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RFI को लगा बड़ा झटका, खेल मंत्रालय ने मान्यता की रद्द - भारतीय रोइंग महासंघ

खेल मंत्रालय ने भारतीय रोइंग महासंघ की मान्यता को रद्द कर दिया है. मंत्रालय ने कहा, 'मामले की समीक्षा करने के बाद ये पता चला है कि आरएफआई के चुनाव नेशनल स्पोटर्स डेवलपमेंट कोड-2011 में शामिल चुनावी गाइडलाइंस के हिसाब से नहीं हुए हैं.'

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Published : Jan 22, 2020, 9:28 PM IST

Updated : Feb 18, 2020, 1:16 AM IST

नई दिल्ली: खेल मंत्रालय ने बुधवार को भारतीय रोइंग महासंघ (आरएफआई) की मान्यता रद्द कर दी है जिसका कारण नेशनल स्पोर्ट्स कोड-2011 का उल्लंघन है.

मंत्रालय ने एक पत्र लिख आरएफआई अध्यक्ष को इस बात की जानकारी दी और साथ ही भारतीय ओलम्पिक महासंघ (आईओए) को आरएफआई के लिए नई एडहॉक समिति बनाने को कहा.

भारतीय रोइंग महासंघ का लोगो
भारतीय रोइंग महासंघ का लोगो
हाल ही में 6 दिसंबर को हुए चुनावों में राजलक्ष्मी सिंह देव और एमवी श्रीराम को अध्यक्ष और महासचिव चुना गया था.मंत्रालय ने अपने पत्र में कहा है, "मामले की समीक्षा करने के बाद (रिटर्निग ऑफीसर और सरकारी पर्यावेक्षक द्वारा दायर की गई रिपोर्ट) ये पता चला है कि आरएफआई के चुनाव नेशनल स्पोटर्स डेवलपमेंट कोड-2011 में शामिल चुनावी गाइडलाइंस के हिसाब से नहीं हुए हैं."
रोइंग के खिलाड़ी
रोइंग के खिलाड़ी

ये भी पढ़े- मैरी कॉम से हारने के बाद पहली बार रिंग में उतरी निखत जरीन, स्ट्रैंड्जा मेमोरियल मुक्केबाजी में किया विजयी आगाज

मंत्रालय ने चार ऐसे एरिया बताएं हैं जहां नियमों का उल्लंघन हुआ है. पहला कि सिर्फ 18 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों ने चनावों में हिस्सा लिया और आरएफअई ने 2/3 राज्य एवं केंद्र शासित पैमाने का पालन नहीं किया क्योंकि इसके हिसाब से कुल 25 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को चुनाव में हिस्सा लेना था.

खेल मंत्रालय का लोगो
खेल मंत्रालय का लोगो
आरएफआई ने प्रॉक्सी वोटिंग को भी मंजूरी दी थी और मंत्रालय का कहना है कि इसका स्पोटर्स कोड में कोई प्रावधान नहीं है. वहीं तीसरा कारण यह है कि आरएफआई ने एक राज्य से तीन वोटों को मंजूरी दी जबकि यह संख्या दो होनी चाहिए थी.वहीं आखिरी मुद्दा ये है कि श्रीराम दो जनवरी-2016 से दो बार महासचिव रह चुके हैं और इसलिए स्पोर्ट्स कोड में शामिल कूलिंग ऑफ पीरियड के हिसाब से वे 29 जनवरी 2020 से पहले चुनाव नहीं लड़ सकते थे.

नई दिल्ली: खेल मंत्रालय ने बुधवार को भारतीय रोइंग महासंघ (आरएफआई) की मान्यता रद्द कर दी है जिसका कारण नेशनल स्पोर्ट्स कोड-2011 का उल्लंघन है.

मंत्रालय ने एक पत्र लिख आरएफआई अध्यक्ष को इस बात की जानकारी दी और साथ ही भारतीय ओलम्पिक महासंघ (आईओए) को आरएफआई के लिए नई एडहॉक समिति बनाने को कहा.

भारतीय रोइंग महासंघ का लोगो
भारतीय रोइंग महासंघ का लोगो
हाल ही में 6 दिसंबर को हुए चुनावों में राजलक्ष्मी सिंह देव और एमवी श्रीराम को अध्यक्ष और महासचिव चुना गया था.मंत्रालय ने अपने पत्र में कहा है, "मामले की समीक्षा करने के बाद (रिटर्निग ऑफीसर और सरकारी पर्यावेक्षक द्वारा दायर की गई रिपोर्ट) ये पता चला है कि आरएफआई के चुनाव नेशनल स्पोटर्स डेवलपमेंट कोड-2011 में शामिल चुनावी गाइडलाइंस के हिसाब से नहीं हुए हैं."
रोइंग के खिलाड़ी
रोइंग के खिलाड़ी

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मंत्रालय ने चार ऐसे एरिया बताएं हैं जहां नियमों का उल्लंघन हुआ है. पहला कि सिर्फ 18 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों ने चनावों में हिस्सा लिया और आरएफअई ने 2/3 राज्य एवं केंद्र शासित पैमाने का पालन नहीं किया क्योंकि इसके हिसाब से कुल 25 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को चुनाव में हिस्सा लेना था.

खेल मंत्रालय का लोगो
खेल मंत्रालय का लोगो
आरएफआई ने प्रॉक्सी वोटिंग को भी मंजूरी दी थी और मंत्रालय का कहना है कि इसका स्पोटर्स कोड में कोई प्रावधान नहीं है. वहीं तीसरा कारण यह है कि आरएफआई ने एक राज्य से तीन वोटों को मंजूरी दी जबकि यह संख्या दो होनी चाहिए थी.वहीं आखिरी मुद्दा ये है कि श्रीराम दो जनवरी-2016 से दो बार महासचिव रह चुके हैं और इसलिए स्पोर्ट्स कोड में शामिल कूलिंग ऑफ पीरियड के हिसाब से वे 29 जनवरी 2020 से पहले चुनाव नहीं लड़ सकते थे.
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RFI को लगा बड़ा झटका, खेल मंत्रालय ने मान्यता की रद्द





खेल मंत्रालय ने भारतीय रोइंग महासंघ की मान्यता को रद्द कर दिया है. मंत्रालय ने कहा, 'मामले की समीक्षा करने के बाद ये पता चला है कि आरएफआई के चुनाव नेशनल स्पोटर्स डेवलपमेंट कोड-2011 में शामिल चुनावी गाइडलाइंस के हिसाब से नहीं हुए हैं.'



नई दिल्ली: खेल मंत्रालय ने बुधवार को भारतीय रोइंग महासंघ (आरएफआई) की मान्यता रद्द कर दी है जिसका कारण नेशनल स्पोर्ट्स कोड-2011 का उल्लंघन है.

मंत्रालय ने एक पत्र लिख आरएफआई अध्यक्ष को इस बात की जानकारी दी और साथ ही भारतीय ओलम्पिक महासंघ (आईओए) को आरएफआई के लिए नई एडहॉक समिति बनाने को कहा.

हाल ही में 6 दिसंबर को हुए चुनावों में राजलक्ष्मी सिंह देव और एमवी श्रीराम को अध्यक्ष और महासचिव चुना गया था.

मंत्रालय ने अपने पत्र में कहा है, "मामले की समीक्षा करने के बाद (रिटर्निग ऑफीसर और सरकारी पर्यावेक्षक द्वारा दायर की गई रिपोर्ट) ये पता चला है कि आरएफआई के चुनाव नेशनल स्पोटर्स डेवलपमेंट कोड-2011 में शामिल चुनावी गाइडलाइंस के हिसाब से नहीं हुए हैं."

मंत्रालय ने चार ऐसे एरिया बताएं हैं जहां नियमों का उल्लंघन हुआ है. पहला कि सिर्फ 18 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों ने चनावों में हिस्सा लिया और आरएफअई ने 2/3 राज्य एवं केंद्र शासित पैमाने का पालन नहीं किया क्योंकि इसके हिसाब से कुल 25 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को चुनाव में हिस्सा लेना था.

आरएफआई ने प्रॉक्सी वोटिंग को भी मंजूरी दी थी और मंत्रालय का कहना है कि इसका स्पोटर्स कोड में कोई प्रावधान नहीं है. वहीं तीसरा कारण यह है कि आरएफआई ने एक राज्य से तीन वोटों को मंजूरी दी जबकि यह संख्या दो होनी चाहिए थी.

वहीं आखिरी मुद्दा ये है कि श्रीराम दो जनवरी-2016 से दो बार महासचिव रह चुके हैं और इसलिए स्पोर्ट्स कोड में शामिल कूलिंग ऑफ पीरियड के हिसाब से वे 29 जनवरी 2020 से पहले चुनाव नहीं लड़ सकते थे.





 


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Last Updated : Feb 18, 2020, 1:16 AM IST
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