नई दिल्ली: खेल मंत्रालय और भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है जो मंत्रालय को राष्ट्रीय खेल संघों (NSF) को मान्यता देने पर कोई भी निर्णय लेने से रोकता है.
ये मामला 2010 में दायर एक याचिका से संबंधित है जिसमें अधिवक्ता राहुल मेहरा ने अदालत से केंद्र को ये निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि IOA और NSF अपने कर्तव्यों का पालन करें ताकि देश में खेल प्रशासन में सुधार हो सके.
इस साल फरवरी में, दिल्ली उच्च न्यायाल ने मंत्रालय को NSF पर अदालत के परामर्श के बिना कोई भी निर्णय लेने से रोक लगा दिया था. इसके बाद मंत्रालय को विभिन्न खेलों के 57 NSF को दी गई मान्यता वापस लेनी पड़ी, जिससे उनके प्रशासनिक कार्यों में बाधा पड़ी.
खेल मंत्रालय के एक सूत्र ने एक मीडिया हाउस से बातचीत की और कहा, "हम एक या दो दिन में विशेष अनुमति याचिका दायर करेंगे. हम दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दे रहे हैं जिसमें कहा गया है कि मंत्रालय अदालत को बिना बताये खेल संघों से संबंधित कोई भी निर्णय न लें."
IOA के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा और सचिव राजीव मेहता ने भी एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि वो भी शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे क्योंकि क्योंकि इस मामले में IOA भी एक पक्ष है.
बयान के मुताबिक, "हम (IOA) राहुल मेहरा मामले की याचिका के संबंध में जल्द ही माननीय उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की योजना बना रहे हैं."
इससे पहले 7 अगस्त को मंत्रालय ने उच्च न्यायालय से आदेश में बदलाव और कम से कम NSF को मान्यता प्राप्त करने की अनुमति देने का अनुरोध किया था, लेकिन अदालत ने उस याचिका को खारिज कर दिया और राष्ट्रीय खेल संहिता अनुपालन रिपोर्ट की मांग की.
इसके बाद मंत्रालय ने NSF को एक प्रश्नावली भेजकर उनके पदाधिकारियों की उम्र और कार्यकाल का विवरण मांगा. कुल 56 NSF ने इसका जवाब दिया. इस मामले की सुनवाई 21 अगस्त को उच्च न्यायालय में होनी थी. इसे हालांकि 18 सितंबर तक टाल दिया गया.