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ओलंपिक का टलना मेरी तैयारी के लिए अच्छा: भारतीय घुड़सवार फवाद मिर्जा -  फवाद मिर्जा

भारतीय घुड़सवार फवाद मिर्जा का कहना है, 'ओलंपिक का स्थगित होना मेरे लिए खासकर अच्छा है. मेरा चहेता घोड़ा (सिगनेचर मेदीकट) चोट से उबर गया है लेकिन अब मेरे पास उसके साथ अभ्यास और परीक्षण का पर्याप्त समय होगा.'

Fouaad Mirza
Fouaad Mirza
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Published : Apr 12, 2020, 2:59 PM IST

नई दिल्ली: ओलंपिक के लिए व्यक्तिगत टिकट सुनिश्चित करने से एक कदम दूर भारतीय घुड़सवार फवाद मिर्जा दुनिया के उन कुछेक खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्हें टोक्यो ओलंपिक 2020 के एक साल तक स्थगित होने में फायदा नजर आ रहा है क्योंकि इससे उन्हें तैयारी का बेहतर मौका मिलेगा.

इन खेलों के लिए घुड़सवारी में भारत का एक कोटा सुनिश्चित है लेकिन फवाद व्यक्तिगत तौर पर ओलंपिक टिकट हासिल करना चाहते हैं. टोक्यो ओलंपिक कोविड-19 महामारी के कारण 2021 तक स्थगित कर दिए गए हैं.

Fouaad Mirza
फवाद मिर्जा

एशियाई खेल 2018 में घुड़सवारी के व्यक्तिगत स्पर्धा में पदक जीतकर देश के 36 साल के सूखे को खत्म करने वाले फवाद अभ्यास के सिलसिले में अभी जर्मनी में है. पिछले साल अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित होने वाले इस घुड़सवार ने कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए आयोजकों के पास ओलंपिक को स्थगित करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था.

उत्तर-पश्चिम जर्मनी के बेरगेडोर्फ नामक जगह पर अभ्यास कर रहे फवाद ने कहा, 'मैं जर्मनी के जिस इलाके में हूं वहां इस खतरनाक वायरस का खास असर नहीं है और यहां खिलाड़ियों को अभ्यास की छूट है. ऐसे में मैंने जरूरी एहतियात के साथ अपना अभ्यास जारी रखा है.'

उन्होंने कहा, 'ओलंपिक का स्थगित होना मेरे लिए खासकर अच्छा है. मेरा चहेता घोड़ा (सिगनेचर मेदीकट) चोट से उबर गया है लेकिन अब मेरे पास उसके साथ अभ्यास और परीक्षण का पर्याप्त समय होगा. यह ऐसा खेल है जहां अपका प्रदर्शन घोड़े के साथ सामंजस्य पर निर्भर रहता है. ओलंपिक टलने से मेरे अन्य घोड़ों फर्नहिल फेसटाइम और टचिंगवुड को भी आराम का मौका मिल गया.'

Fouaad Mirza
भारतीय घुड़सवार फवाद मिर्जा

फवाद ने एशियाई खेलों में सिगनेचर मेदीकट पर सवार होकर पदक जीता था जबकि फर्नहिल फेसटाइम और टचिंगवुड उन्हें ओलंपिक टिकट के करीब ले गए. ओलंपिक में तीन पदक जीतने वाली जर्मनी की घुड़सवार सैंड्रा ऑफर्थ की निगरानी में अभ्यास कर रहे फवाद अगर क्वालीफिकेशन की आखिरी बाधा को पार कर लेंगे तो वह विंग कमांडर आईजे लाम्बा (1996) और इम्तियाज अनीस (2000) के बाद हर चार वर्षों में होने वाले इन खेलों में भाग लेने वाले तीसरे भारतीय बन जाएंगे.

फवाद ने कहा, 'व्यक्तिगत ओलंपिक टिकट हासिल करने के लिए मुझे एक औपचारिकता पूरी करनी है. इसके लिए मुझे किसी भी फोर स्टार लांग प्रतियोगिता में भाग लेना है. मैंने इस महीने नौ से 12 अप्रैल तक इटली होने वाले प्रतियोगिता को चुना था लेकिन वह रद हो गयी.'

इससे पहले फवाद दक्षिण-पूर्व एशिया-ओसनिया क्षेत्र में सबसे ज्यादा ओलंपिक क्वॉलिफिकेशन अंक हासिल करने वाले राइडर बने थे. जनवरी में अंतरराष्ट्रीय घुड़सवारी महासंघ (एफईआई) की जारी रैकिंग में वह इस क्षेत्र में शीर्ष पर पहुंचे.

Fouaad Mirza
अर्जुन पुरस्कार लेते फवाद मिर्जा

फवाद उन खिलाड़ियों में से है जिन्हें ना तो सरकार से कोई वित्तीय मदद मिली है ना ही भारतीय घुड़सवारी संघ (ईएफआई) से, लेकिन वह शिकायत करने की जगह अपनी चीजों पर ध्यान दे रहे है.

उनसे खेल मंत्रालय के टॉरगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'अर्जुन पुरस्कार के बाद भी मुझे अभी तक सरकार की किसी योजना का लाभ नहीं मिला है. मुझे बेंगलुरु स्थित ऐंबेसी अंतरराष्ट्रीय राइडिंग स्कूल से आर्थित सहयोग और समर्थन मिल रहा इसलिए मुझे सरकार से मदद नहीं मिलने की कोई शिकायत नहीं. मेरा पूरा ध्यान ओलंपिक पर है.'

फवाद ने कहा कि उनके माता-पिता बेंगलुरू में और कोविड-19 के कारण वह उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतिंत है.

नई दिल्ली: ओलंपिक के लिए व्यक्तिगत टिकट सुनिश्चित करने से एक कदम दूर भारतीय घुड़सवार फवाद मिर्जा दुनिया के उन कुछेक खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्हें टोक्यो ओलंपिक 2020 के एक साल तक स्थगित होने में फायदा नजर आ रहा है क्योंकि इससे उन्हें तैयारी का बेहतर मौका मिलेगा.

इन खेलों के लिए घुड़सवारी में भारत का एक कोटा सुनिश्चित है लेकिन फवाद व्यक्तिगत तौर पर ओलंपिक टिकट हासिल करना चाहते हैं. टोक्यो ओलंपिक कोविड-19 महामारी के कारण 2021 तक स्थगित कर दिए गए हैं.

Fouaad Mirza
फवाद मिर्जा

एशियाई खेल 2018 में घुड़सवारी के व्यक्तिगत स्पर्धा में पदक जीतकर देश के 36 साल के सूखे को खत्म करने वाले फवाद अभ्यास के सिलसिले में अभी जर्मनी में है. पिछले साल अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित होने वाले इस घुड़सवार ने कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए आयोजकों के पास ओलंपिक को स्थगित करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था.

उत्तर-पश्चिम जर्मनी के बेरगेडोर्फ नामक जगह पर अभ्यास कर रहे फवाद ने कहा, 'मैं जर्मनी के जिस इलाके में हूं वहां इस खतरनाक वायरस का खास असर नहीं है और यहां खिलाड़ियों को अभ्यास की छूट है. ऐसे में मैंने जरूरी एहतियात के साथ अपना अभ्यास जारी रखा है.'

उन्होंने कहा, 'ओलंपिक का स्थगित होना मेरे लिए खासकर अच्छा है. मेरा चहेता घोड़ा (सिगनेचर मेदीकट) चोट से उबर गया है लेकिन अब मेरे पास उसके साथ अभ्यास और परीक्षण का पर्याप्त समय होगा. यह ऐसा खेल है जहां अपका प्रदर्शन घोड़े के साथ सामंजस्य पर निर्भर रहता है. ओलंपिक टलने से मेरे अन्य घोड़ों फर्नहिल फेसटाइम और टचिंगवुड को भी आराम का मौका मिल गया.'

Fouaad Mirza
भारतीय घुड़सवार फवाद मिर्जा

फवाद ने एशियाई खेलों में सिगनेचर मेदीकट पर सवार होकर पदक जीता था जबकि फर्नहिल फेसटाइम और टचिंगवुड उन्हें ओलंपिक टिकट के करीब ले गए. ओलंपिक में तीन पदक जीतने वाली जर्मनी की घुड़सवार सैंड्रा ऑफर्थ की निगरानी में अभ्यास कर रहे फवाद अगर क्वालीफिकेशन की आखिरी बाधा को पार कर लेंगे तो वह विंग कमांडर आईजे लाम्बा (1996) और इम्तियाज अनीस (2000) के बाद हर चार वर्षों में होने वाले इन खेलों में भाग लेने वाले तीसरे भारतीय बन जाएंगे.

फवाद ने कहा, 'व्यक्तिगत ओलंपिक टिकट हासिल करने के लिए मुझे एक औपचारिकता पूरी करनी है. इसके लिए मुझे किसी भी फोर स्टार लांग प्रतियोगिता में भाग लेना है. मैंने इस महीने नौ से 12 अप्रैल तक इटली होने वाले प्रतियोगिता को चुना था लेकिन वह रद हो गयी.'

इससे पहले फवाद दक्षिण-पूर्व एशिया-ओसनिया क्षेत्र में सबसे ज्यादा ओलंपिक क्वॉलिफिकेशन अंक हासिल करने वाले राइडर बने थे. जनवरी में अंतरराष्ट्रीय घुड़सवारी महासंघ (एफईआई) की जारी रैकिंग में वह इस क्षेत्र में शीर्ष पर पहुंचे.

Fouaad Mirza
अर्जुन पुरस्कार लेते फवाद मिर्जा

फवाद उन खिलाड़ियों में से है जिन्हें ना तो सरकार से कोई वित्तीय मदद मिली है ना ही भारतीय घुड़सवारी संघ (ईएफआई) से, लेकिन वह शिकायत करने की जगह अपनी चीजों पर ध्यान दे रहे है.

उनसे खेल मंत्रालय के टॉरगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'अर्जुन पुरस्कार के बाद भी मुझे अभी तक सरकार की किसी योजना का लाभ नहीं मिला है. मुझे बेंगलुरु स्थित ऐंबेसी अंतरराष्ट्रीय राइडिंग स्कूल से आर्थित सहयोग और समर्थन मिल रहा इसलिए मुझे सरकार से मदद नहीं मिलने की कोई शिकायत नहीं. मेरा पूरा ध्यान ओलंपिक पर है.'

फवाद ने कहा कि उनके माता-पिता बेंगलुरू में और कोविड-19 के कारण वह उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतिंत है.

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