक रिंग का प्रतीक है.
- इन ओलंपिक में ही ट्रैक स्पर्धाओं के लिए स्वचालित समय उपकरण और फोटो फिनिश की शुरुआत की गई.
- फिनलैंड के एल्फ्रेड एसिकाइनेन और रूस के मार्टिन क्लेन के बीच मिडिलवेट कुश्ती का सेमीफाइनल मुकाबला 11 से ज्यादा घंटे तक चला. क्लेन ने अंत में जीत हासिल की. लेकिन वह चैम्पियनशिप मैच में भाग लेने के लिए काफी थक चुके थे तो उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा.
- साइक्लिंग रोड रेस के लिए कोर्स 320 किमी का था, जो ओलंपिक इतिहास में किसी भी रेस के लिए सबसे लंबी दूरी थी.
- इन खेलों में पहली बार कला स्पर्धाएं, महिलाओं की गोताखोरी, महिलाओं की तैराकी तथा डेकाथलॉन और पेंटाथलॉन की स्पर्धाएं कराई गईं.
- मुक्केबाजी को खेलों के कार्यक्रम से हटा दिया गया था, क्योंकि स्वीडन में यह इतनी आकर्षक नहीं थी.
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1920, एंटवर्प ओलंपिक
- 1916 ओलंपिक खेल बर्लिन में होने थे, लेकिन प्रथम विश्व युद्ध के कारण इन्हें रद्द कर दिया गया था.
- 1920 ओलंपिक एंटवर्प को नवाजे गए, क्योंकि विश्व युद्ध के दौरान बेल्जियम के लोगों को काफी दुख झेलना पड़ा था.
- प्रथम विश्व युद्ध में जो देश हार गए थे, जैसे जर्मनी, आस्ट्रिया, हंगरी, बुल्गारिया और तुर्की, उन्हें खेलों के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था. नए सोवियत संघ ने शिरकत नहीं करने का फैसला किया था.
- खराब मौसम और आर्थिक संकट से जूझ रहे शहर के पास युद्ध के मलबे को साफ करने के लिए बहुत कम समय था, जिसके परिणामस्वरूप जब खेल शुरू हुए तो एथलेटिक्स स्टेडियम का काम पूरा नहीं हो सका था. खिलाड़ियों को भीड़-भाड़ वाले कमरों में रखा गया, जिसमें फोल्ड होने वाली खाटें थीं.
- उद्घाटन समारोह के दौरान पहली बार ओलंपिक ध्वज ओलंपिक खेलों में फहराया गया था, जिसमें पांच रिंग ओलंपिक खेलों की सार्वभौमिकता और पांच महाद्वीपों की एकता को दर्शाती हैं.
- पहली बार किसी एथलीट ने सभी प्रतिस्पर्धियों की तरफ से ओलंपिक शपथ ली थी और पहली बार शांति के प्रतीक के रूप में 'डव' (सफेद रंग का कबूतर) को छोड़ा गया.
- इटली के नेडो नादि ने ओलंपिक इतिहास में बेजोड़ प्रदर्शन किया था. उन्होंने तलवारबाजी की छह स्पर्धाओं में से पांच में स्वर्ण पदक अपने नाम किए थे.
- भारत ने 1900 पेरिस ओलंपिक में नार्मन प्रिचार्ड के भाग लेने के 20 साल बाद अपनी पहली ओलंपिक टीम 1920 ओलंपिक में भेजी थी.
- भारतीय टीम में चार एथलीट- पूर्मा बनर्जी (100 मीटर और 400 मीटर), फाडेप्पा चौगले (10000 मीटर और मैराथन), सदाशिव दतार (मैराथन) और दो पहलवान कुमार नवाले और रणधीर शिंडेस शामिल थे.