नई दिल्ली: डोप के दाग से मुक्त कॉमनवेल्थ गेम्स की दो बार की गोल्ड मेडलिस्ट वेटलिफ्टर संजीता चानू को अंतत: प्रतिष्ठित अर्जुन अवॉर्ड मिलेगा जो 2018 से रुका हुआ है.
खेल मंत्रालय के सूत्रों ने पुष्टि की है कि चानू को 2018 के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार अर्जुन पुरस्कार मिलेगा. हाई कोर्ट ने चयन समिति को चानू के नाम पर विचार करने को कहा था और अपने फैसले को सीलबंद लिफाफे में रखने को कहा था जिसे चानू के डोपिंग के आरोपों से मुक्त होने की स्थिति में ही खोला जाना था.
मंत्रालय के सूत्रों ने मीडिया से कहा, "संजीता (चानू) को अंतरराष्ट्रीय महासंघ ने डोपिंग के सभी आरोपों से मुक्त कर दिया है. इसलिए हमें दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश का पालन करना होगा और अर्जुन अवॉर्ड के लिए उनके नाम पर विचार करना होगा."
अर्जुन अवॉर्ड के लिए 2017 में अनदेखी के बाद चानू ने दिल्ली हाई कोर्ट में रिट दायर करके इस प्रतिष्ठित पुरस्कार की सूची से उनके नाम की अनदेखी के फैसले को चुनौती दी थी.
मामला हाई कोर्ट में लंबित रहने के दौरान मई 2018 में वह प्रतिबंधित पदार्थ के लिए पॉजिटिव पाई गई थीं लेकिन हाई कोर्ट ने उसी साल अगस्त में अपने आदेश में समिति को पुरस्कार के लिए उनके नाम पर विचार करने का निर्देश दिया था.
कोर्ट ने अपने फैसले को सीलबंद लिफाफे में रखने को कहा था जब तक कि डोप आरोपों के खिलाफ उनकी अपील पर फैसला लंबित रहे.
अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) ने पिछले महीने चानू के खिलाफ डोपिंग के आरोप हटा दिए थे. मणिपुर की यह वेटलिफ्टर इस दौरान मानसिक परेशानी का सामना करने के लिए आईडब्ल्यूएफ से मुआवजा मांगने की योजना बना रही हैं.
आईडब्ल्यूएफ ने विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) की सिफारिश के आधार पर चानू को आरोप मुक्त किया था जिसके बाद राष्ट्रीय महासंघ ने खेल मंत्रालय को पत्र लिखकर हाई कोर्ट के आदेश का पालन करने को कहा.
भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के महासचिव ने भी मीडिया को पुष्टि की है कि चानू को अर्जुन अवॉर्ड मिलेगा. अधिक जानकारी दिए बिना उन्होंने कहा, "इसकी पुष्टि हो चुकी है, संजीता को 2018 का अर्जुन पुरस्कार मिलेगा."
बता दें कि 26 साल की चानू ने 2014 और 2018 में लगातार दो राष्ट्रमंडल खेलों में क्रमश: 48 और 53 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीते थे. उन्होंने 2016 और 2017 में अर्जुन अवॉर्ड के लिए आवेदन किया था लेकिन दोनों मौकों पर उनकी अनदेखी की गई.