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पावरलिफ्टर गौरव शर्मा ने दिल्ली में आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को मुफ्त सेनेटरी पैड बांटे

विश्व पावरलिफ्टिंग चैंपियन महंत गौरव शर्मा ने दिल्ली में आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को मुफ्त में सेनेटरी पैड बांटे. यह सर्वविदित है कि भारत में मासिक धर्म स्वच्छता एक चुनौती है.

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Published : Jul 21, 2021, 8:06 PM IST

Delhi  विश्व पावरलिफ्टिंग चैंपियन महंत गौरव शर्मा  महंत गौरव शर्मा  सेनिटरी पैड
विश्व पावरलिफ्टिंग चैंपियन महंत गौरव शर्मा

नई दिल्ली: साल 2017 में प्रकाशित राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार, 15-24 आयु वर्ग की केवल 58 प्रतिशत महिलाएं मासिक धर्म से बचाव के स्वच्छ तरीके का उपयोग करती हैं. महामारी ने आर्थिक रूप से वंचित महिलाओं के लिए सेनेटरी पैड तक पहुंच को प्रतिबंधित कर दिया. इसलिए महंत गौरव शर्मा और उनकी टीम ने इस समस्या का समाधान करने का फैसला किया.

पत्रकारों से बात करते हुए, वल्र्ड पॉवरलिफ्टिंग चैंपियन ने कहा, हम पिंगाक्ष फाउंडेशन और संकल्प एनजीओ, 10 दिनों के भीतर महिलाओं के बीच 5,000 सेनेटरी पैड वितरित करने जा रहे हैं. यही हमारी योजना है, हम स्वच्छता के महत्व के बारे में भी बताएंगे और महामारी के समय कैसे सुरक्षित रहें. हमने यह पहल बुधवार सुबह यमुना खादर, अक्षरधाम के पास शुरू की है.

यह भी पढ़ें: DD स्पोर्ट्स पर होगा Olympics का सीधा प्रसारण, यहां पर चलेगा विशेष कार्यक्रम

उन्होंने कहा, हम साथ ही जरूरतमंद लोगों को भोजन और सेनेटाइजर उपलब्ध करवा रहे हैं.

पिछले कुछ महीनों से, गौरव दक्षिण दिल्ली के महरौली के एक नेत्रहीन स्कूल और एक वृद्धाश्रम के लोगों सहित असहाय नागरिकों तक पहुंचने के लिए हर दिन एक हजार से अधिक लोगों को भोजन तैयार और वितरित कर रहे हैं.

यह बताते हुए कि उन्होंने भूखे को खाना खिलाने का काम क्यों करने का फैसला किया.

गौरव ने कहा, पिछले साल, लॉकडाउन के दौरान, कई गैर सरकारी संगठनों और सामाजिक संगठनों ने दैनिक ग्रामीणों, रिक्शा चालकों आदि की मदद के लिए आगे कदम बढ़ाया। इस साल कम लोग मदद करने आगे आए.

इस बार डर भी बहुत ज्यादा था तो उसको देखते हुए बहुत से लोगों को मैंने भूखे घूमते देखा और तभी से मैंने रोज 1000 लोगों के लिए खाना बनाना शुरू किया.

उन्होंने खिलाड़ियों और अन्य मशहूर हस्तियों से भी योगदान देने और बेरोजगार गरीबों की मदद करने का आग्रह किया.

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गौरव ने इंग्लैंड में 2016 विश्व पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में दो स्वर्ण पदक जीते. उनके परिवार ने 11 पीढ़ियों से चांदनी चौक साइकिल मार्केट स्थित नरसिंह हनुमान मंदिर की देखभाल की है.

लेकिन उन्होंने भारोत्तोलक बनने की चुनौती को स्वीकार किया. उन्होंने द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता कोच भूपेंद्र धवन के मार्गदर्शन में पावरलिफ्टिंग की ओर रुख किया और देश के लिए सम्मान जीता. उन्होंने अब शूटिंग की ओर रुख किया है और डबल ट्रैप इवेंट में हिस्सा लेते हैं.

नई दिल्ली: साल 2017 में प्रकाशित राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार, 15-24 आयु वर्ग की केवल 58 प्रतिशत महिलाएं मासिक धर्म से बचाव के स्वच्छ तरीके का उपयोग करती हैं. महामारी ने आर्थिक रूप से वंचित महिलाओं के लिए सेनेटरी पैड तक पहुंच को प्रतिबंधित कर दिया. इसलिए महंत गौरव शर्मा और उनकी टीम ने इस समस्या का समाधान करने का फैसला किया.

पत्रकारों से बात करते हुए, वल्र्ड पॉवरलिफ्टिंग चैंपियन ने कहा, हम पिंगाक्ष फाउंडेशन और संकल्प एनजीओ, 10 दिनों के भीतर महिलाओं के बीच 5,000 सेनेटरी पैड वितरित करने जा रहे हैं. यही हमारी योजना है, हम स्वच्छता के महत्व के बारे में भी बताएंगे और महामारी के समय कैसे सुरक्षित रहें. हमने यह पहल बुधवार सुबह यमुना खादर, अक्षरधाम के पास शुरू की है.

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उन्होंने कहा, हम साथ ही जरूरतमंद लोगों को भोजन और सेनेटाइजर उपलब्ध करवा रहे हैं.

पिछले कुछ महीनों से, गौरव दक्षिण दिल्ली के महरौली के एक नेत्रहीन स्कूल और एक वृद्धाश्रम के लोगों सहित असहाय नागरिकों तक पहुंचने के लिए हर दिन एक हजार से अधिक लोगों को भोजन तैयार और वितरित कर रहे हैं.

यह बताते हुए कि उन्होंने भूखे को खाना खिलाने का काम क्यों करने का फैसला किया.

गौरव ने कहा, पिछले साल, लॉकडाउन के दौरान, कई गैर सरकारी संगठनों और सामाजिक संगठनों ने दैनिक ग्रामीणों, रिक्शा चालकों आदि की मदद के लिए आगे कदम बढ़ाया। इस साल कम लोग मदद करने आगे आए.

इस बार डर भी बहुत ज्यादा था तो उसको देखते हुए बहुत से लोगों को मैंने भूखे घूमते देखा और तभी से मैंने रोज 1000 लोगों के लिए खाना बनाना शुरू किया.

उन्होंने खिलाड़ियों और अन्य मशहूर हस्तियों से भी योगदान देने और बेरोजगार गरीबों की मदद करने का आग्रह किया.

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गौरव ने इंग्लैंड में 2016 विश्व पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में दो स्वर्ण पदक जीते. उनके परिवार ने 11 पीढ़ियों से चांदनी चौक साइकिल मार्केट स्थित नरसिंह हनुमान मंदिर की देखभाल की है.

लेकिन उन्होंने भारोत्तोलक बनने की चुनौती को स्वीकार किया. उन्होंने द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता कोच भूपेंद्र धवन के मार्गदर्शन में पावरलिफ्टिंग की ओर रुख किया और देश के लिए सम्मान जीता. उन्होंने अब शूटिंग की ओर रुख किया है और डबल ट्रैप इवेंट में हिस्सा लेते हैं.

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