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बत्रा के बयान पर प्रतिक्रिया देने से बचते नजर आए खेल मंत्रालय और CGF अधिकारी

आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा के राष्ट्रमंडल खेलों के बहिष्कार वाले बयान पर खेल मंत्रालय और राष्ट्रमंडल खेल महासंघ ने कोई प्रतिक्रिया न देने का फैसला किया.

Sports Ministry
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Published : Sep 26, 2019, 11:44 AM IST

Updated : Oct 2, 2019, 1:48 AM IST

नई दिल्ली: खेल मंत्रालय और राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) बुधवार को भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा के इस बयान पर प्रतिक्रिया देने से बचे कि राष्ट्रमंडल खेल समय की बर्बादी हैं और देश को इन खेलों से स्थायी तौर पर हटने पर विचार करना चाहिए.

बत्रा का मानना है कि राष्ट्रमंडल खेलों में प्रतिस्पर्धा का स्तर ऊंचा नहीं है और भारतीय खिलाड़ियों के बीच सही होगा कि वो बेहतर टूर्नामेंटों में हिस्सा लें.

बर्मिंघम 2022 राष्ट्रमंडल खेल
बर्मिंघम 2022 राष्ट्रमंडल खेल

बत्रा ने इससे पहले बर्मिंघम में 2022 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी को शामिल नहीं करने पर इन खेलों के बहिष्कार की मांग की थी.

हालांकि खेल मंत्रालय के अधिकारी ने बत्रा की टिप्पणी पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए कहा,"इस समय सरकार कोई प्रतिक्रिया नही देना चाहती."

सीजीएफ ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया नहीं देने का फैसला किया.

सीजीएफ के मीडिया एवं कम्यूनिकेशन मैनेजर टाम डेगुन ने कहा,"कथित तौर पर यहां की गई टिप्पणी पर हम प्रत्यक्ष प्रतिक्रिया नहीं देना चाहते."

आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा
आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा

सीजीएफ अधिकारी से पूछा गया क्या बत्रा की टिप्पणी का सीजीएफ प्रमुख लुईस मार्टिन की नवंबर में होने वाली संभावित यात्रा पर असर पड़ेगा जिसमें बर्मिंघम खेलों से निशानेबाजों को हटाए जाने पर भारत के चिंता जताने पर चर्चा होनी है.

डेगुन ने कहा,"लेकिन हमारी अध्यक्ष डेमी लुईस मार्टिन और सीईओ डेविड ग्रेवेमबर्ग नवंबर में भारतीय ओलंपिक संघ के साथ सकारात्मक बैठक को लेकर उत्सुक हैं."

कुछ दिन पहले बत्रा ने नवंबर में नई दिल्ली में बैठक करने का मार्टिन का सुझाव स्वीकार कर लिया था.

नई दिल्ली: खेल मंत्रालय और राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) बुधवार को भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा के इस बयान पर प्रतिक्रिया देने से बचे कि राष्ट्रमंडल खेल समय की बर्बादी हैं और देश को इन खेलों से स्थायी तौर पर हटने पर विचार करना चाहिए.

बत्रा का मानना है कि राष्ट्रमंडल खेलों में प्रतिस्पर्धा का स्तर ऊंचा नहीं है और भारतीय खिलाड़ियों के बीच सही होगा कि वो बेहतर टूर्नामेंटों में हिस्सा लें.

बर्मिंघम 2022 राष्ट्रमंडल खेल
बर्मिंघम 2022 राष्ट्रमंडल खेल

बत्रा ने इससे पहले बर्मिंघम में 2022 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी को शामिल नहीं करने पर इन खेलों के बहिष्कार की मांग की थी.

हालांकि खेल मंत्रालय के अधिकारी ने बत्रा की टिप्पणी पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए कहा,"इस समय सरकार कोई प्रतिक्रिया नही देना चाहती."

सीजीएफ ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया नहीं देने का फैसला किया.

सीजीएफ के मीडिया एवं कम्यूनिकेशन मैनेजर टाम डेगुन ने कहा,"कथित तौर पर यहां की गई टिप्पणी पर हम प्रत्यक्ष प्रतिक्रिया नहीं देना चाहते."

आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा
आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा

सीजीएफ अधिकारी से पूछा गया क्या बत्रा की टिप्पणी का सीजीएफ प्रमुख लुईस मार्टिन की नवंबर में होने वाली संभावित यात्रा पर असर पड़ेगा जिसमें बर्मिंघम खेलों से निशानेबाजों को हटाए जाने पर भारत के चिंता जताने पर चर्चा होनी है.

डेगुन ने कहा,"लेकिन हमारी अध्यक्ष डेमी लुईस मार्टिन और सीईओ डेविड ग्रेवेमबर्ग नवंबर में भारतीय ओलंपिक संघ के साथ सकारात्मक बैठक को लेकर उत्सुक हैं."

कुछ दिन पहले बत्रा ने नवंबर में नई दिल्ली में बैठक करने का मार्टिन का सुझाव स्वीकार कर लिया था.

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बत्रा के बयान पर प्रतिक्रिया देने से बचते नजर आए खेल मंत्रालय और CGF



 





आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा के राष्ट्रमंडल खेलों के के बहिष्कार वाले बयान पर खेल मंत्रालय और राष्ट्रमंडल खेल महासंघ ने कोई प्रतिक्रिया न देने का फैसला किया.





नई दिल्ली: खेल मंत्रालय और राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) बुधवार को भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा के इस बयान पर प्रतिक्रिया देने से बचे कि राष्ट्रमंडल खेल समय की बर्बादी हैं और देश को इन खेलों से स्थायी तौर पर हटने पर विचार करना चाहिए.



बत्रा का मानना है कि राष्ट्रमंडल खेलों में प्रतिस्पर्धा का स्तर ऊंचा नहीं है और भारतीय खिलाड़ियों के बीच सही होगा कि वो बेहतर टूर्नामेंटों में हिस्सा लें.



बत्रा ने इससे पहले बर्मिंघम में 2022 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी को शामिल नहीं करने पर इन खेलों के बहिष्कार की मांग की थी.



हालांकि खेल मंत्रालय के अधिकारी ने बत्रा की टिप्पणी पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए कहा,"इस समय सरकार कोई प्रतिक्रिया नही देना चाहती."



सीजीएफ ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया नहीं देने का फैसला किया.



सीजीएफ के मीडिया एवं कम्यूनिकेशन मैनेजर टाम डेगुन ने कहा,"कथित तौर पर यहां की गई टिप्पणी पर हम प्रत्यक्ष प्रतिक्रिया नहीं देना चाहते."



सीजीएफ अधिकारी से पूछा गया क्या बत्रा की टिप्पणी का सीजीएफ प्रमुख लुईस मार्टिन की नवंबर में होने वाली संभावित यात्रा पर असर पड़ेगा जिसमें बर्मिंघम खेलों से निशानेबाजों को हटाए जाने पर भारत के चिंता जताने पर चर्चा होनी है.



डेगुन ने कहा,"लेकिन हमारी अध्यक्ष डेमी लुईस मार्टिन और सीईओ डेविड ग्रेवेमबर्ग नवंबर में भारतीय ओलंपिक संघ के साथ सकारात्मक बैठक को लेकर उत्सुक हैं."



कुछ दिन पहले बत्रा ने नवंबर में नई दिल्ली में बैठक करने का मार्टिन का सुझाव स्वीकार कर लिया था.


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Last Updated : Oct 2, 2019, 1:48 AM IST
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