गोंडोमर (पुर्तगाल): भारतीय पुरूष और महिला टेबल टेनिस टीमों को ओलंपिक क्वालीफायर्स के प्री-क्वार्टर फाइनल में शुक्रवार को यहां क्रमश: स्लोवेनिया और रोमानिया से हार का सामना करना पड़ा जिससे उनका टोक्यो में होने वाले खेलों के लिए क्वालीफाई करना मुश्किल हो गया है.
सत्रहवीं वरीयता प्राप्त महिला टीम ने रोमानिया को कड़ी चुनौती दी लेकिन उन्हें 2-3 से हार का सामना करना पड़ा. पांचवीं वरीयता प्राप्त पुरुष टीम ने हालांकि ज्यादा निराशा किया जिसे 11वीं वरीयता प्राप्त स्लोवेनिया ने 3-1 से हराया.
भारतीय पुरुष खिलाड़ियों ने युगल में जीत से शुरूआत की लेकिन जी साथियान और हरमीत देसाई की एकल में हार ने टीम को मुश्किल स्थिति में डाल दिया.
टीम अगर क्वार्टर फाइनल में जीतती तो उसे ओलंपिक का टिकट मिल जाता लेकिन अब उसे ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने के लिए प्लेट डिविजन में जीत दर्ज करनी होगी. प्लेट डिविजन में अंतिम 16 में हारने वाली सभी टीमें होगी.
विश्व रैंकिंग में 40वें स्थान पर काबिज डारको जोरकिच ने जी साथियान (विश्व रैंकिग 30) को 11-9, 12-10, 11-3 और शरत कमल (विश्व रैंकिंग 33) को 10-12, 11, 12-10, 11-8 से हराकर स्लोवेनिया को यादगार जीत दिलायी.
महिला टीम ने हालांकि बेहतर संघर्ष किया मनिका बत्रा अपना पहला मुकाबला 7-11, 12-10, 11-9, 11-7 से जीतने के बाद निर्णायक मुकाबले में हार गयी. इस टीम ने हालांकि अंतिम 32 में स्वीडन जैसी मजबूत टीम को शिकस्त दी थी.
वहीं, बुधवार को हुए मुकाबले में भारत की पुरुष और महिला टेबल टेनिस टीमें यहां टीम क्वालीफायर में क्रमश: लक्जमबर्ग और स्वीडन के खिलाफ विपरीत हालात में जीत दर्ज करके पहली बार ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करन के नजदीक पहुंच गई थी.
बता दें कि भारत ने ओलंपिक इतिहास में कभी टीम के रूप में क्वालीफाई नहीं किया है और उसका प्रतिनिधित्व व्यक्तिगत स्पर्धाओं तक सीमित रहा है.