नई दिल्ली : वैसे अगर देखा जाय तो फुटबॉल का विश्व कप 1930 में शुरू हो गया था, लेकिन इस अंतर्राष्ट्रीय खेल को अपना पहला शुभंकर 1966 में तब मिला जब इसका आयोजन इंग्लैंड में किया गया. अलग-अलग तरह के शुभंकर, लंबे समय से फीफा वर्ल्ड कप का अहम हिस्सा रहे हैं. खासतौर पर नौजवानों और बच्चों में यह काफी लोकप्रिय रहे हैं. शुभंकर न सिर्फ वर्ल्ड कप का प्रचार करता है, बल्कि लोगों के मनोरंजन का केन्द्र भी रहता है. हर वर्ल्ड कप के लिए शुभंकर का चयन कभी एक्सपर्ट के द्वारा कराया गया तो प्रशंसकों की वोटिंग के द्वारा चुना गया. साल 1966 में इंग्लैंड में हुए फीफा विश्व कप से शुभंकर की शुरुआत हुई और फीफा विश्व कप के इतिहास में तब से लेकर अब तक 15 शुभंकर आ चुके हैं. तो आइए देखते हैं कि कब कैसे शुभंकर पेश किए गए.....
1966 में इंग्लैंड में हुए फीफा विश्व कप से शुभंकर की शुरुआत हुई तो सबसे पहले ‘विली’ नाम का पहला शुभंकर लोगों के सामने आया. यह एक शेर था. इसे यूनियन जैक के थीम वाली टी-शर्ट पहना दिया गया था. कहा जाता है कि फ्रीलांस कलाकार रेग होय विली द्वारा इसे डिजाइन किया गया था. विश्व कप के इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि कहा गया. इसी के बाद से होने वाले अन्य आयोजनों में शुभंकरों का चयन किया जाने लगा और शुभंकर को टूर्नामेंट का एक अभिन्न अंग बनाया जाने लगा.
इसके बाद मेक्सिको में जब 1970 में फुटबॉल का विश्वकप आयोजित किया गया तो मेजबान देश के रंगों में रंगा एक सोम्ब्रेरो वाला मैक्सिकन लड़का ‘जुएनिटो’ शुभंकर के रूप में आया. यह अपनी स्टाइलिश अदा के लिए काफी लोकप्रिय हुआ था.
असके बाद अगला फीफा विश्वकप पश्चिम जर्मनी में 1974 में आयोजित किया गया. इस फीफा विश्वकप में दो बच्चों 'टिप और टैप' को शुभंकर के रूप में स्वीकार किया गया. दोनों काफी चुलबुले स्वभाव के दिखते थे.
शुभंकर के रूप में 1978 में अर्जेंटीना में आयोजित विश्वकप में एक युवा लड़के की थीम का कुशल घुड़सवार चुना गया. उसका नाम 'गौचिटो' दिया गया. 'गैचिटो' के पास एक पीले रंग का रूमाल और एक चाबुक था, जो दक्षिण अमेरिकी देश के कुशल घुड़सवारों का प्रतीक था.
1982 के फीफा विश्वकप के आयोजन के समय स्पेन ने इसमें बदलाव किया और एक फल को शुभंकर के रूप में पेश किया. ‘नारंजितो’ नाम के शुभंकर स्पेनिश जर्सी में मुस्कराते हुए देखा गया था.
1986 में मेक्सिको में आयोजित विश्वकप में अपने शुभंकर को एक सब्जी के मैदान में पेश किया. मैक्सिको ने इसे 'पीक' का नाम दिया. यह मेक्सिको की एक प्रसिद्ध मिर्च है, जिसका इस्तेमाल मैक्सिकन खाने में बहुत किया जाता है. इसकी टोपी काफी लोकप्रिय हुयी थी.
1990 में फीफा विश्व कप इटली में आयोजित हुआ था. इस दौरान एक अनोखे शुभंकर को तैयार कर उसका नाम 'सियाओ' रखा गया. एक लचीली छड़ी रक फुटबॉल को टिकाकर इतालवी रंगों के चौकोर ब्लॉकों से उसका शरीर बना दिया गया था. इसे एक स्टिक खिलाड़ी का रूप दिया गया था.
साल 1994 में फीफा विश्व कप का आयोजन अमेरिका में हुआ, तो अमेरिकी लोगों की पसंद कहे जाने वाले पालतू कुत्ते को केन्द्र में रखकर वर्ल्ड कप का शुभंकर 'स्ट्राइकर' बनाया गया, जिसने अमेरिकन झंडे के रंग का कपड़ा पहना था और फुटबॉल को किक मारते हुए दिख रहा था.
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इसके बाद साल 1998 में फीफा विश्व कप का आयोजन जब फ्रांस में किया गया, तो फ्रांस का राष्ट्रीय चिन्ह मुर्गा की शक्ल के आधार पर वर्ल्ड कप का शुभंकर 'फूटिक्स' बनाया गया, जो फ्रांस की किट के नीले रंग में रंगा था और हाथ में फुटबॉल पकड़े हुए था. इसके सीने पर ‘फ़्रांस 98’ लिखा हुआ था.
साल 2002 में जापान और कोरिया की संयुक्त मेजबानी में खेले गए फीफा वर्ल्ड कप में तीन शुभंकरों का एक थीम था, जिनके नाम 'एटो', 'काज़' और 'निक' रखे गए थे. ये तीनों खिलाड़ी फुटबॉल के साथ देखे गए थे. इन्हें नए युग के आगमन को प्रदर्शित करने वाला कहा गया था.
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इसके बाद अगला फीफा विश्वकप 2006 में जर्मनी में खेला गया, जिसमें शुभंकर गोल और लियो से मिलकर 'गोलियो' बना. इसमें एक शेर जर्मनी टीम की टी-शर्ट पहने हुए दिख रहा था. वह अपने एक हाथ में फुटबॉल भी पकड़े हुए था.
फीफा विश्व कप 2010 का आयोजन दक्षिण अफ्रीका में किया गया था. तेंदुए की अधिकता वाले देश में इसी पर आधारित शुभंकर बनाया गया. फिर इसको 'जाकूमी' नाम दिया गया जो हरे और गोल्डेन रंग में खड़े होकर लोगों का अभिवादन करते दिख रहा था.
फीफा विश्व कप 2014 का आयोजन ब्राजील में हुआ था. तो वहां की विलुप्त होती कई देशी प्रजातियों को ध्यान में रखकर शुभंकर बनाया गया. फुटबॉल और पारिस्थितिकी के मिश्रण का संदेश देने वाले शुभंकर नाम 'फूलेको' रखा गया था. यह ब्राजील के झंडे के रंगों के समेटे हुए था.
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विश्व कप के प्रतीक जानवरों का चलन रूस में 2018 में आयोजित विश्व कप में भी देखा गया, जहां शुभंकर एक भेड़िये पर आधारित था. इसे ‘ज़बविका’ नाम दिया गया था. इसके सेलेक्शन के लिए दुनिया भर में इंटरनेट पर सार्वजनिक रुप से मतदान कराकर चयनित किया गया था.
टूर्नामेंट के इतिहास में पहली बार कतर 2022 में शुभंकर को कपड़े के आकर में देखा जा रहा है. ‘लाईब’ नाम देकर इसे लोकप्रिय बनाया जा रहा है. अरबी भाषा में ‘लाईब’ का अर्थ ‘सुपर-कुशल खिलाड़ी’ होता है. जिसे अरब के पुरुषों द्वारा पहने जाने वाले एक पारंपरिक हेडड्रेस से जोड़कर प्रमोट किया गया है.
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