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जानिए भारत के डेविड बेकहम के बारे में जिसने कभी फुटबॉल नहीं खेला - डेविड बेकहम

निकोबार का रहने वाला ये एथलीट फुटबॉल नहीं खेलता, लेकिन साईक्लिंग की दुनिया का ये उभरता हुआ खिलाड़ी खेलों इंडिया यूथ गेम्स में अपना लोहा मनवा चुका है.

डेविड बेकहम
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Published : Jan 20, 2020, 2:48 PM IST

हैदराबाद: अगर डेविड बेकहम का नाम लिया जाए तो सबके जहने में इंग्लैंड के दिग्गज फुटबॉल खिलाड़ी का चेहरा सामने आएगा. बेकहम आज भी लोगों के पंसदीदा खिलाड़ियों में से एक है. उनके इंस्टाग्राम पर 60 मिलियन फॉलोअर्स है.

लेकिन आज हम आपको इंग्लैंड के इस महान खिलाड़ी की नहीं बल्कि एक भारतीय एथलीट की बात करेंगे जिसका नाम भी डेविड बेकहम है. 17 साल के इस खिलाड़ी ने 2020 खेलों इंडिया में गोल्ड मेडल भी जीता.

ऐसा पड़ा डेविड बेकहम नाम

भारत के डेविड बेकहम ने एक अग्रेजी अखबार से बतचीत के दौरान बताया कि, "मेरे मामा डेविड बेकहम के बहुत बड़े प्रशंसक हैं. मैंने उनके जैसा पागल प्रशंसक कभी नहीं देखा. 2002 में जब बेकहम ने गोल किया और अपनी टीम को जीत तक ले गए तो उन्होंने जश्न मनाया और पूरी रात नृत्य किया."

डेविड बेकहम
डेविड बेकहम

गौरतलब है कि डेविड बेकहम जब खेला करते थे तब डेविड पैदा भी नहीं हुए थे. 2002 की बात है फुटबॉल का स्टार डेविड बेकहम विश्व कप में खेल रहे थेके मामा, जो बेकहम के बहुत बड़े प्रशंसक हैं और उनके दोस्त इंग्लैंड और अर्जेंटीना के बीच एक विश्व कप मैच देख रहे थे. जब बेकहम ने अर्जेंटीना के खिलाफ शानदार फ्री किक मारी और इंग्लैंड को 1-0 से जीत दिलाई, तो डेविड के चाचा ने पूरी रात जश्न मनाया.

उन्होंने बताया, 'मेरा जन्म 2003 में हुआ था, मुझे ये नाम देने के लिए मांमा ने मेरी मां और नाना के साथ लड़ाई की. ऐसे मेरा नाम डेविड बेकहम पड़ा."

इस लिए नहीं खेलते फुटबॉल

डेविड ने बातचीत के दौरान बताया कि, "लोग अकसर मुझसे पूछते हैं कि मैं फुटबॉल क्यों नहीं खेलता. मैं हमेशा जवाब देता हूं अगर मैं फुटबॉल खेलता हूं, तो आप दोनों बेकहम के बीच अंतर कैसे देखेंगे. एक को दूसरे से अलग होना चाहिए, है ना."

कई बार जब मैं टूर्नामेंट के लिए जाता हूं, तो लोग बहुत उत्सुक होते हैं और वे मुझसे आकर मिलना चाहते हैं. उन्हें लगता है कि मैं महान फुटबॉलर जैसा दिखूंगा, लेकिन मैं एक साइक्लिस्ट हूं और मुझे उस पर गर्व है. मैं साइकिल चालक डेविड बेकहम के रूप में जाना जाना चाहता हूं.

हैदराबाद: अगर डेविड बेकहम का नाम लिया जाए तो सबके जहने में इंग्लैंड के दिग्गज फुटबॉल खिलाड़ी का चेहरा सामने आएगा. बेकहम आज भी लोगों के पंसदीदा खिलाड़ियों में से एक है. उनके इंस्टाग्राम पर 60 मिलियन फॉलोअर्स है.

लेकिन आज हम आपको इंग्लैंड के इस महान खिलाड़ी की नहीं बल्कि एक भारतीय एथलीट की बात करेंगे जिसका नाम भी डेविड बेकहम है. 17 साल के इस खिलाड़ी ने 2020 खेलों इंडिया में गोल्ड मेडल भी जीता.

ऐसा पड़ा डेविड बेकहम नाम

भारत के डेविड बेकहम ने एक अग्रेजी अखबार से बतचीत के दौरान बताया कि, "मेरे मामा डेविड बेकहम के बहुत बड़े प्रशंसक हैं. मैंने उनके जैसा पागल प्रशंसक कभी नहीं देखा. 2002 में जब बेकहम ने गोल किया और अपनी टीम को जीत तक ले गए तो उन्होंने जश्न मनाया और पूरी रात नृत्य किया."

डेविड बेकहम
डेविड बेकहम

गौरतलब है कि डेविड बेकहम जब खेला करते थे तब डेविड पैदा भी नहीं हुए थे. 2002 की बात है फुटबॉल का स्टार डेविड बेकहम विश्व कप में खेल रहे थेके मामा, जो बेकहम के बहुत बड़े प्रशंसक हैं और उनके दोस्त इंग्लैंड और अर्जेंटीना के बीच एक विश्व कप मैच देख रहे थे. जब बेकहम ने अर्जेंटीना के खिलाफ शानदार फ्री किक मारी और इंग्लैंड को 1-0 से जीत दिलाई, तो डेविड के चाचा ने पूरी रात जश्न मनाया.

उन्होंने बताया, 'मेरा जन्म 2003 में हुआ था, मुझे ये नाम देने के लिए मांमा ने मेरी मां और नाना के साथ लड़ाई की. ऐसे मेरा नाम डेविड बेकहम पड़ा."

इस लिए नहीं खेलते फुटबॉल

डेविड ने बातचीत के दौरान बताया कि, "लोग अकसर मुझसे पूछते हैं कि मैं फुटबॉल क्यों नहीं खेलता. मैं हमेशा जवाब देता हूं अगर मैं फुटबॉल खेलता हूं, तो आप दोनों बेकहम के बीच अंतर कैसे देखेंगे. एक को दूसरे से अलग होना चाहिए, है ना."

कई बार जब मैं टूर्नामेंट के लिए जाता हूं, तो लोग बहुत उत्सुक होते हैं और वे मुझसे आकर मिलना चाहते हैं. उन्हें लगता है कि मैं महान फुटबॉलर जैसा दिखूंगा, लेकिन मैं एक साइक्लिस्ट हूं और मुझे उस पर गर्व है. मैं साइकिल चालक डेविड बेकहम के रूप में जाना जाना चाहता हूं.

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हैदराबाद: अगर डेविड बेकहम का नाम लिया जाए तो सबके जहने में इंग्लैंड के दिग्गज फुटबॉल खिलाड़ी का चेहरा सामने आएगा. बेकहम आज भी लोगों के पंसदीदा खिलाड़ियों में से एक है. उनके इंस्टाग्राम पर 60 मिलियन फॉलोअर्स है.



लेकिन आज हम आपको इंग्लैंड के इस महान खिलाड़ी की नहीं बल्कि एक भारतीय एथलीट की बात करेंगे जिसका नाम भी डेविड बेकहम है. 17 साल के इस खिलाड़ी ने 2020 खेलों इंडिया में गोल्ड मेडल जीते.



ऐसा पड़ा डेविड बेकहम नाम



भारत के डेविड बेकहम ने एक अग्रेजी अखबार से बतचीत के दौरान बताया कि, "मेरे मामा डेविड बेकहम के बहुत बड़े प्रशंसक हैं. मैंने उनके जैसा पागल प्रशंसक कभी नहीं देखा. 2002 में उन्होंने जश्न मनाया और पूरी रात नृत्य किया जब बेकहम ने गोल किया और अपनी टीम को जीत तक ले गए. मेरा जन्म 2003 में हुआ था और उन्होंने मुझे नाम देने के लिए अपनी मां और मेरे नाना (नाना) के साथ लड़ाई की. ऐसे मेरा नाम डेविड बेकहम पड़ा."



गौरतलब है कि डेविड बेकहम जब खेला करते थे तब डेविड पैदा भी नहीं हुए थे. 2002 की बात है  फुटबॉल का स्टार डेविड बेकहम विश्व कप में खेल रहे थे उनके मामा, जो बेकहम के बहुत बड़े प्रशंसक हैं और उनके दोस्त इंग्लैंड और अर्जेंटीना के बीच एक विश्व कप मैच देख रहे थे. जब बेकहम ने अर्जेंटीना के खिलाफ शानदार फ्री किक मारी और इंग्लैंड को 1-0 से जीत दिलाई, तो डेविड के चाचा ने पूरी रात जश्न मनाया.



इस लिए नहीं खेलते फुटबॉल



डेविड ने बातचीत के दौरान बताया कि, "लोग अकसर मुझसे पूछते हैं कि मैं फुटबॉल क्यों नहीं खेलता. मैं हमेशा जवाब देता हूं  अगर मैं फुटबॉल खेलता हूं, तो आप दोनों बेकहम के बीच अंतर कैसे देखेंगे. एक को दूसरे से अलग होना चाहिए, है ना."



कई बार जब मैं टूर्नामेंट के लिए जाता हूं, तो लोग बहुत उत्सुक होते हैं और वे मुझसे आकर मिलना चाहते हैं. उन्हें लगता है कि मैं महान फुटबॉलर जैसा दिखूंगा, लेकिन मैं एक साइक्लिस्ट हूं और मुझे उस पर गर्व है.  मैं साइकिल चालक डेविड बेकहम के रूप में जाना जाना चाहता हूं.


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