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IOA महासचिव को मिला भाकर सहित कुछ खिलाड़ियों का साथ, बाहर ट्रेनिंग नहीं चाहते करना

आईओए के महासचिव राजीव मेहता की बात समर्थन अब मनु भाकर समेत कई खिलाड़ियों ने किया है. उनका कहना है कि खिलाड़ियों को अपनी ट्रेनिंग को लेकर अभी जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए.

मनु
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Published : May 23, 2020, 7:56 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के महासचिव राजीव मेहता ने हाल में कहा था कि खिलाड़ियों को अपनी ट्रेनिंग को लेकर अभी जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. मेहता के इस विचार का अब कुछ खिलाड़ियों ने समर्थन किया है. ये वे खिलाड़ी हैं, जो फिलहाल कैम्प में या बाहर ट्रेनिंग करने के इच्छुक नहीं हैं.

राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज मनु भाकर नेकहा है कि वे तब तक किसी कैम्प में ट्रेनिंग के लिएनहीं जाएंगी, जब तक कि वह इस चीज को लेकर पूरी तरह से आश्वतस्त न हो जाएंकि उस कैम्प में ट्रेनिंग करना पूरी तरह से सुरक्षित है.

मनु भाकर
मनु भाकर
आठ बार की विश्व कप स्वर्ण पदक विजेता भाकर ने कहा, “जब तक और वे इसे बहुत अनिवार्य नहीं बनाते या हमें इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं करते कि यह वास्तव में सुरक्षित है, तब तक मैं किसी भी ट्रेनिंग कैम्प में नहीं जाऊंगी. हमें भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) द्वारा इलेक्ट्रॉनिक लक्ष्य और सुविधाएं प्रदान की गई हैं, इसलिए मैं अभी घर पर ही अभ्यास कर रही हूं. जबतक कोई बड़ा टूर्नामेंट नहीं हो रहा है या अगर वायरस का खतरा वास्तव में नहीं रहता है, तब तक मुझे प्रशिक्षण पर वापस लौटने का कोई कारण नहीं दिखताहै." महिला पहलवान पूजा ढांडा ने कहा कि उन्हें इस बात का आइडिया मिल गया है कि घर में कैसे प्रभावी तरीके से ट्रेनिंग करनी है. भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) ने स्पष्ट कर रखा है कि कुश्ती और मुक्केबाजी जैसे संपर्क वाले खेलों में शुरुआती चरण में कैम्प में केवल व्यक्तिगत ट्रेनिंग की इजाजत होगी. पूजा ने कहा, "मुझे लगता है कि अभी जिस गति से वायरस देश में फैल रहा है, उसे देखते हुए घर पर इंतजार करना बेहतर है." उन्होंने कहा, "कुश्ती एक ऐसा खेल है जिसमें आपको ट्रेनिंग करने के लिए एक साथी की आवश्यकता होती है और इसके निरंतर संपर्क की अनुमति नहीं है. शुरूआती चरणों में व्यक्तिगत ट्रेनिंग बिल्कुल वैसी ही है जैसा हम घर पर कर रहे हैं, इसलिए मुझे जोखिम लेने का कोई कारण नहीं दिखता है."
आईओए का लोगो
आईओए का लोगो
उनके साथी पहलवान दिव्या काकरान ने कहा कि वह तभी बाहर ट्रेनिंग पर लौटेंगी जब उन्हें यकीन हो जाएगा कि यह काफी सुरक्षित है. काकरान ने कहा, "अगर वायरस के आस-पास की स्थिति सुरक्षित है तो मैं जाऊंगी. यदि लॉकडाउन समाप्त हो जाता है तो भी नहीं, मैं नहीं जाऊंगी. यहां तक कि अगर मैं जिन लोगों को जानती हूं, वे मुझे बताते हैं कि यह शिविर में सुरक्षितहै, लेकिन बाहर की स्थिति अभी भी खराब है और वायरस का कोई समाधान नहीं है तो मैं जाने के लिए सुरक्षित महसूस नहीं करूंगी." इससे पहले, आईओए के महासचिव राजीव मेहता ने कहा था कि खिलाड़ियों की ट्रेनिंग अभी शुरू नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि कोविड-19 के मामले हर दिन के साथ तेजी से बढ़ते जा रहे हैं.मेहता ने कहा था, "ऐसी भविष्यवाणी की गई है कि कोविड-19 के मामले जून में ज्यादा होंगे. लॉकडाउन के बाद भी मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसी स्थिति में खिलाड़ियों की ट्रेनिंग शुरू करने को लेकर जल्दबाजी क्यों?" उन्होंने कहा था, " एथलीट हमारी खिलाड़ी हमारी संपत्ति हैं और इन्हें सुरक्षा मुहैया कराना हमारी जिम्मेदारी है. "

नई दिल्ली : भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के महासचिव राजीव मेहता ने हाल में कहा था कि खिलाड़ियों को अपनी ट्रेनिंग को लेकर अभी जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. मेहता के इस विचार का अब कुछ खिलाड़ियों ने समर्थन किया है. ये वे खिलाड़ी हैं, जो फिलहाल कैम्प में या बाहर ट्रेनिंग करने के इच्छुक नहीं हैं.

राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज मनु भाकर नेकहा है कि वे तब तक किसी कैम्प में ट्रेनिंग के लिएनहीं जाएंगी, जब तक कि वह इस चीज को लेकर पूरी तरह से आश्वतस्त न हो जाएंकि उस कैम्प में ट्रेनिंग करना पूरी तरह से सुरक्षित है.

मनु भाकर
मनु भाकर
आठ बार की विश्व कप स्वर्ण पदक विजेता भाकर ने कहा, “जब तक और वे इसे बहुत अनिवार्य नहीं बनाते या हमें इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं करते कि यह वास्तव में सुरक्षित है, तब तक मैं किसी भी ट्रेनिंग कैम्प में नहीं जाऊंगी. हमें भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) द्वारा इलेक्ट्रॉनिक लक्ष्य और सुविधाएं प्रदान की गई हैं, इसलिए मैं अभी घर पर ही अभ्यास कर रही हूं. जबतक कोई बड़ा टूर्नामेंट नहीं हो रहा है या अगर वायरस का खतरा वास्तव में नहीं रहता है, तब तक मुझे प्रशिक्षण पर वापस लौटने का कोई कारण नहीं दिखताहै." महिला पहलवान पूजा ढांडा ने कहा कि उन्हें इस बात का आइडिया मिल गया है कि घर में कैसे प्रभावी तरीके से ट्रेनिंग करनी है. भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) ने स्पष्ट कर रखा है कि कुश्ती और मुक्केबाजी जैसे संपर्क वाले खेलों में शुरुआती चरण में कैम्प में केवल व्यक्तिगत ट्रेनिंग की इजाजत होगी. पूजा ने कहा, "मुझे लगता है कि अभी जिस गति से वायरस देश में फैल रहा है, उसे देखते हुए घर पर इंतजार करना बेहतर है." उन्होंने कहा, "कुश्ती एक ऐसा खेल है जिसमें आपको ट्रेनिंग करने के लिए एक साथी की आवश्यकता होती है और इसके निरंतर संपर्क की अनुमति नहीं है. शुरूआती चरणों में व्यक्तिगत ट्रेनिंग बिल्कुल वैसी ही है जैसा हम घर पर कर रहे हैं, इसलिए मुझे जोखिम लेने का कोई कारण नहीं दिखता है."
आईओए का लोगो
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उनके साथी पहलवान दिव्या काकरान ने कहा कि वह तभी बाहर ट्रेनिंग पर लौटेंगी जब उन्हें यकीन हो जाएगा कि यह काफी सुरक्षित है. काकरान ने कहा, "अगर वायरस के आस-पास की स्थिति सुरक्षित है तो मैं जाऊंगी. यदि लॉकडाउन समाप्त हो जाता है तो भी नहीं, मैं नहीं जाऊंगी. यहां तक कि अगर मैं जिन लोगों को जानती हूं, वे मुझे बताते हैं कि यह शिविर में सुरक्षितहै, लेकिन बाहर की स्थिति अभी भी खराब है और वायरस का कोई समाधान नहीं है तो मैं जाने के लिए सुरक्षित महसूस नहीं करूंगी." इससे पहले, आईओए के महासचिव राजीव मेहता ने कहा था कि खिलाड़ियों की ट्रेनिंग अभी शुरू नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि कोविड-19 के मामले हर दिन के साथ तेजी से बढ़ते जा रहे हैं.मेहता ने कहा था, "ऐसी भविष्यवाणी की गई है कि कोविड-19 के मामले जून में ज्यादा होंगे. लॉकडाउन के बाद भी मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसी स्थिति में खिलाड़ियों की ट्रेनिंग शुरू करने को लेकर जल्दबाजी क्यों?" उन्होंने कहा था, " एथलीट हमारी खिलाड़ी हमारी संपत्ति हैं और इन्हें सुरक्षा मुहैया कराना हमारी जिम्मेदारी है. "
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