नई दिल्ली: ओलंपिक में देश के एकमात्र व्यक्तिगत स्वर्ण पदक विजेता के तमगे से 'उब' चुके अभिनव बिंद्रा ने कहा कि भारत के युवा निशानेबाजों के पास टोक्यो ओलंपिक में सफलता हासिल करने का वास्तविक मौका रहेगा.
भारत ने निशानेबाजी में रिकॉर्ड 15 कोटा स्थान हासिल किए हैं. इस दौरान भारतीय खिलाड़ियों ने राइफल पिस्टल विश्व कप और सत्र के आखिरी विश्व कप फाइनल्स में अच्छा प्रदर्शन किया था.
रियो ओलंपिक में भारतीय निशानेबाज पदक जीतने में नाकाम रहे थे. बिंद्रा ने कहा, 'हमारे देश में प्रतिभा की कमी नहीं है और उन्हें बहुत अच्छी सुविधाएं मिल रही हैं. कई खिलाड़ियों ने 16-17 साल की उम्र में ओलंपिक में जगह बनायी है और उनके पास खेलों में पदक जीतने का वास्तविक मौका है.'
उन्होंने कहा, 'इस युवावस्था में एलीट स्तर पर पहुंचने का मतलब है कि वे वास्तव में बेहद प्रतिभाशाली हैं. उन्होंने विश्व भर में शीर्ष प्रतियोगिताओं में जीत दर्ज की है और प्रत्येक ने इसके दम पर ओलंपिक में जगह बनायी है. मुझे उम्मीद है कि वे कुछ स्वर्ण पदक जीतकर लाएंगे और मेरे क्लब में शामिल होंगे क्योंकि मैं इसमें अकेले उब चुका हूं.'
बता दें कि बिंद्रा ने पिछले महीने बेंगलुरु में स्थित अपने फाउंडेशन में दो शरणार्थी निशानेबाजों की मेजबानी की थी. इस फाउंडेशन की शुरुआत बिंद्र के दोस्त और तीन बार के इटली ओलंपिक विजेता निकोलो कैंपियानी ने की थी.
फाउंडेशन के माध्यम से ये दोनों शरणार्थी निशानेबाजों को एयर राइफल में प्रशिक्षित करके उनको शरणार्थी ओलंपिक टीम के साथ भाग लेने में मदद करना है, जिसकी शुरुआत 2016 रियो ओलंपिक में हुई थी.