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हमारे देश में खेल संस्कृति नहीं : खेल मंत्री किरण रिजिजू

खेल मंत्री बोले कि पदक आता है तो जश्न मनाया जाता है नहीं तो खिलाड़ियों को कोई पहचानता भी नहीं है.

Kiran Rijiju
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Published : Dec 17, 2019, 9:35 AM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू ने सोमवार को माना है कि देश में खेल संस्कृति का आभाव है और इसे बनाने के लिए हर किसी को आगे आना होगा. रिजिजू ने कहा कि भारत युवाओं का देश है जहां कई सारे खिलाड़ी हैं लेकिन फिर भी देश पदक के लिए तरसता है.

Kiran Rijiju
किरण रिजिजू

एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में रिजिजू ने कहा, "हमारे देश में खेल की संस्कृति नहीं है. पदक आता है तो जश्न मनाया जाता है नहीं तो खिलाड़ियों को कोई पहचानता भी नहीं है. अंग्रेजों के आने के बाद क्रिकेट को लेकर थोड़ा माहौल जरूर बना. खिलाड़ी एक साल में पैदा नहीं होता. आज हमने जो तैयारी की है उसका परिणाम कई साल बाद आएगा. बीजिंग ओलम्पिक-2008 में पहली बार हमारे पास पदक आए. हमारे दिल में था कि हम क्यों पदक के लिए तरसते हैं."

उन्होंने कहा, "मेरे मन में था कि इतना बड़ा देश, युवाओं का देश फिर भी पदक के लिए तरसना, ये अखरता था. फिर हमने सभी महासंघों को टार्गेट दिया. दोनों ओलम्पिक (टोक्यो ओलम्पिक-2020 और पेरिस-2024) के लिए तैयारी अलग-अलग चल रही है. टोक्यो के लिए तो लगभग तैयारी पूरी हो चुकी है."

नई दिल्ली : केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू ने सोमवार को माना है कि देश में खेल संस्कृति का आभाव है और इसे बनाने के लिए हर किसी को आगे आना होगा. रिजिजू ने कहा कि भारत युवाओं का देश है जहां कई सारे खिलाड़ी हैं लेकिन फिर भी देश पदक के लिए तरसता है.

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किरण रिजिजू

एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में रिजिजू ने कहा, "हमारे देश में खेल की संस्कृति नहीं है. पदक आता है तो जश्न मनाया जाता है नहीं तो खिलाड़ियों को कोई पहचानता भी नहीं है. अंग्रेजों के आने के बाद क्रिकेट को लेकर थोड़ा माहौल जरूर बना. खिलाड़ी एक साल में पैदा नहीं होता. आज हमने जो तैयारी की है उसका परिणाम कई साल बाद आएगा. बीजिंग ओलम्पिक-2008 में पहली बार हमारे पास पदक आए. हमारे दिल में था कि हम क्यों पदक के लिए तरसते हैं."

उन्होंने कहा, "मेरे मन में था कि इतना बड़ा देश, युवाओं का देश फिर भी पदक के लिए तरसना, ये अखरता था. फिर हमने सभी महासंघों को टार्गेट दिया. दोनों ओलम्पिक (टोक्यो ओलम्पिक-2020 और पेरिस-2024) के लिए तैयारी अलग-अलग चल रही है. टोक्यो के लिए तो लगभग तैयारी पूरी हो चुकी है."

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हमारे देश में खेल संस्कृति नहीं : खेल मंत्री किरण रिजिजू





नई दिल्ली : केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू ने सोमवार को माना है कि देश में खेल संस्कृति का आभाव है और इसे बनाने के लिए हर किसी को आगे आना होगा. रिजिजू ने कहा कि भारत युवाओं का देश है जहां कई सारे खिलाड़ी हैं लेकिन फिर भी देश पदक के लिए तरसता है.



एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में रिजिजू ने कहा, "हमारे देश में खेल की संस्कृति नहीं है. पदक आता है तो जश्न मनाया जाता है नहीं तो खिलाड़ियों को कोई पहचानता भी नहीं है. अंग्रेजों के आने के बाद क्रिकेट को लेकर थोड़ा माहौल जरूर बना. खिलाड़ी एक साल में पैदा नहीं होता. आज हमने जो तैयारी की है उसका परिणाम कई साल बाद आएगा. बीजिंग ओलम्पिक-2008 में पहली बार हमारे पास पदक आए. हमारे दिल में था कि हम क्यों पदक के लिए तरसते हैं."



उन्होंने कहा, "मेरे मन में था कि इतना बड़ा देश, युवाओं का देश फिर भी पदक के लिए तरसना, ये अखरता था. फिर हमने सभी महासंघों को टार्गेट दिया. दोनों ओलम्पिक (टोक्यो ओलम्पिक-2020 और पेरिस-2024) के लिए तैयारी अलग-अलग चल रही है. टोक्यो के लिए तो लगभग तैयारी पूरी हो चुकी है."


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