नई दिल्ली: प्रशासनिक अव्यवस्था के बावजूद भारतीय पैरा खिलाड़ियों ने वर्ष 2019 में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके विश्व चैंपियनशिप में जमकर पदक बटोरे और पैरालंपिक के लिए सबसे अधिक कोटा स्थान भी हासिल किए.
भारत ने 2020 पैरालंपिक के लिए 22 कोटा स्थान हासिल किए हैं. अभी उन्हें कुछ अन्य क्वालीफाइंग प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना है लेकिन वो रियो 2016 से अधिक कोटा पहले ही हासिल कर चुके हैं. रियो पैरालंपिक में भारत ने 19 सदस्यों का अब तक का सबसे बड़ा दल भेजा था.
भारत ने विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन किया. उसने इस प्रतियोगिता में दो स्वर्ण, दो रजत और पांच कांस्य सहित कुल नौ पदक जीते और 12 ओलंपिक कोटा हासिल किए. लेकिन सितंबर में खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल संहिता के नियमों का उल्लंघन करने के लिए भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) की मान्यता रद्द कर दी थी लेकिन इससे पैरा खिलाड़ियों के हौसले कम नहीं हुए.
भाला फेंक के एथलीट संदीप चौधरी और सुमित एंतिल ने बेहतरीन प्रदर्शन करके वर्ष में दो बार विश्व रिकॉर्ड बनाए. पैरा शटलर ने भी विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता. पोलियोग्रस्त प्रमोद भगत ने भी पुरुषों के एसएल 3 वर्ग में ये खिताब जीता. भारत ने प्रतियोगिता में 12 पदक जीते और उसने इस तरह से 2015 की बराबरी की. भगत ने इस साल विभिन्न प्रतियोगिताओं में 11 स्वर्ण, तीन रजत और चार कांस्य पदक जीते.
तीरंदाजी में भारत ने चार ओलंपिक कोटा स्थान हासिल किये जो रियो से तीन अधिक हैं. भारत के पास अब पुरुष रिकर्व और कंपाउंड वर्ग में दो दो कोटा हैं. भारतीय पैरा निशानेबाजों ने भी अपनी छाप छोड़ी और पैरालंपिक के लिए छह कोटा हासिल किए.
पैरा खेलों को इस साल खेल मंत्रालय से भी उत्साहजनक खबर सुनने को मिली जिसने चार खेलों एथलेटिक्स, निशानेबाजी, तैराकी और पावरलिफ्टिंग के कुल 12 खिलाड़ियों को लक्ष्य ओलंपिक पोडियम कार्यक्रम (टॉप्स) में शामिल करने का फैसला किया.