नई दिल्ली: ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकीं महिला मुक्केबाज लवलिना भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के पटियाला स्थिति हॉस्टल में 26 दिन से बंद थीं और राष्ट्रीय मुक्केबाजी शिविर में हिस्सा लेने के लिए मंजूरी का इंतजार कर रही थीं.
शिविर में जुड़ने से पहले उन्हें 14 दिन क्वारंटीन रहना था, लेकिन अर्जुन अवॉर्ड पुरस्कार लेने के लिए उन्हें वर्चुअल समारोह में हिस्सा लेने के लिए 29 अगस्त को चंडीगढ़ जाना पड़ा. इसके दो दिन बाद ही उनका आइसोलेशन पीरिडयड खत्म हो रहा था और इसलिए उन्हें दोबारा पूरी तरह से क्वारंटीन होना पड़ा.
नेताजी सुभाष नेशनल इंस्टीयूट ऑफ स्पोर्ट्स के बाहर क्वारंटीन में रह रहीं लवलिना ने एजेंसी से फोन पर कहा, "मैंने 12 दिन पूरे कर लिए थे, लेकिन फिर मुझे अवॉर्ड समारोह के लिए चंडीगढ़ जाना पड़ा. मैं जब वहां से लौटी तो मुझे दोबारा क्वारंटीन पीरियड शुरू से शुरू करने को कहा गया."
उन्होंने कहा, "ये काफी परेशान करने वाला था लेकिन नियम तो नियम हैं और सुरक्षा के लिए हमें इनका पालन करना चाहिए. अब पूरे 26 दिन हो गए हैं, मैं कमरे में बंद हूं."
जब उनसे पूछा गया कि वो अपना समय कैसे काटती हैं तो उन्होंने कहा, "मानसिक तौर पर मैं काफी थक चुकी हूं, लेकिन मैं थोड़ा योगा करती हूं और बोरियत खत्म करने के लिए परिवार और दोस्तों से बात करती हूं."
लवलिना इस बात से खुश हैं कि उनका क्वारंटीन पीरियड मंगलवार को खत्म हो रहा है.
उन्होंने कहा, "मैं इस भावना को बता नहीं सकती. एक कमरे में बंद रहना और कुछ न करना कितना मुश्किल होता है. ऐसा लग रहा है कि मुझे आजादी मिल रही है."
शिविर में आने से पहले वो असम में थीं और उनके राज्य में लॉकडाउन था.
उन्होंने कहा, "हमारे राज्य में, कोई भी प्रोटोकॉल्स का पालन नहीं करता इसलिए लॉकडाउन लगाना जरूरी थी. जब एक अगस्त से शिविर शुरू हुआ था तब मैं आने के बारे में सोच रही थी, लेकिन फिर मैं अपने घर में ही कैद हो गई. शिविर में शामिल होने से पहले मैंने काफी कुछ चीजों का सामना किया है."
लवलिना ने कहा कि असम सरकार को एक बार फिर राज्य में लॉकडाउन लगा देना चाहिए, क्योंकि वहां लगातार कोविड-19 पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़ रही है.