पणजी : भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने कोरोना टीका को लेकर खेल और स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच तालमेल की कमी की शिकायत की है. टोक्यो ओलंपिक के लिए जाने में अब सिर्फ चार महीनों का समय बचा है और ऐसे में अभी तक आईओए को सरकार से टीकाकरण को लेकर कोई सूचना नहीं मिली है.
आईओए के महासचिव राजीव मेहता ने बताया है कि ओलंपिक में जाने वाले एथलीटों के लिए कोरोना टीका को लेकर अभी तक कोई सूचना नहीं दी गई है.
गुरुवार को पुरुष 65 किग्रा वर्ग के पहलवान बजरंग पुनिया ने बताया था कि उन्होंने कोरोना टीका का पहला डोज ले लिया है. मेहता ने कहा कि ये अच्छा है कि पुनिया ने कोरोना टीका ले लिया है लेकिन अन्य एथलीटों को टीका लगना बाकी है और वो टीकाकरण की प्रक्रिया पर स्पष्टीकरण चाहते हैं.
मेहता ने कहा, "खिलाड़ियों की सुरक्षा महत्वपूर्ण है. सरकार ने ओलंपिक के लिए एलीट एथलीटों को तैयार करने के लिए बड़ी राशि खर्च की है लेकिन आईओए के पास खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ के लिए टीका को लेकर कोई सूचना नहीं है."
मेहता ने बताया कि उन्होंने एथलीटों को प्राथमिकता देने के लिए दो महीने पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखा था लेकिन मंत्रालय ने खिलाड़ियों के लिए टीका को लेकर अभी तक कुछ जवाब नहीं दिया है.
इससे पहले मार्च के पहले सप्ताह की शुरुआत में केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू ने कहा था कि उनका मंत्रालय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ समन्वय स्थापित कर रहा है.
रिजिजू ने सात मार्च को कहा था, "जो शीर्ष एथलीट ओलंपिक की तैयारी कर रहे हैं वो हमारी पहली प्राथमिकता हैं. लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय को आखिरी फैसला लेना है."
पुनिया के अलावा रवि दहिया (57 किग्रा), दीपक पुनिया (86 किग्रा) और विनेश फोगाट (महिला 53 किग्रा) ने टोक्यो ओलंपिक का कोटा हासिल किया है लेकिन भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) का कहना है कि उन्हें तीनों मुक्केबाजों के टीका को लेकर कोई जानकारी नहीं है.
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डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा, "हमें आईओए या खेल मंत्रालय की ओर से ओलंपिक में जाने वाले पहलवानों के कोरोना टीकाकरण की तारीख को लेकर कोई जानकारी नहीं मिली है."