नई दिल्ली: भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा के हस्तक्षेप के बाद राष्ट्रीय महासंघ (आरएफआई) ने गुरूवार को नौकाचालक दत्तू भोकानल पर 2018 एशियाई खेलों के बाद लगे दो साल के निलंबन को हटा दिया.
भोकानल उस भारतीय चौकड़ी में से एक सदस्य थे जिसने एशियाई खेलों में पुरूष क्वाड्रपल स्कल्स स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था लेकिन उन्होंने एकल स्कल को बीच में ही छोड़ दिया था. इसलिए उन्हें पिछले साल मार्च में भारतीय नौकायन महासंघ (आरएफआई) ने प्रतिबंधित कर दिया था.
अपने स्पष्टीकरण में भोकानल ने कहा था कि वे नाव से गिर गए थे जो पलट गयी थी और वह उस दिन अच्छा महसूस नहीं कर रहे थे. लेकिन बत्रा ने आरएफआई से इस फैसले की समीक्षा को कहा जिसके बाद राष्ट्रीय नौकायन संस्था ने आईओए प्रमुख को सूचित किया कि भोकानल का निलंबन हटा दिया गया है.
आरएफआई अध्यक्ष राजलक्ष्मी सिंह देव ने बत्रा को लिखे पत्र में कहा, 'नौकाचालक दत्तू भोकानल पर दो साल का निलंबन 23 जनवरी 2020 से हटा दिया जाता है. उन्हें सलाह दी जाती है कि वह 27 से 30 अप्रैल 2020 तक कोरिया के चांग्जू में होने वाली ओलंपिक क्वालीफिकेशन रेगाटा प्रतियोगिता की तैयारी करें क्योंकि इस समय जो नौकाचालक ट्रेनिंग कर रहे हैं, उसमें से वह सर्वश्रेष्ठ हैं जिसका निर्धारण उचित ट्रायल्स के बाद किया जाएगा.ट
एक दिन पहले बत्रा ने राष्ट्रीय नौकायन संस्था से कहा था कि उन्होंने जो जवाब मांगे हैं, वे उन्हें शुक्रवार तक मुहैया करा दिये जाएं, वर्ना मामले को आईओसी अनुशासनात्मक समिति को सुपुर्द कर दिया जाएगा.
शुरू में राजलक्ष्मी ने बत्रा को कहा था कि इस मामले को आरएफआई के एथलीट आयेाग को रैफर कर दिया गया है. आरएफआई प्रमुख ने खेल मंत्री किरेन रिजिजू को भी भोकानल के प्रतिबंध को हटाने की सूचना दी.
मंत्रालय ने बुधवार को आरएफआई की मान्यता रद्द कर दी थी क्योंकि उसने पिछले महीने कराए गए चुनावों में 2011 खेल संहिता का पालन नहीं किया था.
राजलक्ष्मी ने पत्र में लिखा, 'आपको सूचित किया जाता है कि आरएफआई एथलीट आयोग की सलाह पर नौकाचालक भोकानल दत्तू पर 30 अप्रैल 2019 को लगाए गए दो साल के निलंबन को 23 जनवरी 2020 से हटा दिया जाता है.'
भोकानल ने अपने प्रतिबंध के संबंध में पिछले महीने आईओए एथलीट आयोग प्रमुख और विश्व चैम्पियनशिप की पूर्व कांस्य पदकधारी लंबी कूद एथलीट अंजू बाबी जार्ज से बात की थी जिन्होंने उनका मामला आईओए के समक्ष रखा था.