गांधीनगर: ओलंपिक सिल्वर मेडल विजेता मीराबाई चानू (Mirabai chanu) ने शुक्रवार को 36वें राष्ट्रीय खेलों में महिलाओं की भारोत्तोलन स्पर्धा के 49 किग्रा वर्ग में 191 किलोग्राम भार उठाकर गोल्ड मेडल जीता. अगस्त में बर्मिंघम में राष्ट्रमंडल खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाली मीराबाई ने स्नैच में 84 किग्रा और क्लीन एवं जर्क में 107 किग्रा भार उठाकर खिताब अपने नाम किया.
अपने दूसरे राष्ट्रीय खेलों में भाग ले रही मीराबाई ने खुलासा किया कि उनकी बाईं कलाई में चोट है इसलिए वह दोनों वर्गों में अपने तीसरे प्रयास के लिए नहीं उतरीं. मीराबाई ने कहा, हाल ही में एनआईएस पटियाला में प्रशिक्षण के दौरान मेरी बाईं कलाई में चोट लग गई थी जिसके बाद मैंने सुनिश्चित किया कि मैं अधिक जोखिम नहीं लूं. विश्व चैंपियनशिप भी दिसंबर में होनी है.
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Happy on winning gold medal in the 36th National Games 2022 in Gujarat. pic.twitter.com/AKTBQBni6f
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उन्होंने कहा, राष्ट्रीय खेलों में मणिपुर का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए गर्व का क्षण है और जब मुझे उद्घाटन समारोह में दल का नेतृत्व करने के लिए कहा गया तो उत्साह दोगुना हो गया. आम तौर पर उद्घाटन समारोह में शामिल होना बहुत व्यस्त होता है क्योंकि मेरी स्पर्धाएं अगले दिन जल्दी शुरू होती हैं लेकिन मुझे लगा कि मुझे इस बार खुद को चुनौती देनी चाहिए.
अगले साल एशियाई खेलों में पहला पदक जीतने का लक्ष्य रखने वाली मणिपुर की यह खिलाड़ी वर्तमान में रहना पसंद करती हैं और उनका ध्यान विश्व चैंपियनशिप पर केंद्रित है जहां उनका सामना एशिया के बड़े भारोत्तोलकों से होने की उम्मीद है.
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इस 28 साल की भारोत्तोलन ने कहा, हां मेरे पास एशियाई खेलों का पदक नहीं और यह कुछ ऐसा है जो मेरे दिमाग में है. पीठ की चोट के कारण 2018 सत्र से बाहर होने के बाद यह मेरे पहले एशियाई खेल होंगे. एशियाड में प्रतिस्पर्धा का स्तर बहुत अच्छा होगा लेकिन मेरा ध्यान अभी विश्व चैंपियनशिप पर है जहां मुझे उन्हीं भारोत्तोलकों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिलेगा.
संजीता चानू ने कुल 187 किग्रा (स्नैच में 82 किग्रा, क्लीन एवं जर्क में 105 किग्रा) वजन उठाकर रजत पदक अपने नाम किया. ओडिशा की स्नेहा सोरेन ने कुल 169 किग्रा (स्नैच में 73 किग्रा, क्लीन एवं जर्क में 96 किग्रा) भार उठाकर कांस्य पदक जीता.
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स्नैच में मीराबाई ने अपने पहले ही प्रयास में 81 किग्रा वजन उठाकर शुरुआती बढ़त हासिल कर ली. उन्होंने दूसरे प्रयास में 84 किग्रा वजन उठाकर मणिपुर की अपनी साथी भारोत्तोलक संजीता पर दो किग्रा की बढ़त बनाई जो अपने पहले दो प्रयास में 80 किग्रा और 82 किग्रा वजन ही उठा सकी.
संजीता के 84 किग्रा के तीसरे प्रयास को फाउल करार दिया गया। मीराबाई ने अपनी ऊर्जा बचाना पसंद किया और तीसरे प्रयास के लिए नहीं आईं. क्लीन एवं जर्क में संजीता ने अपने पहले प्रयास में 95 किग्रा भार उठाया और फिर सफलतापूर्वक 100 और 105 किग्रा वजन उठाया.
पीटीआई-भाषा