नई दिल्ली: ओलंपिक कोर ग्रुप निशानेबाजों के लिए दो महीने का कोचिंग कैम्प यहां राष्ट्रीय राजधानी के कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में 15 अक्टूबर से शुरू होगा और यह 14 दिसंबर तक चलेगा. भारत ने टोक्यो ओलंपिक के लिए निशानेबाजी में अब तक रिकॉर्ड 15 कोटा हासिल किया है.
ओलंपिक कोटा पाने वाले सभी निशानेबाज इस कैम्प का हिस्सा होंगे और इसमें 1.43 करोड़ रुपये की लागत आएगी.
कैम्प में 32 निशानेबाज (18 पुरुष और 14 महिला) शामिल होंगे. इसके अलावा इसमें आठ कोच, तीन विदेशी कोच और दो स्पोर्ट स्टाफ भी होंगे.
भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने एक बयान में कहा, " कैम्प होना अनिवार्य है क्योंकि ओलंपिक जैसे टूर्नामेंटों की तैयारी का यह एक अभिन्न अंग है. कैम्प साई एसओपी के बाद आयोजित किया जाएगा."
2018 विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता और टोक्यो ओलंपिक का कोटा पाने वाली अंजु मोदगिल ने कैम्प जैसे माहौल में लौटने पर खुशी जताई है.
उन्होंने कहा, "यह बहुत अच्छा है कि साई और एनआरएआई ने इस कैम्प को आयोजित करने का फैसला किया है जो हमें ओलंपिक के लिए जाने के लिए सिर्फ 10 महीनों के साथ बहुत आवश्यक अभ्यास देगा. कैम्प के माहौल में नियमित शूटिंग से हमें इस बात का बेहतर अंदाजा होगा कि हम फिलहाल कहां खड़े हैं."
पुरुषों के 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में विश्व के नंबर एक निशानेबाज दिव्यांशु सिंह पंवार राष्ट्रीय कोचों के साथ कैम्प में लौटने के लिए उत्सुक हैं.
दिव्यांश ने कहा, "मुझे लॉकडाउन के दौरान प्रशिक्षण दिया गया है, लेकिन सभी साथी निशानेबाजों के साथ एक कैम्प में प्रशिक्षण करना बेहतर होगा. राष्ट्रीय कोच हमारी प्रगति की निगरानी करेंगे. मैं इस कैम्प का इंतजार कर रहा हूं."