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आईओसी ने भारत की अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स की मेजबानी से प्रतिबंध हटाया - आईओसी

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने गुरुवार को भारत पर अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट्स की मेजबानी पर लगे प्रतिबंध को तुरंत प्रभाव से हटा लिया है. आईओसी ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को एक पत्र लिखकर इस बात की जानकारी दी. इस पत्र की एक प्रति आईएएनएस के पास भी है.

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Published : Jun 20, 2019, 11:08 PM IST

नई दिल्ली : खेल मंत्रालय ने मंगलवार को ही आईओए को पत्र लिखकर कहा था कि वो उन सभी देशों और खिलाड़ियों को भारत में अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा लेने की अनुमति देगा जिन्हें आईओसी से मान्यता प्राप्त है.

इस पत्र को आईओए ने आईओसी के पास भेजा जिस पर आईओसी के कार्यकारी बोर्ड की बैठक हुई और भारत पर से अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट की मेजबानी को लेकर लगा प्रतिबंध तुरंत प्रभाव से हटा लिया गया.

समिति के निदेशक जेम्स मैक्लोड

  • आईओसी के ओलंपिक एकता तथा अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) समिति के निदेशक जेम्स मैक्लोड ने पत्र में लिखा है, "हमें आपका 18 जून को 2019 का पत्र मिला, जिसमें भारतीय सरकार की सफाई थी. आईओसी कार्यकारी बोर्ड ने आज (गुरुवार) को बैठक में स्थिति की समीक्षा की कि भारत सरकार ने जो पत्र लिखा है, उसके आधार पर खिलाड़ियों और टीमों से अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा और उनका बकायदा सम्मान किया जाएगा, ताकि योग्य खिलाड़ियों, और प्रतिनिधिमंडल को किसी तरह की परेशानी नहीं आए. साथ ही वह देश में कदम रख सके और बिना उस देश के उत्स को देखे, उसे अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा लेने दिया जाएगा."
    अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति
    अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति

पत्र में आगे लिखा है, "इसे देखकर हमने फैसला लिया है कि 21 फरवरी, 2019 को आईओसी के कार्यकारी बोर्ड ने अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट की मेजबानी को लेकर भारत पर रोक और प्रतिबंध लगाया था, उसे तुरंत प्रभाव से हटा लिया गया है, साथ ही सभी अंतरराष्ट्रीय महासंघों को इसकी जानकारी दे गई है."

विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप का आयोजन

बीते साल भारत ने विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप का आयोजन किया था, जिसमें कोसोवो के खिलाड़ियों, अधिकारियों और प्रशिक्षकों को हिस्सा लेने की अनुमति भारतीय सरकार ने नहीं दी थी. कोसोवो को भारत ने मान्यता नहीं दी है. इस पर काफी विवाद हुआ था और आईओसी ने भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट की मेजबानी को लेकर प्रतिबंध लगा दिया था.

इस मुद्दे को खेल मंत्रालय के सामने रखा गया था. इस बाबत खेल सचिव राधे श्याम जूलानिया ने आईओए को पत्र लिख कर कहा था कि हर उस देश और राष्ट्रीय महासंघ को भारत में अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में हिस्सा लेने की अनुमति होगी जो आईओसी से मान्यता प्राप्त हैं. इस पत्र की एक प्रति आईएएनएस के पास है.

राष्ट्रीय महासंघ से मान्यता

खेल सचिव द्वारा आईओए के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा को लिखे गए पत्र में कहा गया है, "यह हमारी नीति रही है कि हम अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं की मेजबानी करें और उन सभी राष्ट्रीय ओलंपिक समिति को हिस्सा लेने की इजाजत दें जो आईओसी या अंतरराष्ट्रीय महासंघ से जुड़े राष्ट्रीय महासंघ से मान्यता प्राप्त हैं."

पत्र में लिखा गया है, "इस तरह की हिस्सेदारी पर हमारी राजनीतिक स्थिति और अन्य राजनीतिक मुद्दों को लेकर अपनाई गई हमारी सैद्धांतिक नीति जिसमें अंतरराष्ट्रीय मान्यता तथा खिलाड़ियों के देश की स्थिति का मुद्दा शामिल है, को कोई असर नहीं होगा. भारतीय सरकार उन सभी खिलाड़ियों, अधिकारियों को भारत में होने वाले अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में हिस्सा लेने की अनुमति देगी जो आईओसी से मान्यता प्राप्त हैं."

आईओए के अध्यत्र बत्रा ने इसके लिए खेल मंत्रालय और खेल मंत्री को धन्यवाद दिया था. बत्रा ने साथ-साथ भारतीय मुक्केबाज महासंघ (बीएफआई) के अध्यक्ष अजय सिंह का भी समर्थन के लिए शुक्रिया अदा किया है.

नई दिल्ली : खेल मंत्रालय ने मंगलवार को ही आईओए को पत्र लिखकर कहा था कि वो उन सभी देशों और खिलाड़ियों को भारत में अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा लेने की अनुमति देगा जिन्हें आईओसी से मान्यता प्राप्त है.

इस पत्र को आईओए ने आईओसी के पास भेजा जिस पर आईओसी के कार्यकारी बोर्ड की बैठक हुई और भारत पर से अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट की मेजबानी को लेकर लगा प्रतिबंध तुरंत प्रभाव से हटा लिया गया.

समिति के निदेशक जेम्स मैक्लोड

  • आईओसी के ओलंपिक एकता तथा अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) समिति के निदेशक जेम्स मैक्लोड ने पत्र में लिखा है, "हमें आपका 18 जून को 2019 का पत्र मिला, जिसमें भारतीय सरकार की सफाई थी. आईओसी कार्यकारी बोर्ड ने आज (गुरुवार) को बैठक में स्थिति की समीक्षा की कि भारत सरकार ने जो पत्र लिखा है, उसके आधार पर खिलाड़ियों और टीमों से अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा और उनका बकायदा सम्मान किया जाएगा, ताकि योग्य खिलाड़ियों, और प्रतिनिधिमंडल को किसी तरह की परेशानी नहीं आए. साथ ही वह देश में कदम रख सके और बिना उस देश के उत्स को देखे, उसे अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा लेने दिया जाएगा."
    अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति
    अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति

पत्र में आगे लिखा है, "इसे देखकर हमने फैसला लिया है कि 21 फरवरी, 2019 को आईओसी के कार्यकारी बोर्ड ने अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट की मेजबानी को लेकर भारत पर रोक और प्रतिबंध लगाया था, उसे तुरंत प्रभाव से हटा लिया गया है, साथ ही सभी अंतरराष्ट्रीय महासंघों को इसकी जानकारी दे गई है."

विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप का आयोजन

बीते साल भारत ने विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप का आयोजन किया था, जिसमें कोसोवो के खिलाड़ियों, अधिकारियों और प्रशिक्षकों को हिस्सा लेने की अनुमति भारतीय सरकार ने नहीं दी थी. कोसोवो को भारत ने मान्यता नहीं दी है. इस पर काफी विवाद हुआ था और आईओसी ने भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट की मेजबानी को लेकर प्रतिबंध लगा दिया था.

इस मुद्दे को खेल मंत्रालय के सामने रखा गया था. इस बाबत खेल सचिव राधे श्याम जूलानिया ने आईओए को पत्र लिख कर कहा था कि हर उस देश और राष्ट्रीय महासंघ को भारत में अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में हिस्सा लेने की अनुमति होगी जो आईओसी से मान्यता प्राप्त हैं. इस पत्र की एक प्रति आईएएनएस के पास है.

राष्ट्रीय महासंघ से मान्यता

खेल सचिव द्वारा आईओए के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा को लिखे गए पत्र में कहा गया है, "यह हमारी नीति रही है कि हम अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं की मेजबानी करें और उन सभी राष्ट्रीय ओलंपिक समिति को हिस्सा लेने की इजाजत दें जो आईओसी या अंतरराष्ट्रीय महासंघ से जुड़े राष्ट्रीय महासंघ से मान्यता प्राप्त हैं."

पत्र में लिखा गया है, "इस तरह की हिस्सेदारी पर हमारी राजनीतिक स्थिति और अन्य राजनीतिक मुद्दों को लेकर अपनाई गई हमारी सैद्धांतिक नीति जिसमें अंतरराष्ट्रीय मान्यता तथा खिलाड़ियों के देश की स्थिति का मुद्दा शामिल है, को कोई असर नहीं होगा. भारतीय सरकार उन सभी खिलाड़ियों, अधिकारियों को भारत में होने वाले अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में हिस्सा लेने की अनुमति देगी जो आईओसी से मान्यता प्राप्त हैं."

आईओए के अध्यत्र बत्रा ने इसके लिए खेल मंत्रालय और खेल मंत्री को धन्यवाद दिया था. बत्रा ने साथ-साथ भारतीय मुक्केबाज महासंघ (बीएफआई) के अध्यक्ष अजय सिंह का भी समर्थन के लिए शुक्रिया अदा किया है.

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अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने गुरुवार को भारत पर अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट्स की मेजबानी पर लगे प्रतिबंध को तुरंत प्रभाव से हटा लिया है. आईओसी ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को एक पत्र लिखकर इस बात की जानकारी दी. इस पत्र की एक प्रति आईएएनएस के पास भी है.



नई दिल्ली : खेल मंत्रालय ने मंगलवार को ही आईओए को पत्र लिखकर कहा था कि वो उन सभी देशों और खिलाड़ियों को भारत में अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा लेने की अनुमति देगा जिन्हें आईओसी से मान्यता प्राप्त है.



इस पत्र को आईओए ने आईओसी के पास भेजा जिस पर आईओसी के कार्यकारी बोर्ड की बैठक हुई और भारत पर से अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट की मेजबानी को लेकर लगा प्रतिबंध तुरंत प्रभाव से हटा लिया गया.



समिति के निदेशक जेम्स मैक्लोड



आईओसी के ओलंपिक एकता तथा अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) समिति के निदेशक जेम्स मैक्लोड ने पत्र में लिखा है, "हमें आपका 18 जून को 2019 का पत्र मिला, जिसमें भारतीय सरकार की सफाई थी. आईओसी कार्यकारी बोर्ड ने आज (गुरुवार) को बैठक में स्थिति की समीक्षा की कि भारत सरकार ने जो पत्र लिखा है, उसके आधार पर खिलाड़ियों और टीमों से अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा और उनका बकायदा सम्मान किया जाएगा, ताकि योग्य खिलाड़ियों, और प्रतिनिधिमंडल को किसी तरह की परेशानी नहीं आए. साथ ही वह देश में कदम रख सके और बिना उस देश के उत्स को देखे, उसे अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा लेने दिया जाएगा."



पत्र में आगे लिखा है, "इसे देखकर हमने फैसला लिया है कि 21 फरवरी, 2019 को आईओसी के कार्यकारी बोर्ड ने अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट की मेजबानी को लेकर भारत पर रोक और प्रतिबंध लगाया था, उसे तुरंत प्रभाव से हटा लिया गया है, साथ ही सभी अंतरराष्ट्रीय महासंघों को इसकी जानकारी दे गई है."



विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप का आयोजन



बीते साल भारत ने विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप का आयोजन किया था, जिसमें कोसोवो के खिलाड़ियों, अधिकारियों और प्रशिक्षकों को हिस्सा लेने की अनुमति भारतीय सरकार ने नहीं दी थी. कोसोवो को भारत ने मान्यता नहीं दी है. इस पर काफी विवाद हुआ था और आईओसी ने भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट की मेजबानी को लेकर प्रतिबंध लगा दिया था.



इस मुद्दे को खेल मंत्रालय के सामने रखा गया था. इस बाबत खेल सचिव राधे श्याम जूलानिया ने आईओए को पत्र लिख कर कहा था कि हर उस देश और राष्ट्रीय महासंघ को भारत में अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में हिस्सा लेने की अनुमति होगी जो आईओसी से मान्यता प्राप्त हैं. इस पत्र की एक प्रति आईएएनएस के पास है.



राष्ट्रीय महासंघ से मान्यता



खेल सचिव द्वारा आईओए के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा को लिखे गए पत्र में कहा गया है, "यह हमारी नीति रही है कि हम अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं की मेजबानी करें और उन सभी राष्ट्रीय ओलंपिक समिति को हिस्सा लेने की इजाजत दें जो आईओसी या अंतरराष्ट्रीय महासंघ से जुड़े राष्ट्रीय महासंघ से मान्यता प्राप्त हैं."



पत्र में लिखा गया है, "इस तरह की हिस्सेदारी पर हमारी राजनीतिक स्थिति और अन्य राजनीतिक मुद्दों को लेकर अपनाई गई हमारी सैद्धांतिक नीति जिसमें अंतरराष्ट्रीय मान्यता तथा खिलाड़ियों के देश की स्थिति का मुद्दा शामिल है, को कोई असर नहीं होगा. भारतीय सरकार उन सभी खिलाड़ियों, अधिकारियों को भारत में होने वाले अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में हिस्सा लेने की अनुमति देगी जो आईओसी से मान्यता प्राप्त हैं."



आईओए के अध्यत्र बत्रा ने इसके लिए खेल मंत्रालय और खेल मंत्री को धन्यवाद दिया था. बत्रा ने साथ-साथ भारतीय मुक्केबाज महासंघ (बीएफआई) के अध्यक्ष अजय सिंह का भी समर्थन के लिए शुक्रिया अदा किया है.


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