मुंबई : पुरुष धावक जिनसन जॉनसन पिछले साल आईएसटीएफ बर्लिन इवेंट में काफी करीब से टोक्यो ओलम्पिक कोटा हासिल करने से चूक गए थे. वो एक बार फिर टोक्यो ओलम्पिक के लिए जद्दोजहद करेंगे.
ज्यादा टूर्नामेंट की मेजबानी से एथलीटों को होगा फायदा
28 साल के जॉनसन ने कहा, "मैं पिछले साल ट्रेनिंग के लिए अमेरिका गया था. वहां एक कॉलेज टूर्नामेंट काफी प्रचलित है और उसका स्तर भी काफी अच्छा है. ये टूर्नामेंट बिल्कुल यूरोपियन यूनिवर्सिटी टूर्नामेंट के स्तर का है.''
उन्होंने कहा, ''कई यूनिवर्सिटी स्तर के टूर्नामेंट में अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी आते हैं. इसलिए अगर भारत में यूनिवर्सिटी स्तर के खिलाड़ियों को समर्थन मिलता है तो ये अच्छी बात है." जॉनसन ने कहा कि भारत अगर ज्यादा से ज्यादा टूर्नामेंट की मेजबानी करेगा तो इससे एथलीटों को फायदा ही होगा.
मैं कोटा हासिल करने से काफी करीब से चूक गया
उन्होंने कहा, "विश्व स्तर पर अच्छा करने के लिए खिलाड़ियों को समर्थन चाहिए. भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) एथलीटों की स्पांसरशिप के लिए काफी कुछ कर रहा है. यूनिवर्सिटी स्तर पर खेलने वाले खिलाड़ी काम नहीं करते, इसलिए उन्हें खेलने के लिए पैसे की जरूरत होती है."
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जॉनसन पिछले साल आईएसटीएफ बर्लिन इवेंट में काफी करीब से टोक्यो ओलम्पिक कोटा हासिल करने से चूक गए थे. वो एक बार फिर टोक्यो ओलम्पिक के लिए जद्दोजहद करेंगे. उन्होंने कहा, "मेरा ध्यान इस समय ओलम्पिक कोटा हासिल करने पर है. 1500 मीटर के लिए क्वालीफिकेशन मार्क 3:35 मिनट है और मैंने 3:35.24 सेकेंड किया था. मैं काफी करीब से चूक गया."