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विश्व कप 2008 मेरे लिए वापसी करने वाला टूर्नामेंट था : नारंग

ओलंपिक कांस्य पदक विजेता निशानेबाज गगन नारंग ने कहा है कि आईएसएसएफ विश्व कप 2008, उनके लिए वापसी करने वाला टूर्नामेंट था.

shooter Gagan Narang
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Published : Oct 23, 2020, 2:56 PM IST

नई दिल्ली : नारंग ने 2008 की शुरुआत में चीन में हुए विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतकर आईएसएसएफ विश्व कप 2008 फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था.

क्वालीफिकेशन राउंड में उन्होंने 600 का स्कोर किया था. इसके बाद उन्होंने फाइनल में 103.5 का स्कोर करके कुल 703.5 के स्कोर के साथ पदक जीता था. नारंग ने ओलंपिक रजत पदक विजेता भारतीय महिला बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु के शो 'द-ए गेम' में बातचीत के दौरान यह बात कही.

shooter Gagan Narang
निशानेबाज गगन नारंग

उन्होंने कहा, "निशानेबाजी विश्व कप 2008 मेरे लिए एक वापसी करने वाला टूर्नामेंट था क्योंकि मैं कई परेशानियों के बाद वहां तक पहुंचा था. मेरी मां अस्पताल में भर्ती थी और मुझे अपने परिवार तथा घर दोनों का ख्याल रखना था. मेरे लिए यह एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण स्थिति थी और मैं खुश था कि सिस्टम मुझे सपोर्ट कर रहा है, इसलिए मैं इस बाधा से पार पा सकता हूं और विश्व रिकॉर्ड बना सकता हूं."

नारंग ने साथ ही इस पर भी बात की कि एक एथलीट किस तरह से सफलताओं से ज्यादा असफलताओं से सीख सकता है.

ओलंपिक पदक विजेता ने कहा, "खेल आपको सफलता और असफलता को समान रूप से स्वीकार करना सिखाता है. जब आप जीत रहे हैं तो आपको किसी की आवश्यकता नहीं है क्योंकि आप बिल्कुल वही कर रहे हैं जो आपको करने की जरूरत है."

उन्होंने कहा, "लेकिन जब आप हारते हैं तो आप सबकुछ के बारे में सोचते हैं. दोहराते हैं और फिर गौर करते हैं कि आप उनसे क्या सीख सकते हैं और बेहतर कर सकते हैं. मैंने व्यक्तिगत रूप से सफलता की तुलना में अपनी विफलताओं से बहुत कुछ सीखा है क्योंकि जब आप असफल होते हैं तो आप वास्तव में वापस जा सकते हैं, सोच सकते हैं और बेहतर करने के लिए खुद को बदल सकते हैं."

नई दिल्ली : नारंग ने 2008 की शुरुआत में चीन में हुए विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतकर आईएसएसएफ विश्व कप 2008 फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था.

क्वालीफिकेशन राउंड में उन्होंने 600 का स्कोर किया था. इसके बाद उन्होंने फाइनल में 103.5 का स्कोर करके कुल 703.5 के स्कोर के साथ पदक जीता था. नारंग ने ओलंपिक रजत पदक विजेता भारतीय महिला बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु के शो 'द-ए गेम' में बातचीत के दौरान यह बात कही.

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निशानेबाज गगन नारंग

उन्होंने कहा, "निशानेबाजी विश्व कप 2008 मेरे लिए एक वापसी करने वाला टूर्नामेंट था क्योंकि मैं कई परेशानियों के बाद वहां तक पहुंचा था. मेरी मां अस्पताल में भर्ती थी और मुझे अपने परिवार तथा घर दोनों का ख्याल रखना था. मेरे लिए यह एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण स्थिति थी और मैं खुश था कि सिस्टम मुझे सपोर्ट कर रहा है, इसलिए मैं इस बाधा से पार पा सकता हूं और विश्व रिकॉर्ड बना सकता हूं."

नारंग ने साथ ही इस पर भी बात की कि एक एथलीट किस तरह से सफलताओं से ज्यादा असफलताओं से सीख सकता है.

ओलंपिक पदक विजेता ने कहा, "खेल आपको सफलता और असफलता को समान रूप से स्वीकार करना सिखाता है. जब आप जीत रहे हैं तो आपको किसी की आवश्यकता नहीं है क्योंकि आप बिल्कुल वही कर रहे हैं जो आपको करने की जरूरत है."

उन्होंने कहा, "लेकिन जब आप हारते हैं तो आप सबकुछ के बारे में सोचते हैं. दोहराते हैं और फिर गौर करते हैं कि आप उनसे क्या सीख सकते हैं और बेहतर कर सकते हैं. मैंने व्यक्तिगत रूप से सफलता की तुलना में अपनी विफलताओं से बहुत कुछ सीखा है क्योंकि जब आप असफल होते हैं तो आप वास्तव में वापस जा सकते हैं, सोच सकते हैं और बेहतर करने के लिए खुद को बदल सकते हैं."

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