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EXCLUSIVE : निखत जरीन मामले में सुशील कुमार ने किया मैरी कॉम का समर्थन

मैरी कॉम और निखत जरीन मामले में सुशील कुमार ने दिया मैरी का साथ बोले आधे से ज्यादा खिलाड़ी नाम से जीत जाते हैं मेडल.

Sushil Kumar
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Published : Oct 26, 2019, 8:26 PM IST

Updated : Oct 26, 2019, 8:50 PM IST

दिल्ली : बॉकसिंग फेडरेशन के ओलम्पिक ट्रायल मामले में 6 बार की विश्व चैम्पियन मैरी कॉम और निखत जरीन आमने- सामने है जिसपर दो बार के ओलम्पिक मेडलिस्ट सुशील कुमार ने अपना रूख साफ कर दिया है.

सुशील ने ईटीवी से खास बातचीत कर कहा कि फेडरेशन निर्णय लेने में सक्षम हैं, आधे से ज्यादा खिलाड़ी नाम से जीत जाते हैं.

देखिए वीडियो



सुशील मे कहा, "नहीं, ऐसा नहीं है और जिस तरफ आप इशारा कर रहे उसी के बारे में मैं आपके बात दूं (बॉक्सर मैरी कॉम और निखत जरीन के बीच ट्रॉयल को लेकर चल रहे मुद्दे पर) कि जब फेडरेशन को निर्णय लेती है तो मैं और आप उस पर कोई जवाब नहीं दे सकते. क्योंकि ऑटोनोमस बॉडी है वो जब भी प्लान करती है तो अच्छे तरीके से देखकर प्लान करती है कि इस खिलाड़ी को ये मौका मिलना चाहिए क्यों ये वहां पर अच्छा कर रहा है. एक अनुभव और नाम होता है. आधे से ज्यादा खिलाड़ी नाम से जीत जाता है तो यही सोचकर उन्होंने मैरी कॉम को आगे बढ़ाया होगा."



बता दें कि मैरी कॉम और निखत जरीन ओलम्पिक कोटा को लेकर आमने -सामने हैं जहां मैरी कॉम ने अपना भार वर्ग बदल कर 51 किलो भारवर्ग में ओलम्पिक कोटा हासाल कर लिया है वहीं निखत का मानना है कि मैरी को ये कोटा उनके नाम पर मिला है और मैरी से ज्यादा वो खुद इस कोटे की हकदार हैं.

दिल्ली : बॉकसिंग फेडरेशन के ओलम्पिक ट्रायल मामले में 6 बार की विश्व चैम्पियन मैरी कॉम और निखत जरीन आमने- सामने है जिसपर दो बार के ओलम्पिक मेडलिस्ट सुशील कुमार ने अपना रूख साफ कर दिया है.

सुशील ने ईटीवी से खास बातचीत कर कहा कि फेडरेशन निर्णय लेने में सक्षम हैं, आधे से ज्यादा खिलाड़ी नाम से जीत जाते हैं.

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सुशील मे कहा, "नहीं, ऐसा नहीं है और जिस तरफ आप इशारा कर रहे उसी के बारे में मैं आपके बात दूं (बॉक्सर मैरी कॉम और निखत जरीन के बीच ट्रॉयल को लेकर चल रहे मुद्दे पर) कि जब फेडरेशन को निर्णय लेती है तो मैं और आप उस पर कोई जवाब नहीं दे सकते. क्योंकि ऑटोनोमस बॉडी है वो जब भी प्लान करती है तो अच्छे तरीके से देखकर प्लान करती है कि इस खिलाड़ी को ये मौका मिलना चाहिए क्यों ये वहां पर अच्छा कर रहा है. एक अनुभव और नाम होता है. आधे से ज्यादा खिलाड़ी नाम से जीत जाता है तो यही सोचकर उन्होंने मैरी कॉम को आगे बढ़ाया होगा."



बता दें कि मैरी कॉम और निखत जरीन ओलम्पिक कोटा को लेकर आमने -सामने हैं जहां मैरी कॉम ने अपना भार वर्ग बदल कर 51 किलो भारवर्ग में ओलम्पिक कोटा हासाल कर लिया है वहीं निखत का मानना है कि मैरी को ये कोटा उनके नाम पर मिला है और मैरी से ज्यादा वो खुद इस कोटे की हकदार हैं.

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EXCLUSIVE : निखत जरीन मामलें में सुशील कुमार ने किया मैरी कॉम का समर्थन





बॉकसिंग फेडरेशन के ट्रायल मामले में मैरी कॉम और निखत जरीन आमने- सामने है जिसपर दो बार के ओलम्पिक मेडलिस्ट सुशील कुमार ने अपना रूख साफ कर दिया है.



सुशील ने ईटीवी से खास बातचीत कर कहा कि फेडरेशन निर्णय लेने में सक्षम हैं, आधे से ज्यादा खिलाड़ी नाम से जीत जाते हैं.





सुशील मे कहा, "नहीं, ऐसा नहीं है और जिस तरफ आप इशारा कर रहे उसी के बारे में मैं आपके बात दूं (बॉक्सर मैरी कॉम और  निखत जरीन के बीच ट्रॉयल को लेकर चल रहे मुद्दे पर) कि जब फेडरेशन को निर्णय लेती है तो  मैं और आप उस पर कोई जवाब नहीं दे सकते. क्योंकि ऑटोनोमस बॉडी है वो जब भी प्लान करती है तो अच्छे तरीके से देखकर प्लान करती है कि इस खिलाड़ी को ये मौका मिलना चाहिए क्यों ये वहां पर अच्छा कर रहा है. एक अनुभव और नाम होता है. आधे से ज्यादा खिलाड़ी नाम से जीत जाता है तो यही सोचकर उन्होंने मैरी कॉम को आगे बढ़ाया होगा."





बता दें कि मैरी कॉम और निखत जरीन ओलम्पिक कोटा को लेकर आमने -सामने हैं जहां मैरी कॉम ने अपना भार वर्ग बदल कर 51 किलो भारवर्ग में ओलम्पिक कोटा हासाल कर लिया है वहीं निखत का मानना है कि मैरी को ये कोटा उनके नाम पर मिला है और मैरी से ज्यादा वो खुद इस कोटे की हकदार हैं.


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Last Updated : Oct 26, 2019, 8:50 PM IST
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