नई दिल्ली: भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने शनिवार को घोषणा की कि 215 एथलीटों, 107 अधिकारियों और सहायक कर्मचारियों सहित 322 सदस्यीय भारतीय दल 28 जुलाई से 8 अगस्त के बीच बर्मिंघम में होने वाले राष्ट्रमंडल (सीडब्ल्यूजी) खेलों 2022 में भारत का प्रतिनिधित्व करेगा.
आईओए के प्रधान सचिव राजीव महता ने कहा, हम राष्ट्रमंडल खेलों में अपने सबसे मजबूत दस्तों में से एक को भेज रहे हैं. यहां तक कि हमारे लिए एक ताकतवर खेल जैसे कि शूटिंग नहीं होने के बावजूद, हम पिछले सीजन से अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए आश्वस्त हैं. प्रतियोगिता विश्व स्तरीय और भयंकर होगी लेकिन हमारे एथलीटों ने अच्छी तैयारी की है. हम उन सभी को शुभकामनाएं देते हैं.
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उन्होंने आगे बताया, यह कहने की जरूरत है कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने हाल के वर्षों में ओलंपिक खेलों को अभूतपूर्व समर्थन प्रदान किया है और ओलंपिक खेलों में हमारा अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन इसका प्रमाण है. हम इसके लिए हमेशा आभारी रहेंगे और हमारे एथलीट यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके द्वारा किए गए अथक प्रयासों के लिए समृद्ध पुरस्कार प्राप्त हों, जिनमें से अधिकांश केंद्रीय खेल मंत्रालय और भारतीय खेल प्राधिकरण के हैं.
नीरज चोपड़ा के अलावा टीम में कुछ प्रमुख नामों में ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु, मीराबाई चानू, लवलीना बोरगोहेन, बजरंग पुनिया और रवि कुमार दहिया शामिल हैं. गत राष्ट्रमंडल चैंपियन मनिका बत्रा और विनेश फोगट के साथ-साथ 2018 एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता तजिंदरपाल सिंह तूर, हिमा दास और अमित पंघाल हैं.
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बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएफआई) के उपाध्यक्ष राजेश भंडारी को टीम का शेफ डी मिशन नियुक्त किया गया है. टीम इंडिया पैरा-स्पोर्ट्स श्रेणी में 15 खेलों के साथ-साथ चार प्रतियोगिताओं में प्रतिस्पर्धा करेगी. कुछ प्रतियोगिता में जहां भारत अच्छा प्रदर्शन करना चाहता है, उनमें मुक्केबाजी, बैडमिंटन, हॉकी, वेटलिफ्टिंग, महिला क्रिकेट और कुश्ती जैसे पारंपरिक रूप से मजबूत खेल शामिल हैं.
एथलेटिक्स, साइकिलिंग, तैराकी और टेबल टेनिस में भारतीय दल मजबूत हैं और चुनौती देने के लिए तैयार हैं. बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के लिए भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने अडानी स्पोर्ट्सलाइन को प्रमुख प्रायोजक के रूप में शामिल किया है, जबकि जेएसडब्ल्यू इंस्पायर प्रमुख प्रायोजक रहेगा.
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बता दें, ऑस्ट्रेलिया में पिछले सीजन के मुकाबले सदस्यीय दल भारत के प्रदर्शन में सुधार करना चाहेगा. हालांकि, भारत 2018 में 66 पदक के साथ ऑस्ट्रेलिया (198) और इंग्लैंड (136) के बाद तीसरे स्थान पर रहा.