कोलकाता : एनआरएआई ने शुक्रवार को भारतीय निशानेबाजों को ऑनलाइन निशानेबाजी लीग में हिस्सा लेने से रोकने के आदेश दिए थे और ऐसा न करने पर खिलाड़ियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की धमकी भी दी थी.
वो लॉकडाउन के कारण नहीं कर पा रहे हैं
शरीफ ने सिंह को एक ईमेल में लिखा है कि लीग कोई व्याव्सायिक हित के लिए नहीं है और इसलिए भारतीय निशानेबाजों को इसमें हिस्सा लेने की मंजूरी मिलनी चाहिए जिससे वो मैच अभ्यास कर सकें जो वो लॉकडाउन के कारण नहीं कर पा रहे हैं.
शरीफ ने लिखा है, "जैसा आप जानते हैं कि हमने ऑनलाइन निशानेबाजी चैम्पियनशिप के चार संस्करणों का सफलता पूर्वक आयोजन किया है जिसके लिए मैंने आपको निजी तौर पर आमंत्रित किया था. इस टूर्नामेंट में शीर्ष निशानेबाज हिस्सा ले रहे हैं जिसमें कई ओलम्पिक कोटा हासिल करने वाले खिलाड़ी भी हैं. इस टूर्नामेंट को निशानेबाजी जगत में काफी सराहना मिली थी."
उन्होंने लिखा, "अब हम लीग को ऑनलाइन आयोजित कर रहे हैं और यह व्यवसायिक नहीं है. इस लीग में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों को कोई पेशेवर फीस नहीं दी गई है. ये लीग निशानेबाजों को पांच सप्ताह में तीन-पांच मैच खेलने का मौका देगी. भारत के शीर्ष निशानेबाजों, ओलम्पिक कोटा हासिल करने वालों ने इसे लेकर काफी उत्साह दिखाया है."
निशानेबाजों को इस समय व्यस्त रखेगा
शरीफ ने आगे लिखा, "मैं आपसे अपील करता हूं कि आप भारतीय निशानेबाजों को इस गैरव्यावसायिक लीग में हिस्सा लेने की मंजूरी प्रदान करें ताकि हमारे निशानेबाजों को भी इस लीग में हिस्सा लेने का मौका मिले." शरीफ से जब इस मामले को लेकर संपर्क किया गया तब उन्होंने कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि एनआरएआई ने चार संस्करणों में कुछ नहीं कहा तो अब उसे क्या परेशानी है.
उन्होंने एक समाचार एजेंसी से कहा, "ये एक नया विचार है जो निशानेबाजों को इस समय व्यस्त रखेगा. हमने चार ऑनलाइन निशानेबाजी चैम्पयनिशप आयोजित कराई हैं और तब किसी तरह की आपत्ति नहीं उठाई गई थी. अब मुझे समझ नहीं आ रहा है कि उन्हें इस लीग शब्द से क्या परेशानी है. ये व्यावसायिक नहीं है. निशानेबाजों को इसमें हिस्सा लेने का पैसा नहीं मिल रहा है."
शरीफ ने कहा कि मनु भाकेर, अभिषेक वर्मा, यशस्वनी देसवाल और अनिश भानवाल जैसे खिलाड़ियों ने इसमें हिस्सा लेने की हामी भर दी थी लेकिन एनआरएआई के फैसले से वो हिस्सा नहीं लेंगे.
उन्होंने कहा, "एनआरएआई एक मात्र महासंघ है जो इस लीग में हिस्सा लेने से निशानेबाजों को रोक रही है. आईएसएसएफ और बाकी की अन्य महासंघों को इससे कोई परेशानी नहीं है. एनआरएआई के अध्यक्ष सकारात्मक सोच वाले खिलाड़ी हैं और मुझे लगता है कि वो भारतीय निशानेबाजों के हित को देखते हुए बेहतर फैसला लेंगे."